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अगर राष्ट्रगान फिल्म का हिस्सा तो खड़ा होना जरूरी नहीं: सुप्रीम कोर्ट

राष्ट्रगान के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नया फैसला सुनाया है. इसमें कहा गया है कि अगर फिल्म या डॉक्यूमेंट्री के दौरान राष्ट्रगान बजता है तो खड़ा होना जरूरी नहीं होगा. यानी अगर राष्ट्रगान किसी फिल्म का हिस्सा है तो उसपर खड़ा होना जरूरी नहीं है.

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दरअसल, हो ये रहा था कि किसी-किसी फिल्म में दो बार राष्ट्रगान बज रहा था. ऐसा हाल में दंगल फिल्म में हुआ था. एक बार राष्ट्रगान सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार बजाया गया था. वहीं एक बार राष्ट्रगान फिल्म की स्क्रिप्ट का हिस्सा होने की वजह से बजा. इससे लोगों को थोड़ा अजीब लगा. सोशल मीडिया पर लोगों ने इसपर नाराजगी भी जाहिर की थी.

मालुम हो कि 30 नवंबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया था कि सभी सिनेमा घरों में फिल्म के शुरू होने से पहले राष्ट्रगान चलवाना होगा. इसके अलावा राष्ट्रगान के वक्त स्क्रीन पर तिरंगा भी दिखाना की जरूरी किया गया था. राष्ट्रगान के सम्मान में सभी दर्शकों को खड़ा होना होगा यह भी कहा गया था.

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हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कई ऐसे मामले सामने आए जिसमें राष्ट्रगान के दौरान खड़े ना होने वाले की पिटाई की गई.

राष्ट्रगान बजाने की जनहित याचिका श्याम नारायण चौकसे नाम के शख्स ने डाली थी. उन्होंने मांग की थी कि देशभर में सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाया जाना चाहिए और इसे बजाने तथा सरकारी समारोहों और कार्यक्रमों में इसे गाने के संबंध में उचित नियम और प्रोटोकॉल तय होने चाहिए जहां संवैधानिक पदों पर बैठे लोग मौजूद होते हैं.

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