उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सोमवार को छह विधानसभा क्षेत्रों के लिए इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीन (ईवीएम) की सीलिंग का आदेश दिया। न्यायमूर्ति सर्वेश कुमार गुप्ता ने ईवीएम को छेड़ने के संदर्भ में दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश पारित कर दिए।
उत्तराखंड के 6 निर्वाचन क्षेत्रों में होगी ईवीएम की चेकिंग
छह निर्वाचन क्षेत्रों में मसूरी, राजपुर, रायपुर, रानीपुर, हरिद्वार ग्रामीण और प्रतापुर हैं। सभी संबंधित दलों को जवाब देने के लिए छह सप्ताह का समय दिया गया है। इससे पहले 27 अप्रैल को उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने केंद्रीय चुनाव आयोग (ईसी), राज्य चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी के विकासनगर विधायक एम.एस. को नोटिस जारी कर दिए थे। ईवीएम की छेड़छाड़ के आरोप में कांग्रेस विकासनगर के उपविभागीय उम्मीदवार नवप्रभात की दायर याचिका पर कार्रवाई की गई।
उच्च न्यायालय ने अधिकारियों से ईवीएम को सुरक्षित रखने के लिए कहा और छह सप्ताह के अंदर ही जवाब देने का आदेश दिया। चौहान ने इस साल फरवरी में होने वाले चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार नवप्रभात को 6,000 से अधिक मतों से पराजित किया था। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्राप्त चुनाव परिणामों के लिए ईवीएम के संभावित छेड़छाड़ पर संकेत दिया था। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने अनुकूल परिणामों को सुनिश्चित करने के लिए मशीनों में छेड़छाड़ के बाद ईवीएम स्कैनर किये।
इन्ही आरोपों को ध्यान में रखते हुए उच्च न्यायलय ने उपरोक्त छ निर्वाचन क्षेत्रों की ईवीएम को हाई सिक्योरिटी में सील करने के आदेश दिए गए है| यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ईवीएम में कोई गड़बड़ी पाई जाती है| अगर ऐसा हुआ तो सच में यह बहुत अजीब होगा बीजेपी के लिए| लगभग सभी विपक्षी दल ईवीएम मुद्दे पर अपनी-अपनी नाराजगी जता चुके है|