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जन रंजन भंजन दनुज, मनुज रूप सुर भूपविश्व बदर इव धृत उदर, जोव में कौनसा अलंकार है?

जन रंजन भंजन दनुज, मनुज रूप सुर भूपविश्व बदर इव धृत उदर, जोव में कौनसा अलंकार है?

प्रश्न – जन रंजन भंजन दनुज, मनुज रूप सुर भूपविश्व बदर इव धृत उदर, जोवत सोवत सूप में कौनसा अलंकार है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिये।

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उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति में अनुप्रास अलंकार है । जब पंक्ति में एक वर्ण या अनेक वर्ण की आवृत्ति होती है तो वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। इस पंक्ति में अनेक वर्णों की आवृति से काव्य की शोभा बढ़ गई है।

इस पंक्ति में अनुप्रास अलंकार का कौन सा भेद हैं?

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जहां काव्य में अनेक वर्णों की आवृत्ति होती है वहाँ छेकानुप्रास होता है। यहाँ र,म,ज,न,भ,स और ज की आवृत्ति हुई है। इसलिए यहाँ छेकानुप्रास है।

जैसा कि आपने इस उदाहरण में देखा जहां पर किसी वर्ण के विशेष प्रयोग से पंक्ति में सुंदरता, लय तथा चमत्कार उत्पन्न हो जाता है उसे हम शब्दालंकार कहते हैं।

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अनुप्रास अलंकार शब्दालंकार का एक प्रकार है। काव्य में जहां समान वर्णों की एक से अधिक बार आवृत्ति होती है वहां अनुप्रास अलंकार होता है।

जन रंजन भंजन दनुज, मनुज रूप सुर भूपविश्व बदर इव धृत उदर, जोवत सोवत सूप में अलंकार से संबन्धित प्रश्न परीक्षा में कई प्रकार से पूछे जाते हैं। जैसे कि – यहाँ पर कौन सा अलंकार है? दी गई पंक्तियों में कौन सा अलंकार है? दिया गया पद्यान्श कौन से अलंकार का उदाहरण है? पद्यांश की पंक्ति में कौन-कौन सा अलंकार है, आदि।

इसके साथ ही इस काव्य पंक्ति में तुकांत के मिलने के कारण अंत्यानुप्रास भी शोभित हो रहा है।

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जब तुम मुझे मेले में मेरे खिलोने रूप पर।

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