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व्रजायुध में कौन सा समास है? व्रजायुध का समास-विग्रह क्या है?

Vrjayudh mein kaun sa samas hai? Vrjayudh ka samas-vigrah kya hota hai?

व्रजायुध में कौन सा समास है?

बहुब्रीहि समास – व्रजायुध शब्द में बहुब्रीहि समास है।
व्रजायुध में समास का उपभेद बहुब्रीहि समास है
Vrjayudh mein kaun sa Samas hota hai?
Bahuvrihi Samas  – Vrjayudh shabd mein Bahuvrihi Samas  hai.

व्रजायुध का समास-विग्रह क्या है? Vrjayudh ka Samas-Vigrah kya hai?

व्रजायुध शब्द का समास-विग्रह निम्नानुसार होगा :

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समास (समस्त पद) समास-विग्रह
व्रजायुध : वह जिसके वज्र का आयुध है -इन्द्र
Vrjayudh : Veh jiske vjar ka aayush hai – Inder

क्योंकि व्रजायुध में बहुब्रीहि समास है इसलिए हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए बहुब्रीहि समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण को यहाँ पर संक्षेप में समझाया है। अगर विद्यार्थी बहुब्रीहि समास को विस्तार से पढ़ना चाहें तो नीचे दिये गए लिंक (बहुब्रीहि समास की परिभाषा – ) पर जा कर पढ़ सकते हैं।

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बहुब्रीहि समास की परिभाषा –

बहुब्रीहि समास [ सूत्र-अनेकमन्य पदार्थे ]-जिस समास में दोनों पद प्रधान न होकर कोई अन्य पद की प्रधानता होती है। उसे बहुब्रीहि समास कहते है। जैसे-दशानन-दस है मुख जिसके अर्थात् रावण

बहुब्रीहि समास के उदाहरण –

बहुब्रीहि समास के उदाहरण नीचे दिये गए हैं। विद्यार्थियों को इनका लिख लिख कर अभ्यास करना चाहिए।

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समास (समस्त पद) – समास-विग्रह
नीलकण्ठ – नीला है कण्ठ जिनका -शिव
नाकपति – वह जो नाक (स्वर्ग) का पति है -इन्द्र
नंदनंदन – वह जो नंद का नंदन (पुत्र) है -कृष्ण
धनंजय – वह जो धन (पृथ्वी, भौतिक सपंदा आदि) का जय करता है -अर्जुन
देवराज – देवों का राजा है जो -इन्द्र
त्रिलोचन – तीन है लोचन जिसके -शिव
छिन्नमस्ता – जिसका मस्तक छिन्न हो -देवी का एक रूप
चारपाई – जिसके चार पाए हों -खाट
चन्द्रमौलि – चन्द्र है मौलि (मस्तक) पर जिसके -शिव
चन्द्रचूड़ – चन्द्र (चन्द्रमा) है चूड़ (ललाट) पर जिसके -शिव

समास की परिभाषा :

समास का तात्पर्य होता है-‘संक्षिप्तीकरण’ और इसका शाब्दिक अर्थ होता है छोटा रूप। अथार्त जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को समास (Samas) कहते हैं। समास रचना में दो पद होते हैं। प्रथम पद को ‘पूर्वपद ‘ कहा जाता है और द्वितीय पद को ‘उत्तरपद ‘ कहा जाता है। इन दोनों से जो नया शब्द बनता है वो”समस्त पद” या” सामासिक शब्द” कहलाता है।

समास-विग्रह क्या होता है?

जब समस्त पद के सभी पद अलग-अलग किये जाते हैं उसे समास-विग्रह (Samas Vigrah) कहते हैं। समास-विग्रह सामासिक पद के शब्दों के मध्य संबंध को स्पष्ट करने के लिए किया जाता है।

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परीक्षा में व्रजायुध समस्त पद को लेकर कई प्रकार से प्रश्न पूछा जा सकता है जैसे कि व्रजायुध में कौन सा समास है? व्रजायुध शब्द में कौन सा समास होगा? व्रजायुध में कौन सा समास होता है? व्रजायुध में कौन सा समास है बताइये व्रजायुध का समास विग्रह बताइए व्रजायुध का समास विग्रह क्या है? व्रजायुध का समास विग्रह क्या होगा? आदि।

समास – परिभाषा, भेद, उदाहरण, समास-विग्रह

समास अभ्यास प्रश्न (Samas Worksheet)

दशानन’ में कौन-सा समास है ?
राजपुत्र में कौन सा समास है
घुड़सवार में कौन सा समास है
मृगनयन में कौन सा समास है
परम है जो ईश्वर विग्रह का समस्त पद क्या है यह किस समास का उदाहरण है
धर्मशाला का समास विग्रह है
सरसिज में कौन सा समास है
मृत्युंजय में कौन सा समास है
धर्मशाला का समास विग्रह है
दशानन’ में कौन-सा समास है ?
राजपुत्र में कौन सा समास है
समास विग्रह से क्या तात्पर्य है
मृगनयन में कौन सा समास है
महायुद्ध का समास विग्रह
परम है जो ईश्वर विग्रह का समस्त पद क्या है यह किस समास का उदाहरण है
बहुव्रीहि समास के 100 उदाहरण

25 Important परीक्षा में पूछे जाने वाले सामासिक शब्द के उदाहरण:

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में समास संबंधी प्रश्न पूछे जाते हैं जिनमें मार्क्स लाना आसान होता है किन्तु सही जानकारी और अभ्यास के अभाव में अक्सर विद्यार्थी समास के प्रश्न में अंक लाने में कठिनाई अनुभव करते हैं। हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले समास के उदाहरण और समास-विग्रह के महत्वपूर्ण सामासिक पदों का संकलन किया है जिनका अभ्यास करके आप पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं।

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