मुंबई: आजकल के हालात आईटी क्षेत्र के लिए सही नहीं चल रहे है| हजारो नौकरिया जा चुकी है,हजारो जाने वाली है| अनुभवी तकनीकी विशेषज्ञ राघू नारायणस्वामी ने हाल ही में अपनी नौकरी खो दी| उन्हें डर था कि उन्हें दूसरे नहीं मिलेगी, क्योंकि विश्लेषकों ने देश के बहु अरब डॉलर के सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर छंटनी की चेतावनी दी है।
आईटी क्षेत्र में आ रही है सबसे बड़ी छटनियाँ
आईटी आउटसोर्सिंग लंबे समय से भारत के प्रमुख उद्योगों में से एक है| लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि नई प्रौद्योगिकियों को बनाए रखने में विफलता, स्वचालन, और वीजा पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दबदबे के कारन इस उद्योग में बड़ी परेशानी आ सकती है। व्यापारिक कागजात और विश्लेषकों ने बताया है कि प्रमुख आईटी कंपनियां हज़ारों कर्मचारियों को धीरे-धीरे निकल रही हैं| जबकि अनुसंधान ने दावा किया है कि अगले चार वर्षों में सैकड़ों हजार नौकरियां गायब हो सकती हैं| हालांकि कंपनियां खुद संख्याओं पर टिप्पणी करने से इनकार कर रही हैं। नारायणस्वामी मार्च में परेशानियों के कारन 11 साल की सेवा के बाद भारत की शीर्ष आईटी कंपनियों में से एक को छोड़ दिया था। उनका कहना है कि भविष्य की संभावनाएं निराशाजनक दिखाई देती हैं। मुंबई में स्थित 40 वर्षीय एएफपी ने कहा, “मैं पिछले कुछ महीनों में नौकरी खोजना बेहद मुश्किल पा रहा हूं।”
भारत की आईटी सेक्टर दो दशक से भी ज्यादा समय से उभर रहा है, क्योंकि पश्चिमी कंपनियों ने आउटसोर्सिंग का काम किया है। इंफोसिस, विप्रो और टेक महिंद्रा जैसे फर्मों को अपने कुशल अंग्रेजी बोलने वाले कर्मचारियों से फायदा मिला है। नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ़्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज (नासकॉम) के अनुसार इस उद्योग में करीब चार मिलियन भारतीय हैं और 150 बिलियन डॉलर से अधिक की राजस्व में रैंक हैं।
आईटी में यह छटनियाँ कुछ समय के लिए ही है- डीएडी
हालांकि नॅसकॉम भारत के टेक टाइटन्स के लिए भविष्य के बारे में तेजी से है| एचएफएस रिसर्च एक अमेरिकी-आधारित व्यापार सलाहकार फर्म का अनुमान है कि स्वचालन का मतलब भारत के आईटी कार्यबल में 14 प्रतिशत की गिरावट और 48,021 नौकरियों के जोखिम 2021 तक हो सकता है। यह भारत के आईटी कॉलेजों में हजारों इच्छुक अभियंताओं के लिए चिंताजनक संभावना है। हालांकि उद्योग में छंटनी असामान्य नहीं है| खासकर वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में संघ प्रमुखों का मानना है कि इस वर्ष अभूतपूर्व संख्या में कर्मचारियों को निकला जारहा है क्योंकि कंपनियां मुनाफा कम करने का काम करती हैं।
राष्ट्रीय परिसंघ के आईटी कर्मचारियों के राष्ट्रीय परिसंघ के अध्यक्ष जेएसआर प्रसाद ने कहा, कंपनियां छंटनी के बारे में बात करने के लिए तैयार नहीं हैं| न ही वो यह बताने को तैयार है कि उन्होंने कितने कर्मचारियों को नोटिस दिया है और कितना| क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे ऑटोमेशन, रोबोटिक्स और अभिनव प्रौद्योगिकियों का पता लगाने के रूप में भारत की शीर्ष आईटी कंपनियां नए ग्राहकों को चुनने की कठिनाई के बारे में अवगत करा रही हैं। इसलिए विश्लेषकों का कहना है कि अगर कुछ लोग अब संचालन को व्यवस्थित कर रहे हैं तो यह थोड़ा आश्चर्यचकित होना चाहिए। डीएडी ने कहा, “बड़े पैमाने पर छंटनी और घटाने से संबंधित ये परिवर्तन कुछ समय के लिए चल रहे हैं और विश्व की घटनाओं की मौजूदा श्रृंखला ने उन्हें त्वरित किया है।