दिल्ली: कल ही 17 बैंकों के एक कंसोर्टियम ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाईं थी कि विजय माल्या (VIjay mallya) को देश से बाहर जाने से रोक जाए. विजय माल्या देश के 17 बैंकों के हजारों करोड़ रुपये के क़र्ज़ को चुका नहीं पाये हैं और बैंकों को आशंका थी कि अगर विजय माल्या देश से बाहर चले गए तो इस क़र्ज़ की कभी रिकवरी नहीं हो पायेगी. बैंकों की यह आशंका सच साबित हुई और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा की शराब व्यवसाय के शहंशाह विजय माल्या 2 मार्च को ही भारत छोड़ कर भाग चुके हैं – यानी एक सप्ताह पहले ही माल्या भारत से भाग चुके हैं और अब उनके हाथ लगने की संभावना काम ही हैं.
आप को बता दें कि विजय माल्या पर बैंकों का लगभग 9000 करोड़ ना चूका पाने का केस चल रहा है और वे इस मामले में पहले ही बैंकों द्वारा डिफाल्टर घोषित हो चुके हैं. अटॉर्नी जनरल (AG) मुकुल रोहतगी ने आज इस मामले की कोर्ट में कार्रवाही के दौरान माननीय सुप्रीम कोर्ट को बताया – “मैंने अभी थोड़ी देर पहले सीबीआई से बात की है और उन्होंने मुझे बताया है कि माल्या 2 मार्च को ही देश छोड़ कर जा चुके हैं” मुकुल रोहतगी ने यह बयान सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच जस्टिस कुरियन जोसेफ और जस्टिस आर ऍफ़ नरीमन के सामने दिया.
बैंकों ने सुप्रीम कोर्ट के सामने अपील दायर कर न सिर्फ माल्या का पासपोर्ट जब्त करने का आग्रह किया था बल्कि उन्हें कोर्ट में समनकरने का भी आग्रह किया था. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने बुधवार को माल्या को एक नोटिस जारी कर इस मामले में उनका पक्ष २ हफ्ते के अंदर रखने को कहा था.
जैसे ही कोर्ट को यह बताया गया कि माल्या ने देश पहले ही छोड़ दिया है, कोर्ट की बेंच ने तुरंत अटॉर्नी जनरल की यह दलील स्वीकार कर ली कि माल्या को इंग्लॅण्ड में हाई कमीशन के द्वारा उनके राज्य सभा के ईमेल आई-डी पर नोटिस सर्वे किया जाए. कोर्ट ने नोटिस को माल्या के वकील के थ्रू भी सर्वे करने का आदेश दिया जो कई हाई कोर्ट्स और डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल में माल्या के खिलाफ चल रहे अनेकों मामले में माल्या को रिप्रेजेंट कर रहे हैं.
कम देर तक चली सुनवाई में अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि माल्या कोई न कोई बहाना बना कर बैंकों का 9000 करोड़ से अधिक का क़र्ज़ चुकाने से बच रहे हैं. उन्होंने कहा कि माल्या के खिलाफ बैंगलोर और गोवा में डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल में भी कार्रवाही चल रही है.
कोर्ट ने जब पूछा कि याचिकाकर्ता (बैंक्स) क्या चाहते हैं तो अटॉर्नी जनरल ने कहा कि बैंकों का कोर्ट से आग्रह है कि माल्या के खिलाफ एक गार्निशी आर्डर हो और माल्या को डिस्क्लोजर के लिए आदेश दिया जाये. रोहतगी ने कहा कि बैंकों चाहते हैं कोर्ट माल्या का पासपोर्ट रद्द करे और उन्हें कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आर्डर दे.
रोहतगी ने कहा कि माल्या के पास देश और विदेश में लोन की राशि से कहीं अधिक की चल-अचल संपत्ति है फिर भी वह बैंकों का लोन नहीं चुका रहे हैं. इस पर कोर्ट ने पूछा कि ऐसी स्थिति में माल्या को इतना लोन क्यों दिया गया. इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि माल्या को लोन देते वक़्त देखा गया था कि उनके पास किंगफ़िशर एयरलाइन्स थी जिसके पास एक बड़ा फ्लीट था और साथ ही बड़ी ब्रांड वैल्यू भी थी. लोन किंगफ़िशर के लोगो और ऐरक्राफ्ट्स के आधार पर दिए गए थे जो कि थर्ड पार्टी के पास गिरवी थे.
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि – आज मैं कोर्ट से दरख्वास्त करता हूँ कि माल्या कोर्ट में पेश हों, डिस्क्लोजर करें. हम उनसे पैसा रिकवर करना चाटे हैं जो देश की जनता का पैसा है.”
सुप्रीम कोर्ट में जाने से पहले बैंकों के कंसोर्टियम ने बैंगलोर के डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल में अपील की थी कि माल्या का पासपोर्ट जब्त किया जाये, उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया जाये, उनके खिलाफ गार्निशी आर्डर जारी किया जाये और डाइजीयो पिक और यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड को भागी बनाया जाये. साथ ही बैंक यह भी चाहते हैं कि माल्या अपनी संपत्ति का खुलासा करें.
SBI के अलावा अन्य बैंक जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है और माल्या ने जिनका पैसा नहीं चुकाया है वे हैं – Axis Bank Limited, Bank of Baroda, Corporation Bank, Federal Bank Limited, IDBI Bank Limited, Indian Overseas Bank, Jammu and Kashmir Bank Limited, Punjab and Sind Bank, Punjab National Bank, State Bank of Mysore, UCO Bank and United Bank of India.