Essay on female freedom fighters in Hindi | महिला स्वतंत्रता सेनानियों पर निबंध 2022-07-162022-07-16RituV Comment महिला स्वतंत्रता सेनानियों पर हिंदी में निबंध जब कोई भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में सोचता है, तो अक्सर भगत सिंह, महात्मा गांधी [...]
जन्मदिन: अमजद खान अपने किरदार ‘गब्बर सिंह’ के रूप में आज भी जीवित हैं 2017-11-12Parveen Arshi इन दिनों गब्बर सुर्ख़ियों में है. राहुल गाँधी अपनी हर चुनावी सभा में जीएसटी यानी गब्बर सिंह टैक्स कह कर खूब तालियां बटोर [...]
औरंगजेब जिसने टोपियों की सिलाई करके चार रूपये दो आने जमा किये थे,अपने कफ़न के लिए… 2017-11-082017-11-09Parveen Arshi औरंगजेब को लेकर जितने कठोर शब्दों मे उनका विरोध होता हैं वही दूसरी ओर लोग उनके शख्सियत और अंतिम समय मे आए बदलाव [...]
सदी का महानायक अब सूकून चाहता है… 2017-11-062017-11-06Parveen Arshi हाल में अपनी संपत्ति पर ‘अवैध निर्माण’ के मामले में सदी के महानायक पर आरोप लगे.इसी से आहात होकर,अमिताभ ने रविवार को अपने [...]
क्यों, कामयाबी का दूसरा नाम शाहरुख़ ख़ान है 2017-11-022017-11-02Parveen Arshi जन्मदिन पर विशेष (02 नवंबर) शाहरुख़ खान एक बॉलीवुड अभिनेता, निर्माता,और टेलीविजन कलाकार हैं. जिनको किंग खान के नाम से भी जाना जाता [...]
अमृता की चाहत उनकी आत्मकथा “रसीदी टिकट” में भी जाहिर हुई है… 2017-10-312017-11-05Parveen Arshi अमृता प्रीतम के बरसी (31 अक्टूबर ) दिल्ली.मशहूर अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा दो साल के लंबे गैप के बाद जल्द बॉलीवुड फिल्मों में [...]
आखिर 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गाँधी की हत्या के दिन हुआ क्या था ? 2017-10-302017-10-30RituV इस 31 अक्टूबर को भारत की पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या को 33 साल हो जाएंगे. पिछले 33 सालों से इंदिरा [...]
ताजमहल के नीचे बंद दरवाज़ों का सच क्या हैं .. 2017-10-262017-10-26Parveen Arshi पूरी दुनिया मे आज भी ताज महल कुशल कारागिरी का एक बेमिसाल नमूना माना जाता है. जो कि भारतीय, इस्लामी एवं फारसी वास्तुकला [...]
एक और ट्रेन हादसा! कैफियत एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त कई डब्बे पटरी से उतरे, अबतक 24 घायल 2017-08-232017-08-23आमिर अभी अभी आ रही खबरों के अनुसार आज़मगढ़ से दिल्ली जाने वाली कैफियत एक्सप्रेस इटावा से 40 KM पहले वीरपुर में दुर्घटनाग्रस्त हो [...]
आज़ादी 15 अगस्त को रात 12 बजे ही क्यों मिली 2017-08-142017-08-14Parveen Arshi 1945 में दूसरे विश्व युद्ध ने ब्रिटिश सरकार यानी अंग्रेज़ों की आर्थिक हालत इतनी ख़राब कर दी थी की उनके लिए अपना देश [...]