विलोम शब्द Class 7 Chapter wise CBSE
यहाँ पर हम कक्षा 7 के विद्यार्थियों के लिए हिंदी पुस्तक के विभिन्न पाठों में आये हुए विलोम शब्दों (Vilom Shabd Class 7) का अर्थ और वाक्य प्रयोग स्पष्ट कर रहे हैं ताकि छात्र परीक्षा में पूछे जाने पर इन विलोम शब्दों के प्रश्न में पूर्ण अंक प्राप्त कर सकें।
Vilom Shabd Class 6 Chapter – हम पक्षी उन्मुक्त गगन के
उन्मुक्त – बंधन
उन्मुक्त- पंक्षी उन्मुक्त खुले आसमान मे उड़ रहे है।
बंधन – किसी तरह का कोई बंधन उसे स्वीकार नहीं।
कटुक – मधु
कटुक – वह अत्यंत कटुक वचन बोलता है।
मधु – उसकी वाणी से मधू टपकता है।
नभ – भू
नभ – नभ की ऊंचाई नापना आसान नहीं है।
भू – सम्पूर्ण भू में उस जैसा प्रतापी राजा कोई नहीं है।
मिलन – विरह
मिलन – आज उसका मिलन अपने प्रिय से होने वाला है।
विरह – रात दिन वह विरह की अग्नि में जलता रहता है।
आश्रय – निराश्रय
आश्रय – आज बुलडोजरों ने उसके एकमात्र आश्रय को तोड़ डाला।
निराश्रय – इन दिनों वह निराश्रय हो गया है।
विघ्न – निर्विघ्न
विघ्न – तुम मेरे काम में विघ्न मत डालो ।
निर्विघ्न – मैं अपना काम निर्विघ्न करना चाहता हूँ
Vilom Shabd Class 6 Chapter – दादी माँ विलोम शब्द
प्रतिकूल – अनुकूल
प्रतिकूल – प्रतिकूल परिस्थितियों से वह घबरा जाता है।
अनुकूल – अनुकूल परिस्थितियों पाकर उसकी योग्यता और निखर गई ।
शीत – उष्ण
शीत – शीत ऋतु अपना पैर पसार चुकी है।
उष्ण – उष्ण क्षेत्र में परिस्थतिया जटिल होती है ।
स्वच्छ – अस्वच्छ
स्वच्छ – नहाने के बाद हमें स्वच्छ कपड़े पहनने चाहिए
अस्वच्छ – अस्व वातावरण में रहने से बीमारियाँ पनपती है।
विचित्र – सामान्य
विचित्र – उसके देह से विचित्र गंध आ रही थी।
सामान्य – उसका व्यवहार सामान्य नहीं है।
अदृश्य – दृश्य
अदृश्य – अचानक एक अदृश्य शक्ति उसके अंदर आ गई।
दृश्य – यहाँ का दृश्य अति सुंदर है।
मिश्रित – पृथकत्व
मिश्रित – भारत में मिश्रित संस्कृति है।
पृथकत्व – सभी पदार्थों में पृथकत्व का गुण नहीं होता।
विलंब – अविलंब
विलंब – उसका न आना ही विलंब का कारण बना।
अविलंब – उसे अविलंब वहाँ जाना है।
विह्वल – अह्लाद
विह्वल – उसने विह्वल होकर अपनी बात रखी।
अहलवाद- उसके अहलवाद की कोई सीमा न थी।
अतुल – तुल्य
अतुल – उसके पास अतुल संपत्ति है।
तुल्य – तुम मेरे पिता तुल्य हो।
व्यय – आय
व्यय – उसने अपनी सारी संपत्ति व्यय कर दी ।
आय – उसकी आय सीमित है।
Vilom Shabd Class 6 Chapter – हिमालय की बेटियाँ विलोम शब्द
गंभीर – ओछा
गंभीर – वह अत्यंत गंभीर व्यक्ति है।
ओछा – उसका व्यवहार बहुत ओछा है।
महान – तुच्छ
महान- अशोक एक महान राजा थे।
तुच्छ – मैं तो बस एक तुच्छ जीव हूँ।
विराट – सूक्ष्म
विराट- पिता का विराट स्वरूप उसे हमेशा आकर्षित करता है।
सूक्ष्म – हनुमान ने सूक्ष्म रूप धारण करके लंका में प्रवेश किया।
सौभाग्यशाली – दुर्भाग्यशाली
सौभाग्यशाली – वह बहुत सौभाग्यशाली है
दुर्भाग्यशाली – मैं बहुत दुर्भाग्य शाली हूँ कि मैंने तुम्हें जन्म दिया।
श्रेय – प्रेय
श्रेय – मैं सारे कार्यों का श्रेय तुम्हें देना चाहूँगा
प्रेय – इसका प्रेय तुम्हें ही जाता है।
समतल – ऊबड़ खाबड़
समतल – यह जमीन बहुत समतल है।
ऊबड़ खाबड़ – ऊबड़ खबद रास्तों पर मत चलो।
ममता – क्रूरता
ममता – मुझे उस अनाथ बच्चे से बहुत ममता है।
क्रूरता – बच्चों के प्रति क्रूरता पूर्ण व्यवहार ठीक नहीं।
Vilom Shabd Class 6 Chapter– कठ पुतली विलोम शब्द
गुस्सा – शांति
गुस्सा – कठपुतली को बहुत तेज गुस्सा आया।
शांति – तुम्हें शांति से काम लेना होगा ।
पाँव – सर
पाँव – मरे पाँव में बेड़ियाँ पड़ी है।
सर- मेरे सर का ताज तो तुम ही हो।
दिन – रात
दिन – तुमसे मिले बहुत दिन हो गए ।
रात – आज रात को मैं वहाँ जाऊंगा ।
इच्छा – – अनिच्छा
इच्छा- मैं तुम्हारी इच्छा जरूर पूरी करूंगा।
अनिच्छा- मैं अनिच्छा से तुम्हें मना कर रह हूँ।
पाठ 5- मिठाईवाला विलोम शब्द
अधूरे – पूरे
अधूरे- यह आधे अधूरे काम मत किया करो।
पूरे – मैंने इस काम के लिए पूरे पैसे लिए है।
अस्थिर – स्थिर
अस्थिर – यह खबर सुनकर बच्चें अस्थिर हो उठे
स्थिर- स्थिर होकर बैठ जाओ ।
निकट – दूर
निकट- मेरे घर के निकट एक मंदिर है।
दूर – मैं घर से दूर रहता हूँ
सस्ते – मंहगे
सस्ते – मैं सस्ते सामान नहीं खरीदता
मंहगे – बच्चों को मंहगे खिलौने मत दिलाओ।
मृदुल – कठोर
मृदुल – अचानक उसका मृदुल स्वर सुनाई पड़ा।
कठोर – उसका हृदय अत्यंत कठोर है,
स्मरण – विस्मरण
स्मरण – उसकी आवाज सुनकर मुझे कुछ स्मरण हुआ।
विस्मरण – मेरे दिमाग से वह घटना विस्मरण हो गया है.
सांसारिक – आध्यात्मिक
अब वह सांसारिक बंधनों से मुक्त होना चाहता है।
आध्यात्मिक – उसकी आध्यात्मिक लालसा अपूर्ण है।
असीम – सीमित
असीम – आज उसे असीम सुख की प्राप्ति हुई।
सीमित – मैं अपने सीमित सुख से संतुष्ट हूँ।
संतोष – असंतोष
सन्तोष – सबसे बडा सुख सन्तोष धन है।
असंतोष – असंतोष ही लिप्सा का कारण है।
स्मृति – विस्मृति
स्मृति – धीरे धीरे मेरी स्मृति धुंधली हो गई
विस्मृति – उसे विस्मृति की बीमारी है।
क्षीण – पुष्ट
क्षीण – वह क्षीणकाय शरीर वाला व्यक्ति है।
पुष्ट – वह पुष्ट शरीर का व्यक्ति है।
हर्ष – अमर्ष
हर्ष – वह हर्ष से गदगद हो गया।
अमर्ष- असफलता के कारण वह अमर्ष से भर उठा ।
Vilom Shabd Class 6 Chapter– रक्त और हमारा शरीर
कमजोर – मजबूत
कमजोर- देखने में वह बहुत कमजोर लगता है।
मजबूत- वह बहुत मजबूत है।
द्रव – ठोस
द्रव- द्रव का कोई आकार नहीं होता।
ठोस- ठोस पदार्थ का अपना एक आयतन होता है।
निर्माण – विध्वंश
निर्माण- उसने बड़ी मेहनत से अपने घर का निर्माण किया है।
विध्वंश- कौरव स्वयं अपने कुल के विध्वंस का कारण बने।
उपयुक्त – अनुपयुक्त
उपयुक्त- सब्जी और फल में पोषक तत्व उपयुक्त मात्रा में होते है।
अनुपयुक्त- यह बात कहने का यह अनुपयुक्त समय है।
प्रवेश – निकास
प्रवेश- रोगाणु ह्मरे शरीर में त्वचा के माध्यम से प्रवेश करते है।
निकास- शहर में पनि के निकास की उचित व्यवस्था नहीं है।
महत्वपूर्ण – अमहत्वपूर्ण
महत्वपूर्ण- यह बहुत महत्वपूर्ण कागजात है।
अमहत्वपूर्ण- अमहत्वपूर्ण कागजों को अलग कर देना ।
वीर – कायर
वीर- वह एक वीर योद्धा है।
कायर- वह एक कायर मनुष्य है।
जमाव – बिखराव
जमाव- सहर में जल जमाव की समस्या है।
बिखराव- सामानों का बिखराव समेटना आवश्यक है।
स्वस्थ – अस्वस्थ
स्वस्थ- आज कल वह स्वस्थ नहीं रहता।
अस्वस्थ- अस्वस्थ होने के कारण वह शादी में नहीं आ सका।
नियमित – अनियमित
नियमित- वह नियमित रूप से व्यायाम करता है।
अनियमित- वह कक्षा में अनियमित रहता है।
Vilom Shabd Class 6 Chapter– पापा खो गए
तकलीफ – आराम
तकलीफ- आपको यहाँ कोई तकलीफ नहीं होगी।
आराम- मैं यहाँ बिल्कुल आराम से हूँ।
मीठी – कड़वी
मीठी- मेरे पास कुछ मीठी यादें हैं।
कड़वी- कड़वी यादों को भूल जाओं।
बेहोशी – होश
बेहोशी- दर्द कम करने के लियर यसे बेहोशी की दवा दी गई है।
होश- भी उसे होश में आने में वक्त लगेगा।
दुष्ट – सज्जन
दुष्ट- उस दुष्ट आदमी ने एज=क लड़की पकड़ ली है।
सज्जन- सज्जन लोग सदैव दूसरों की मदद करते है।
स्वप्न – जाग्रत
स्वप्न- वह जैसे स्वप्न से उठा हो।
जाग्रत- मनुष्य कभी कभी जाग्रत अवस्था में भी सोता रहता है।
सच – झूठ
सच- मैं सच के सिवा और कुछ नहीं बोल सकता।
झूठ- वकील झूठ की कमाई कहते है।
आसान – सरल
आसान- यह काम आसान नहीं है।
सरल- यह काम करना इतना सरल नहीं जितना कि तुम समझते हो।
स्वीकृति – अस्वीकृति
स्वीकृति- मुझे यहाँ आने स्वीकृति मिल गई है।
अस्वीकृति- मेरे आवदन का जवाब अस्वीकृति में ही आएगा ।
टेढ़ा – सीधा
टेढ़ा- तेज हवाओं से खंभा टेढ़ा हो गया है।
सीधा- यह रास्ता सीधा मंदिर ही जाता है।
Vilom Shabd Class 6 Chapter – शाम एक किसान
बांधकर – खोलकर
बांधकर- लकड़ियों का गट्ठर बांधकर वह चल पड़ा।
खोलकर- उसने अपनी पोटली खोलकर दिखा दी।
अंधकार – प्रकाश
अंधकार- सड़क पर अंधकार पसरा हुआ था।
प्रकाश- पौधे अपना भोजन सूर्य के प्रकाश से बनाते है।
पूर्व – पश्चिम
पूर्व- पूर्व दिशा में लालिमा छा गई
पश्चिम- पश्चिम में इसका प्रवेश द्वार है।
सिमटा – फैला
सिमटा- वह कोने में सिमटा सा बैठा रहा
फैला- गीले कपड़े छत पर फैला दो।
Vilom Shabd Class 6 Chapter– चिड़िया की बच्ची
सुंदर – कुरूप
सुंदर- वह बहुत सुंदर चित्र बनाता है।
कुरूप- उसने एक कुरूप लड़की से शादी की।
मित्र – शत्रु
मित्र- कृष्ण और सुदामा बचपन से ही मित्र थे।
शत्रु- वह मेरा शत्रु है।
जिंदगी – मौत
जिंदगी- उसने अपनी जिंदगी बहुत मजे में गुजारी।
मौत- अचानक गिर पड़ने से ही उसकी मौत हो गई।
संध्या – प्रभात
संध्या- संध्या के समय हमलोग घूमने जाएंगे
प्रभात- प्रभात फेरि का समय समाप्त हो गया है।
खुशी – दुखी
खुशी- तुम्हें यहाँ देख कर मुझे बहुत खुशी हो रही है।
दुखी- यह खबर सुनकर मेरा मन बहुत दुखी हो रहा है।
असावधान – सावधान
असावधान- मैं अभी बिल्कुल असावधान था।
सावधान- चिड़िया बिल्कुल सावधान नहीं थी।
भयभीत – निर्भय
भयभीत- अचानक शेर को देखकर वह भयभीत हो गया।
निर्भय- निर्भय होकर वह यहाँ वहाँ घूमता रहता है।
वीरान – गुलजार
वीरान- बच्चों के न रहने से घर वीरान हो जाता है।
गुलजार- बच्चों के आजाने से घर गुलजार हो जाता है।
अनजान – जानकार
अनजान- मैं तुमसे अनजान हूँ
जानकार- वह मेरा जानकार है।
वरदान – अभिशाप
वरदान- मैं तुम्हें एक वरदान देना चाहता हूँ
अभिशाप- ऋषि ने क्रोध में आकर शकुंतला को अभिशाप दे दिया।
खुशबू – बदबू
खुशबू- मझे गुलाब की खुशबू अच्छी लगती है।
बदबू- नाले की बदबू ने यहाँ रहना दूभर कर दिया है।
उजेला – अंधेरा
उजेला- थोड़ी ही देर में उजेला हो जाएगा।
अंधेरा- अंधेरा होते ही मैं चला जाऊंगा।
Vilom Shabd Class 6 Chapter– अपूर्व अनुभव
आरामदेह – तकलीफदेह
आरामदेह- यह एक आरामदेह स्थल है।
तकलीफदेह- यह बहुत ही तकलीफदेह बीमारी है।
निजी – पराया
निजी- यह मेरा निजी मामला है।
पराया- मुझे पराया मत समझो।
शिष्टता – अशिष्टता
शिष्टता- उसने अत्यंत शिष्टता से माफी मांगी
अशिष्टता- वह जब तब अशिष्टता का आचरण ओढ़ लेता है।
उत्तेजित – शांत
उत्तेजित- वह उत्तेजित होकर बोलता है।
शांत- मैं बहुत शांत स्वभाव का हूँ ।
नाजुक – कठोर
नाजुक- मैं बहुत नाजुक हूँ ।
कठोर- उसका हृदय अत्यंत कठोर है।
निश्चय – अनिश्चय
निश्चय- वह निश्चय करके आगे बढ़ा ।
अनिश्चय- उसके चेहरे से अनिश्चय का भाव टपक रहा था ।
ताप – शीत
ताप- सूरज का ताप उसके चेहरे पर पड़ रहा था।
शीत- मैं इस शीत में बाहर नहीं जाऊंगा ।
लुभावना – डरावना
लुभावना- उसका चेहरा बहुत लुभावना है।
डरावना- अचानक एक डरावना चेहरा उसके सामने प्रकट हुआ ।
अंतिम – शरू
अंतिम- यह तुम्हारे लिए अंतिम मौका है।
शुरू- नाटक अभी शुरू होगा।
Vilom Shabd Class 6 Chapter– रहीम के दोहे
विपती – संपत्ति
विपती- विपती में ही मित्रता की पहचान होती है।
संपत्ति- संपत्ति को देख कर सभी उसका मित्र बनना चाहते है।
मीत – वैरी
मीत- श्री कृष्ण सुदामा के सच्चे मित्र थे ।
वैरी- सबसे इतनी घृणा करोगे तो सभी तुम्हारे वैरी बन जाएंगे ।
मोह – विछोह
मोह- दूर रहकर भी मैं उसका मोह त्याग न सका ।
विछोह- उसका विछोह अब बर्दाश्त नहीं होता ,
सुजण – दुर्जन
सुजण- सुजण अपना शरीर दूसरों के हित के लिए धरते है।
दुर्जन- दुर्जन मनुष्यों का उद्देश्य दूसरों को पीड़ा देना है।
निर्धन – धनी
निर्धन- राजा के पास एक निर्धन ब्राह्मण आया।
धनी- महात्मा गांधी का जन्म एक धनी परिवार में हुआ।
Vilom Shabd Class 6 Chapter– कंचा
बुद्धू – बुद्धिमान
बुद्धू- कौआ बहुत बुद्धू था।
बुद्धिमान- लोमड़ी ने बुद्धिमानी का परिचय दिया।
उदास – खुश
उदास- वह उदास था इसलिए बोल न सका।
खुश- आज वह बहुत खुश है।
निषेध – विधान
निषेध- उसने निषेध में अपना सिर हिलाया।
विधान- यहाँ पर यह विधान नहीं है।
स्पर्श – अनुभूति
स्पर्श- उसने झुककर अपनी माँ का चरण स्पर्श किया।
अनुभूति- कुछ देर बाद उसे ठंड की अनुभूति हुई।
विदा – अगवानी
विदा- कार्यक्रम की समाप्ति पर अतिथियो ने विदा मांगी
अगवानी- रमेश अतिथियों के अगववानी के लिए स्टेशन गए।
शक्ति – शक्तिहीन
शक्ति- जीतने के लिए उसने अपनी पूरी शक्ति लगाई।
शक्तिहीन- वह अत्यंत शक्तिहीन है।
खामोश – कहकहा
खामोश- वह अंत तक खामोश रहा।
कहकहा- बच्चों के कहकहों से कमरा गूंज उठा ।
सम्मिलित – उन्नमिलित
समीलित- आज की मीटिंग में सम्मिलित होना अनिवार्य है।
उन्नमिलित- धीरे धीरे सब उन्मीलित होने लगे ।
समाधान – समस्या
समाधान- मुझे समाधान मिल गया।
समस्या- यह तो कोई नई समस्या नहीं है।
नजदीक – दूर
नजदीक- वह मेरे घर के नजदीक रहता है।
दूर- मैं तुमसे दूर जाना चाहता हूँ।
पसंद – नापसंद
पसंद- मुझे यह खेल पसंद नहीं है।
नापसंद- मैं तुम्हें नापसंद करता हूँ।
Vilom Shabd Class 6 Chapter– एक तिनका
घमंड – विनम्र
घमंड- राजा के पास घमंड का कारण भी था।
विनम्र- नौकर बहुत विनम्र था।
बेचैन – चैन
बेचैन- वह बेचैन सा घूमता रहा।
चैन- आठ साल बाद उसे चैन मिला।
Vilom Shabd Class 6 Chapter– खान पान की बदलती तस्वीर
उपलब्ध – उनुपलब्ध
उपलब्ध- यहाँ पर सभी सामान उपलब्ध है।
अनुपलब्ध- फिलहाल यह किताब अनुपलब्ध है।
परिचित – अपरिचित
परिचित- मैं तुमसे परिचित होना चाहता हूँ।
अपरिचित- मैं तुमसे अपरिचित हूँ।
विविधता – एकता
विविधता- भोजन में विविधता बनी रहनी चाहिए
एकता- दोनों परिवारों में एकता है।
स्वाभाविक – अस्वाभाविक
स्वाभाविक- उसकी यह प्रतिक्रिया अत्यंत स्वाभाविक है ।
अस्वाभाविक- उसके व्यवहार और कार्य दोनों अस्वभाविक रहते है।
मिश्रित – एकल
मिश्रित- भारत की संस्कृति मिश्रित है।
एकल- आधुनिकता ने एल्क परिवार को जन्म दिया है।
सकारात्मक – नकारात्मक
सकारात्मक- मुझे तुमसे सकारात्मक उत्तर की आशा है।
नकारात्मक= दूसरों पर विश्वाश करना ही तुम्हारे व्यक्तित्व का नकारात्मक पक्ष है।
विस्तार – संक्रीर्ण
विस्तार- आजकल नौकरियों का नया विस्तार हुआ है।
संकीर्ण- मेरी माँ संकीर्ण विचारों की है।
दुर्भाग्य – सौभाग्य
दुर्भाग्य- स्थानीय व्यंजनों का बाजारों से गायब होना भी एक दुर्भाग्य ही है।
सौभाग्य- यह मेरा सौभाग्य था कि वह होटल खुला हुआ था।
स्वास्थ्य – अस्वास्थ्य
स्वास्थ्य- इन दिनों मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं है।
अस्वास्थ्य- अब वह अस्वास्थ्य महसूस नहीं कर रहा है।
अनुकूल – प्रतिकूल
अनुकूल- मौसम सफर के लिए अनुकूल है।
प्रतिकूल- प्रतिकूल परिस्थिति में वह बेहतर काम करता है।
Vilom Shabd Class 6 Chapter– नीलकंठ
सजीव – निर्जीव
सजीव- चित्रकार के सभी चित्र सजीव जान पड़ रहे थे।
निर्जीव- संवेदना शून्य मनुष्य निर्जीव है।
योग्य – अयोग्य
योग्य- वह एक योग्य कार्यकरता है।
अयोग्य- वह इस पद के लिए अयोग्य है।
गौरव – लाघव
गौरव- पारितोषिक वितरण समारोह में उसे यह गौरव प्रदान किया गया।
लाघव- उसका व्यक्तित्व ही उसे लाघव रूप देता है।
सघन – विरल
सघन- आगे सघन आबादी है।
विरल- पहाड़ी इलाकों में आबादी विरल है।
विकास – पतन
विकास- धीरे धीरे उसका विकास हुआ।
पतन- गंदी सोहबत ने उसे पतन की राह दिखा दी।
चंचल – गंभीर
चंचल- मोर की चंचल कलगी हवा में लहराई।
गंभीर- वह बहुत गंभीर स्वभाव का है।
छाया – धूप
छाया- अंधकार की छाया गहराती जा रही थी।
धूप- दोपहर में धूप तेज होती है।
दंड – क्षमा
दंड- अंततः वह दंड का भुक्तभोगी बना।
क्षमा- जनता ने उसे क्षमा कर दिया ।
तीव्र – मंद
तीव्र- अत्यंत तीव्र स्वर में वह बोला।
मंद- उसकी गति बहुत मंद थी ।
शिशु – वृद्ध
शिशु- शेर के शिशु शावक जंगल में घूम रहे है।
वृद्ध- हमें वृद्ध जनों का सम्मान करना चाहिए
अस्थिर – स्थिर
अस्थिर- उसका चित्त अस्थिर है।
स्थिर- मैं बहुत स्थिर चीत हूँ
करून – हास्य
करून- करून रस की कविताएं अत्यंत कारुणिक है।
हास्य- हास्य रस की कविताएं मन को आनंदित कर देती है।
मित्रता – शत्रुता
मित्रता- दोनों में गहरी मित्रता है।
शत्रुता- दोनों में शत्रुता पनपने लगी है.
Vilom Shabd Class 6 Chapter– वीर कुँवर सिंह
स्वतंत्रता – परतंत्रता
स्वतंत्रता- वीर कुँवर सिंह एक वीर स्वतंत्रता सेनानी थे।
परतंत्रता- वर्षों की मेहनत के बाद भारत परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त कर दिया।
व्यापक – सीमित
व्यापक- उसके विचारों का व्यापक प्रचार हुआ।
सीमित- उसकी दुनिया बस यही सीमित है।
विद्रोह – सामंजस्य
विद्रोह- जमींदारों ने आदिवासियों के विद्रोह को दबाने का प्रयास किया।
सामंजस्य- विपरीत परिस्थितियों में सामंजस्य बिठाने का प्रयास सड़ाई करना चाहिए।
निर्मित – खंडित
निर्मित- यह नव निर्मित भवन है।
खंडित- मंदिर की प्रतिमा खंडित हो गई है।
सद्भाव – दुर्भाव
सद्भाव- हमें आपस के सद्भाव को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए
दुर्भाव- अपनों के प्रति दुर्भाव की भावना तुम्हें ले डूबी ।
स्वाभिमानी – चाटुकारी
स्वाभिमानी- वह बहुत स्वाभिमानी है।
चाटुकारी- चाटुकारी के गुण के कारण वह आज सफल है।
उत्पन्न – व्यतउपन्न
उत्पन्न- सत्ता के प्रति गहरा असंतोष उत्पन्न हुआ
व्युत्पन्न- अभी भी कई वस्तुएँ व्युत्पन्न ही है।
प्रस्थान – आगमन
प्रस्थान- यहाँ गाड़ियों का प्रस्थान समय निर्धारित है।
आगमन- आज घर में नई बहु का आगमन है।
कीर्ति – अपकीर्ति
कीर्ति- उसकी कीर्ति फैलती गई।
अपकीर्ति- अपनी अपकीर्ति से वह बहुत परेशान है।
विजय – पराजय
विजय- आज युद्ध में उसकी विजय निश्चित है।
पराजय- अपनी पराजय से वह शर्मिंदा है,
अकिंचन – धनवान
अकिंचन- मैं निर्धन अकिंचन ब्राह्मण मैं तुम्हारा क्या कर सकता हूँ।
धनवान- वह एक धनवान सेठ है।
Vilom Shabd Class 6 Chapter– संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिजाज बन गया
तुनुकमिजाज – खुशमिजाज
परिस्थितियो- ने यसे तुनुकमिजाज बना दिया।
खुशमिजाज- वह बहुत खुशमिजाज व्यक्ति है।
शौक – आवश्यकता
शौक- मोटर चलाना मेरा शौक है।
आवश्यकता- दिन रात मोटर चलाना मेरी आवश्यकता है।
उधार – नगद
उधार- लेकर मैंने बच्चों को पढ़ाया
नगद- इस दुकान पर नगद ही देना पड़ता है।
कीमती – सस्ती
कीमती- मेरी घड़ी बहुत कीमती है।
सस्ती- मैं सस्ती वस्तुएँ नहीं पहन सकता।
कठिन – आसान
कठिन- यह एक कठिन समय था।
आसान- मैं हर काम को आसान कर सकता हूँ।
आक्रामक – शांत
कक्षा- में सबसे आक्रामक वही था।
शांत- वह बहुत शांत स्वभाव का मनुष्य है।
असुरक्षित – सुरक्षित
मई- इन दिनों बहुत असुरक्षित महसूस करने लगा हूँ।
सुरक्षित- यह सबसे सुरक्षित जगह है।
संघर्ष – सहज
संघर्ष- संघर्ष के बाद ही मुझे कोई चीज प्राप्त हुई है।
सहज- मैं हर चीज सहज ही प्राप्त कर लेता हूँ ।
भावुक – व्यवहारिक
मैं एक भावुक इंसान हूँ ।
व्यवहारिक- जीवन में व्यवहारिक होना आवश्यक है।
प्रसिद्धि – बदनामी
प्रसिद्धि- उसकी प्रसिद्धि दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।
बदनामी- बेटों की नाकामी ने उन्हे बदनामी दिया है।
कृत्रिम – प्राकृतिक
कृत्रिम- वह कई दिनों से कृत्रिम सांस पर जीवित है।
प्राकृतिक- शुद्ध प्राकृतिक हवा में सांस लेना बहुत जरूरी है।
मशहूर – गुमनाम
मशहूर- ध्यानचंद एक मशहूर खिलाड़ी थे।
गुमनाम- कुछ दिनों बाद ही वह अचनक से गुमनाम हो गया।
Vilom Shabd Class 6 Chapter– आश्रम का अनुमानित व्यय
व्यवस्था – अव्यवस्था
व्यवस्था- आश्रम की व्यवस्था बहुत दुरुस्त थी।
अव्यवस्था- आजकल घर में बहुत अव्यवस्था फैली हुई है।
खर्च – आमद
खर्च- विवाह में बहुत पैसे खर्च हो गए।
आमद- जितनी खर्च है उतनी आमद नहीं है हमारी।
मासिक – दैनिक
मासिक- मेरी मासिक आमदनी बहुत कम है।
दैनिक- वह दैनिक वेतनभोगी है।
प्रमुख – गौण
कुछ- प्रमुख लोगों की इच्छा से यह हुआ है।
गौण- यह एक गौण मामला है।
इंतजाम – बद्दइंतजाम
इंतजाम- यहाँ का सभी इंतजाम अच्छा है।
बद्दइंतजाम- बद्दइंतजाम ने सब कार्यक्रम गड़बड़ कर दिया।
संभव – असंभव
संभव- यह काम अब संभव नहीं है।
असंभव- मैं हर असंभव काम करने में सक्षम हूँ ।
अनुमान – यथार्थ
अनुमान- यह अनुमान किया ज रहा है।
यथार्थ- नाटक में जीवन का यथार्थ चित्रण किया गया है।
स्थानीय – बाहरी
स्थानीय- कुछ स्थानीय व्यंजनों की मांग बढ़ गई है।
बाहरी- यह एक बाहरी मसला है।