चाणक्य नीति

Advertisement

भोजन के महत्व के बारे में चाणक्य के विचार

भोज्यं भोजनशक्तिश्च रतिशक्तिर वरांगना । विभवो दानशक्तिश्च नाऽल्पस्य तपसः फलम् ॥ भोज्य पदाथ, भोजन-शक्ति, रतिशक्ति, सुन्दर स्त्री, वैभव तथा दान-शक्ति, ये सब सुख [...]
Advertisement

विद्वानों के सम्बन्ध में चाणक्य के ये रोचक विचार

मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टास्त्रीभरणेन च। दुःखितैः सम्प्रयोगेण पण्डितोऽप्यवसीदति॥ मूर्ख शिष्य को पढ़ाने पर , दुष्ट स्त्री के साथ जीवन बिताने पर तथा दुःखियों- रोगियों के [...]
Advertisement
Advertisement

सही तपस्या कैसे करें- जानिए आचार्य चाणक्य से

भोज्यं भोजनशक्तिश्च रतिशक्तिर वरांगना । विभवो दानशक्तिश्च नाऽल्पस्य तपसः फलम् ॥ भोज्य पदाथ, भोजन-शक्ति, रतिशक्ति, सुन्दर स्त्री, वैभव तथा दान-शक्ति, ये सब सुख [...]
Advertisement

मनुष्य के स्वभाव पर चाणक्य के अनमोल विचार

गुणैरुत्तमतां यान्ति नोच्चैरासनसंस्थितैः । प्रसादशिखरस्थोऽपि किं काको गरुडायते ॥ गुणों से ही मनुष्य बड़ा बनता है, न कि किसी ऊंचे स्थान पर बैठ [...]
Advertisement

दान की महिमा एवं इसके सही तरीके को जानिए चाणक्य के इन विचारों से

दारिद्रयनाशनं दानं शीलं दुर्गतिनाशनम्। अज्ञानतानाशिनी प्रज्ञा भावना भयनाशिनी॥ दान दरिद्रता को नष्ट कर देता है । शील स्वभाव से दुःखों का नाश होता [...]
Advertisement

किसी को भी गुरु मानने से पहले पढ़ लें चाणक्य की ये नीतियां

त्यजेद्धर्म दयाहीनं विद्याहीनं गुरुं त्यजेत्। त्यजेत्क्रोधमुखी भार्या निःस्नेहान्बान्धवांस्यजेत्॥ धर्म में यदि दया न हो तो उसे त्याग देना चाहिए । विद्याहीन गुरु को, क्रोधी [...]
Advertisement

जानिये चाणक्य ने विद्यार्थी को कौन से आठ काम करने से मना किया है?

Chanakya Neeti – Vidyarthi par Chanakya ke Anmol vichar सुखार्थी चेत् त्यजेद्विद्यां त्यजेद्विद्यां विद्यार्थी चेत् त्यजेत्सुखम्। सुखार्थिनः कुतो विद्या कुतो विद्यार्थिनः सुखम्॥ यदि [...]
Advertisement
Advertisement

आचार्य चाणक्य ने कहा है कि अगर करेंगे यह काम तो एक दिन भी नहीं रुकेगी लक्ष्मी आपके घर !

अन्यायोपार्जितं वित्तं दशवर्षाणि तिष्ठति । प्राप्ते चैकादशे वर्षे समूलं तद् विनश्यति॥ लक्ष्मी वैसे ही चंचल होती है परन्तु चोरी, जुआ, अन्याय और धोखा [...]