सर्वोच्च न्यायालय ने नेशनल हाइवे से 500 मीटर दूरी के भीतर शराब दुकानों को बंद करने के आदेश दिए जाने के कुछ दिनों बाद, गुरूग्राम की महिलाएं सारी दुकानों के खिलाफ विरोध कर रही हैं| यह आंदोलन राजमार्ग से चलकर आवासीय क्षेत्रों की तरफ बढ़ निकला है।
आवासीय क्षेत्रों की शराब दुकानों के खिलाफ हो रहा है आंदोलन
एक ऐसे ही आबादी वाले इलाके में रहने वाली महिला ने अपने क्षेत्र में खोली गई एक शराब की दुकान के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने इन दुकानों के शट डाउन के लिए नारे लगाए। जो भी व्यक्ति दुकान से बोतल खरीदते हुए मिला महिलाओ ने उससे बोतले छीनकर तोड़ दी| महिलाओं का आरोप है कि यह दुकाने अब आवासीय क्षेत्रों में खुलने लगी है| जो छात्रों पर नकारात्मक प्रभाव छोड़ रही हैं क्योंकि वे स्कूलों से निकटता में हैं| जिससे बच्चों को बहुत कम उम्र में ही दारू पीने की आदत पड़ रही है।
शराब घरेलू हिंसा को बढ़ावा देती है
महिलाओ की शिकायत है कि उनके पति दारू पीकर घरेलु हिंसा को अंजाम दे रहे है| घरेलु हिंसा में सबसे बड़ा रोल दारू का है| हमने एक आवेदन लिखा था, जिसके लिए कोई भी एक्शन नहीं लिया गया| इसलिए अब हमने खुद ही इन दुकानों को बंद करने का बीड़ा उठया है| इन दुकानों से हमारे बच्चो सहित पूरे परिवार का भविष्य बर्बाद हो रहा है|
एक अन्य महिला ने आरोप लगाया कि शराब की दुकान के पास लड़कियों का एक स्कूल है| जहाँ लड़के शराब खरीदने के बाद नशे में पड़े रहते हैं और लड़कियों को तंग करने के लिए स्कूल के आसपास घूमते हैं। उसने मांग की कि वह दुकान स्थायी रूप से बंद होनी चाहिए| जो उसकी बेटी समेत सभी लड़कियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।