Advertisement

ऊधौ जोग जोग हम नाही। अबला सारज्ञान कह जानै, कैसै ध्यान धराही। में कौन सा अलंकार है?

ऊधौ जोग जोग हम नाही। अबला सारज्ञान कह जानै, कैसै ध्यान धराही। में कौन सा अलंकार है?

udhau jog jog ham nahin mein kaun sa alankar hai

ऊधौ जोग जोग हम नाही। अबला सारज्ञान कह जानै, कैसै ध्यान धराही।

Advertisement

जब किसी काव्य पंक्ति में शब्द की आवृति हो हर बार उसका अर्थ अलग अलग हो तो वहाँ यमक अलंकार होता है। यहाँ जोग शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है। जोग – निर्गुण भक्ति और योग्य।

प्रस्तुत पंक्ति में यमक अलंकार का भेद:

चूंकि इसमें शब्दों को ज्यों का त्यों प्रयोग हुआ है इसलिए इसमें अभंग पद यमक अलंकार है।

Advertisement

यमक अलंकार का अन्य उदाहरण:

आप यमक अलंकार को अच्छी तरह से समझ सकें इसलिए यमक अलंकार के कुछ अन्य उदाहरण निम्नलिखित हैं:

मालाफेरत जग मुआ मिटा न मन का फेर। कर का मनका छोड़ के मन का मनका फेर.। इस पंक्ति में मनका शब्द की आवृति हुई है और दोनों बार अलग अलग अर्थमें प्रयुक्त हुआ है। अतः; यह यमक अलंकार का उदाहरण है।

Advertisement

यमक अलंकार का अन्य उदाहरण है – रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सुन। पानी गए न उबरे बिन पानी सब सून। इस पंक्ति में पानी शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है, लेकिन अर्थ दोनों ही बार अलग अलग है।

काव्य पंक्ति में अन्य अलंकार –

अनुप्रास अलंकार का सुंदर उदाहरण।

अलंकार के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर जाएँ:

Advertisement

अलंकार – परिभाषा, भेद एवं उदाहरण 

Advertisement

Leave a Reply