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दत्तचित्त में कौन सा समास है? दत्तचित्त का समास-विग्रह क्या है?

Datchit mein kaun sa samas hai? Datchit ka samas-vigrah kya hota hai?

दत्तचित्त में कौन सा समास है?

बहुब्रीहि समास – दत्तचित्त शब्द में बहुब्रीहि समास है।
दत्तचित्त में समास का उपभेद बहुब्रीहि समास है
Datchit mein kaun sa Samas hota hai?
Bahuvrihi Samas  – Datchit shabd mein Bahuvrihi Samas  hai.

दत्तचित्त का समास-विग्रह क्या है? Datchit ka Samas-Vigrah kya hai?

दत्तचित्त शब्द का समास-विग्रह निम्नानुसार होगा :

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समास (समस्त पद) समास-विग्रह
दत्तचित्त : चित्त को (किसी काम में) दिया हुआ -तल्लीन
Datchit : Chit ko (Kisi kaam mein) diya hua – Tallin

क्योंकि दत्तचित्त में बहुब्रीहि समास है इसलिए हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए बहुब्रीहि समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण को यहाँ पर संक्षेप में समझाया है। अगर विद्यार्थी बहुब्रीहि समास को विस्तार से पढ़ना चाहें तो नीचे दिये गए लिंक (बहुब्रीहि समास की परिभाषा – ) पर जा कर पढ़ सकते हैं।

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बहुब्रीहि समास की परिभाषा –

बहुब्रीहि समास [ सूत्र-अनेकमन्य पदार्थे ]-जिस समास में दोनों पद प्रधान न होकर कोई अन्य पद की प्रधानता होती है। उसे बहुब्रीहि समास कहते है। जैसे-दशानन-दस है मुख जिसके अर्थात् रावण

बहुब्रीहि समास के उदाहरण –

बहुब्रीहि समास के उदाहरण नीचे दिये गए हैं। विद्यार्थियों को इनका लिख लिख कर अभ्यास करना चाहिए।

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समास (समस्त पद) – समास-विग्रह
वज्रांग – वज्र के समान अंग है जिसके -शिव
वक्रतुण्ड – वक्र है तुण्ड जिसकी -गणेश
रेवतीरमरण – वह जो रेवती के साथ रमण करते हैं -बलराम
राजरोग – रोगों में राजा -असाध्य रोग, यक्ष्मा
रत्नगर्भा – वह जिसके गर्भ में रत्न हैं -पृथ्वी
मनोज – मन से जन्म लेन वाला -कामदेव
मंदोदरी – उदर जिसका मंद हो वह स्त्री -रावण की पत्नी
प्राप्तोदक – प्राप्त है उदक जिसे -जिसका तर्पण हो गया है
प्रज्ञाचक्षु – जिसके प्रज्ञा के चक्षु हों -चक्षुहीन
पुष्पधन्वा – वह जिसके पुष्पों का धनुष है -कामदेव

समास की परिभाषा :

समास का तात्पर्य होता है-‘संक्षिप्तीकरण’ और इसका शाब्दिक अर्थ होता है छोटा रूप। अथार्त जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को समास (Samas) कहते हैं। समास रचना में दो पद होते हैं। प्रथम पद को ‘पूर्वपद ‘ कहा जाता है और द्वितीय पद को ‘उत्तरपद ‘ कहा जाता है। इन दोनों से जो नया शब्द बनता है वो”समस्त पद” या” सामासिक शब्द” कहलाता है।

समास-विग्रह क्या होता है?

जब समस्त पद के सभी पद अलग-अलग किये जाते हैं उसे समास-विग्रह (Samas Vigrah) कहते हैं। समास-विग्रह सामासिक पद के शब्दों के मध्य संबंध को स्पष्ट करने के लिए किया जाता है।

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परीक्षा में दत्तचित्त समस्त पद को लेकर कई प्रकार से प्रश्न पूछा जा सकता है जैसे कि दत्तचित्त में कौन सा समास है? दत्तचित्त शब्द में कौन सा समास होगा? दत्तचित्त में कौन सा समास होता है? दत्तचित्त में कौन सा समास है बताइये दत्तचित्त का समास विग्रह बताइए दत्तचित्त का समास विग्रह क्या है? दत्तचित्त का समास विग्रह क्या होगा? आदि।

समास – परिभाषा, भेद, उदाहरण, समास-विग्रह

समास अभ्यास प्रश्न (Samas Worksheet)

कुसुमशर में कौन सा समास है
कुसुम सर में कौन सा समास है
कृष्ण के लिए अर्पण “ का सामासिक पद क्या होगा ?
ऐरा–प्रत्यय किस शब्द में प्रयोग नहीं हुआ है?
सप्तक शब्द में समास बताएँ
साढ़े तीन में समास
कुसुम सर में कौन सा समास है
कुसुमशर में कौन सा समास है
कृष्ण के लिए अर्पण “ का सामासिक पद क्या होगा ?
साढ़े तीन में समास
ऐरा–प्रत्यय किस शब्द में प्रयोग नहीं हुआ है

25 Important परीक्षा में पूछे जाने वाले सामासिक शब्द के उदाहरण:

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में समास संबंधी प्रश्न पूछे जाते हैं जिनमें मार्क्स लाना आसान होता है किन्तु सही जानकारी और अभ्यास के अभाव में अक्सर विद्यार्थी समास के प्रश्न में अंक लाने में कठिनाई अनुभव करते हैं। हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले समास के उदाहरण और समास-विग्रह के महत्वपूर्ण सामासिक पदों का संकलन किया है जिनका अभ्यास करके आप पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं।

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