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पशुपति में कौन सा समास है? पशुपति का समास-विग्रह क्या है?

Pashupati mein kaun sa samas hai? Pashupati ka samas-vigrah kya hota hai?

पशुपति में कौन सा समास है?

बहुब्रीहि समास – पशुपति शब्द में बहुब्रीहि समास है।
पशुपति में समास का उपभेद बहुब्रीहि समास है
Pashupati mein kaun sa Samas hota hai?
Bahuvrihi Samas  – Pashupati shabd mein Bahuvrihi Samas  hai.

पशुपति का समास-विग्रह क्या है? Pashupati ka Samas-Vigrah kya hai?

पशुपति शब्द का समास-विग्रह निम्नानुसार होगा :

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समास (समस्त पद) समास-विग्रह
पशुपति : पशुओं का पति (स्वामी)-शिव
Pashupati : Pashauon ka pati (Swami) – Shiv

क्योंकि पशुपति में बहुब्रीहि समास है इसलिए हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए बहुब्रीहि समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण को यहाँ पर संक्षेप में समझाया है। अगर विद्यार्थी बहुब्रीहि समास को विस्तार से पढ़ना चाहें तो नीचे दिये गए लिंक (बहुब्रीहि समास की परिभाषा – ) पर जा कर पढ़ सकते हैं।

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बहुब्रीहि समास की परिभाषा –

बहुब्रीहि समास [ सूत्र-अनेकमन्य पदार्थे ]-जिस समास में दोनों पद प्रधान न होकर कोई अन्य पद की प्रधानता होती है। उसे बहुब्रीहि समास कहते है। जैसे-दशानन-दस है मुख जिसके अर्थात् रावण

बहुब्रीहि समास के उदाहरण –

बहुब्रीहि समास के उदाहरण नीचे दिये गए हैं। विद्यार्थियों को इनका लिख लिख कर अभ्यास करना चाहिए।

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समास (समस्त पद) – समास-विग्रह
हृषीकेश – वह जो हृषीक (इंद्रियों) के ईश हैं -विष्णु/कृष्ण
हिरण्गर्भ – वह जिसका हिरण्य (सोने) का गर्भ है -ब्रह्मा, चतुर्मुख आदि
हलधर – हल को धारण करने वाला -बलराम
सूतपुत्र – सूत (सारथी) का पुत्र है जो-कर्ण
सुधाकर – वह जो सुधा (अमृत) को संभव करता है -चन्द्रमा
सिंहवाहिनी – वह जिनके सिंह का वाहन है -दुर्गा
सफेदपोश – जिसके पोश (वस्त्र) सफेद हों -शारीरिक श्रम से रहित नौकरशाह, राजनेता आदि
सप्तशती/सतसई – सात सौ का समूह -सात सौ छंदों का काव्य
षण्मुख – वह जिनके षट् मुख हैं -कार्तिकेय
षडानन – वह जिनके षट् आनन हैं -कार्तिकेय

समास की परिभाषा :

समास का तात्पर्य होता है-‘संक्षिप्तीकरण’ और इसका शाब्दिक अर्थ होता है छोटा रूप। अथार्त जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को समास (Samas) कहते हैं। समास रचना में दो पद होते हैं। प्रथम पद को ‘पूर्वपद ‘ कहा जाता है और द्वितीय पद को ‘उत्तरपद ‘ कहा जाता है। इन दोनों से जो नया शब्द बनता है वो”समस्त पद” या” सामासिक शब्द” कहलाता है।

समास-विग्रह क्या होता है?

जब समस्त पद के सभी पद अलग-अलग किये जाते हैं उसे समास-विग्रह (Samas Vigrah) कहते हैं। समास-विग्रह सामासिक पद के शब्दों के मध्य संबंध को स्पष्ट करने के लिए किया जाता है।

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परीक्षा में पशुपति समस्त पद को लेकर कई प्रकार से प्रश्न पूछा जा सकता है जैसे कि पशुपति में कौन सा समास है? पशुपति शब्द में कौन सा समास होगा? पशुपति में कौन सा समास होता है? पशुपति में कौन सा समास है बताइये पशुपति का समास विग्रह बताइए पशुपति का समास विग्रह क्या है? पशुपति का समास विग्रह क्या होगा? आदि।

समास – परिभाषा, भेद, उदाहरण, समास-विग्रह

समास अभ्यास प्रश्न (Samas Worksheet)

धर्माधर्म में कौन सा समास है
महासागर में कौन सा समास है
महादेव में कौन सा समास है
दीर्घायु में कौन सा समास है
“जेब खर्च “शब्द में कौन सा समास है?
कमलनयन कौन सा समास है
सुपुरुष’ में कौन सा समास है
देवासुर में कौन सा समास है
देवासुर का समास विग्रह कीजिए
कमलनयन कौन सा समास है
चक्रपाणि कौन सा समास है
चक्रपाणि का समास विग्रह कीजिए
दिगम्बर का समास विग्रह
चक्रपाणि का समास विग्रह संस्कृत में
हस्तलिखित समास का विग्रह है
शाखामृग का समास विग्रह

25 Important परीक्षा में पूछे जाने वाले सामासिक शब्द के उदाहरण:

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में समास संबंधी प्रश्न पूछे जाते हैं जिनमें मार्क्स लाना आसान होता है किन्तु सही जानकारी और अभ्यास के अभाव में अक्सर विद्यार्थी समास के प्रश्न में अंक लाने में कठिनाई अनुभव करते हैं। हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले समास के उदाहरण और समास-विग्रह के महत्वपूर्ण सामासिक पदों का संकलन किया है जिनका अभ्यास करके आप पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं।

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