‘नागरिक’ शब्द से सामान्यतः हम समझते हैं- वह व्यक्ति जो नगर में रहता है। किन्तु आधुनिक संदर्भ में नागरिक शब्द का अर्थ बदल गया है। आज नागरिक से तात्पर्य उस व्यक्ति से है जो एक राष्ट्र के संविधान के अनुसार मतदान का अधिकार रखता हो, जिसे देश के शासन में भागीदारी का अधिकार प्राप्त हो।
एक स्वतंत्र राष्ट्र के नागरिक को बहुत सी सुविधायें एवं अधिकार उपलब्ध होते हैं। वह राष्ट्र के न्यायिक, वैधानिक, राजनैतिक, धार्मिक एवं सामाजिक मामलों में हिस्सा ले सकता है। अपने अधिकारों का उपभोग करते हुए आदर्श नागरिक अपने कर्तव्यों से विमुख नहीं होता। एक आदर्श नागरिक जीवन में दूसरों के लिये आदर्श प्रस्तुत करता है। आदर्श नागरिक में कई गुणों का होना जरूरी है।
आदर्श नागरिक शिक्षित और जागरूक होता है। वह अपना, अपने देशवासियों का और अपने देश का भला समझता है और सदैव उसके लिए प्रयास करता है। राष्ट्रप्रेम की भावना उसमें कूट कूट कर भरी होती है। संकट के क्षणों में वह अपनी मातृभूमि पर प्राण न्योछावर करने को तत्पर रहता है तो शान्तिकाल में वह देश के उत्थान और प्रगति के कार्यों में रूचि रखता है। सभी के साथ मिल जुलकर रहना, कमजोरों की सहायता करना और कल्याणकारी मनोवृत्ति रखना एक अच्छे नागरिक के व्यक्तिव का हिस्सा होना चाहिये।
आदर्श नागरिक अपने देश की प्रत्येक वस्तु और व्यक्ति से संबंध रखता है। उसके हदय में ऐतिहासिक स्मारकों और धरोहरों के लिये सम्मान होता है एवं राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक के लिये मित्रता एवं समर्पण का भाव भी होता है।
हम एक आदर्श नागरिक बन कर ही अपनी मातृभूमि का ऋण अदा कर सकते हैं।