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गुरूदक्षिणा में कौन सा समास है? गुरूदक्षिणा का समास-विग्रह क्या है?

Gurudakshina mein kaun sa samas hai? Gurudakshina ka samas-vigrah kya hota hai?

गुरूदक्षिणा में कौन सा समास है?

तत्पुरुष समास – गुरूदक्षिणा शब्द में तत्पुरुष समास है।
गुरूदक्षिणा में समास का उपभेद चतुर्थी तत्पुरुष ( सम्प्रदान तत्पुरूष ) समास है
Gurudakshina mein kaun sa Samas hota hai?
Tatpurush Samas – Gurudakshina shabd mein Tatpurush Samas hai.

गुरूदक्षिणा का समास-विग्रह क्या है? Gurudakshina ka Samas-Vigrah kya hai?

गुरूदक्षिणा शब्द का समास-विग्रह निम्नानुसार होगा :

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समास (समस्त पद) समास-विग्रह
गुरूदक्षिणा : गुरू के लिए दक्षिणा
Gurudakshina : Guru ke liye dakshina

क्योंकि गुरूदक्षिणा में तत्पुरुष समास है इसलिए हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए तत्पुरुष समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण को यहाँ पर संक्षेप में समझाया है। अगर विद्यार्थी तत्पुरुष समास को विस्तार से पढ़ना चाहें तो नीचे दिये गए लिंक (तत्पुरुष समास की परिभाषा – ) पर जा कर पढ़ सकते हैं।

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तत्पुरुष समास की परिभाषा –

तत्पुरूष समास ‌– [ सूत्र-प्रायेण उत्तरपदार्थ प्रधानस्तत्पुरूष: ]-जिस समास में उत्तर पद के अर्थ की प्रधानता हो तथा पूर्व पद में द्वितीया से सप्तमी विभक्ति तक का लोप हो , उसे तत्पुरूष समास कहते है।

तत्पुरुष समास के उदाहरण –

चतुर्थी तत्पुरुष ( सम्प्रदान तत्पुरूष ) समास के उदाहरण नीचे दिये गए हैं। विद्यार्थियों को इनका लिख लिख कर अभ्यास करना चाहिए।

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समास (समस्त पद) – समास-विग्रह
यज्ञशाला – यज्ञ के लिए शाला
हवनकुंड – हवन के लिए कुंड
मालगोदाम – माल के लिए गोदाम
सभाभवन – सभा के लिये भवन
देवालय – देवता के लिए आलय
न्यायालय – न्याय के लिए आलय
रणभूमि – रण के लिए भूमि
सभामंडप – सभा के लिए मंडप
धर्मशाला – धर्म के लिए शाला
परीक्षा भवन – परीक्षा के लिए भवन

समास की परिभाषा :

समास का तात्पर्य होता है-‘संक्षिप्तीकरण’ और इसका शाब्दिक अर्थ होता है छोटा रूप। अथार्त जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को समास (Samas) कहते हैं। समास रचना में दो पद होते हैं। प्रथम पद को ‘पूर्वपद ‘ कहा जाता है और द्वितीय पद को ‘उत्तरपद ‘ कहा जाता है। इन दोनों से जो नया शब्द बनता है वो”समस्त पद” या” सामासिक शब्द” कहलाता है।

समास-विग्रह क्या होता है?

जब समस्त पद के सभी पद अलग-अलग किये जाते हैं उसे समास-विग्रह (Samas Vigrah) कहते हैं। समास-विग्रह सामासिक पद के शब्दों के मध्य संबंध को स्पष्ट करने के लिए किया जाता है।

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परीक्षा में गुरूदक्षिणा समस्त पद को लेकर कई प्रकार से प्रश्न पूछा जा सकता है जैसे कि गुरूदक्षिणा में कौन सा समास है? गुरूदक्षिणा शब्द में कौन सा समास होगा? गुरूदक्षिणा में कौन सा समास होता है? गुरूदक्षिणा में कौन सा समास है बताइये गुरूदक्षिणा का समास विग्रह बताइए गुरूदक्षिणा का समास विग्रह क्या है? गुरूदक्षिणा का समास विग्रह क्या होगा? आदि।

समास – परिभाषा, भेद, उदाहरण, समास-विग्रह

समास अभ्यास प्रश्न (Samas Worksheet)

नीलकंठ’ में कौन सा समास है?
अधमरा में कौन सा समास है
सप्तऋषि में कौन सा समास है
रातोंरात में कौन सा समास है?
घुड़सवार में कौन सा समास है
दीर्घायु में कौन सा समास है
प्रतिवर्ष में कौन सा समास है
परमाणु में कौन सा समास है
ध्यानमग्न का समास विग्रह
पर के आधीन का समस्त पद है
नयन का समास विग्रह
देशभक्ति समस्त पद का समास विग्रह है
आपबीती का समास विग्रह
चक्रपाणि का समास विग्रह
दिनोंदिन का समास विग्रह होगा –
विद्याहीन का समास विग्रह

25 Important परीक्षा में पूछे जाने वाले सामासिक शब्द के उदाहरण:

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में समास संबंधी प्रश्न पूछे जाते हैं जिनमें मार्क्स लाना आसान होता है किन्तु सही जानकारी और अभ्यास के अभाव में अक्सर विद्यार्थी समास के प्रश्न में अंक लाने में कठिनाई अनुभव करते हैं। हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले समास के उदाहरण और समास-विग्रह के महत्वपूर्ण सामासिक पदों का संकलन किया है जिनका अभ्यास करके आप पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं।

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