उदित उदयगिरी-मंच पर, रघुवर बाल-पतंग विकसे संत सरोज सब हर्षे में कौनसा अलंकार है?
उदित उदयगिरी-मंच पर, रघुवर बाल-पतंग विकसे संत सरोज सब हर्षे लोचन भंग में कौनसा अलंकार है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिये।
उदित उदयगिरी-मंच पर, रघुवर बाल-पतंग विकसे संत सरोज सब हर्षे लोचन भंग में रूपक अलंकार है। इस काव्यांश में पहाड़ को मंच का रूप। राम पर बाल सूर्य का ,संतों पर कमल का तथा संतों की आँखों को भँवरे का रूप आरोपित किया गया है इसलिए रुपक अलंकार है।
इसमे यह कहा गया है कि पहाड़ रूपी मंच पर राम रूपी सूर्य के उदित होते हि संत के चेहरे रूपी कमल खिल जाते है जिससे भँवरे रूपी उनकी आँखें हर्षित हो रहीं हैं।
इस उदाहरण में जहां जहां पर उपमेय और उपमान आए हैं, वो हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए नीचे लिख दिये हैं:-
उपमेय –उपमान
उदयगिरी – मंच
रघुवर – सूर्य
संत – कमल , लोचन – भँवरे
जहां किन्हीं दो व्यक्ति या वस्तुओं में इतनी समानता हो कि दोनों में अंतर करना मुश्किल हो जाए वहां रूपक अलंकार होता है।
अथवा जहां उपमेय उपमान का रूप धारण कर ले वहां रूपक अलंकार होता है। रूपक अलंकार अर्थालंकार का एक प्रकार है।
उदित उदयगिरी-मंच पर, रघुवर बाल-पतंग विकसे संत सरोज सब हर्षे लोचन भंग में रूपक अलंकार से संबन्धित प्रश्न परीक्षा में कई प्रकार से पूछे जाते हैं। जैसे कि – यहाँ पर कौन सा अलंकार है? दी गई पंक्तियों में कौन सा अलंकार है? दिया गया पद्यान्श कौन से अलंकार का उदाहरण है? पद्यांश की पंक्ति में कौन-कौन सा अलंकार है, आदि।
उदित उदयगिरी-मंच पर, रघुवर बाल-पतंग विकसे संत सरोज सब हर्षे लोचन भंग पंक्तियों में रूपक अलंकार के अलावा और कौन सा अलंकार उपस्थित है?
उ वर्ण की आवृति के कारण अनुप्रास अलंकार है , संत सरोज सब में अनुप्रास अलंकार, आँखों को भँवरे के रूप में वर्णन के कारण मानवीकरण अलंकार।
Important Alankar in Hindi अलंकार के उदाहरण एवं हिन्दी अलंकार पर प्रश्न जो परीक्षा में पूछे जा सकते हैं।
- रूपक अलंकार की परिभाषा, अंग (भेद) एवं उदाहरण Roopak Alankar in Hindi
- “या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी। ” में कौन सा अलंकार है?
- ” पास ही रे हीरे की खान ,खोजता कहां और नादान? में कौन सा अलंकार है?
- ऊंचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊंचे घोर मन्दर ले अन्दर रहाती है। में कौन सा अलंकार है?
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