इस तरीके से रखती हैं अपने शरीर को साफ़
यहाँ की महिलाएं खुद को साफ़ रखने के लिए एक ख़ास तरीका अपनाती हैं. इन्हें पानी से नहाना मना है इस लिए ये खुद को साफ़ रखने के लिए एक ख़ास किस्म के जड़ी-बूटी का इस्तेमाल करती हैं. इन जड़ी-बूटियों को पानी में उबाल कर उसके भाफ़ से ये अपने शरीर को स्वक्ष रखती हैं. ताकि वो शरीर में पैदा होने वाली बदबू से खुद को बचा सकें. इस नुस्खे के कारण ना नहाने के बावजूद भी इनके शरीर से खुशबू अाते रहती है.
लोशन के जगह करती हैं चर्बी का इस्तेमाल
आमतौर पर लोग शरीर की नमी को बरकरार रखने के लिए बॉडी लोशन या मोस्चराइज़र का इस्तेमाल करते है. लेकिन यहाँ की महिलाएं अपने स्किन की नमी को बरक़रार रखने के लिए एक ख़ास किस्म के चर्बी से बने लोशन का इस्तेमाल करती हैं. ये चर्बी किसी जानवर का होता है. इस तरह के लोशन को जानवरों के चर्बी और हेमाटाइट (लोहे की तरह एक खनिज तत्व) के कणों से तैयार किया जाता है. हेमाटाइट कणों की वजह से उनके त्वचा का रंग लाल हो जाता है. ये खास तरह का लोशन उन्हें कीड़ों के काटने से भी बचाता है. इनकी लाल रंग त्वचा के कारण इन महिलाओं को रेड वीमेन के नाम से भी जाना जाता है. गौरतलब है की ये महिलाएं उसी वक़्त नहाती हैं जब इनकी शादी होती है. बाकि का जीवन ये बिना नहाये ही बिताती हैं.
पानी से दूर रहने के नियम के बावजूद यहाँ की महिलाओं को एक विशेष अधिकार दिया गया है. हिम्बा जनजाति की ख़ास बात ये है कि चाहे परिवार का मुखीया पुरुष ही क्यों ना हो लेकिन परिवार से जुड़े आर्थिक फैसले लेने का अधिकार केवल महिलाओं को ही होता है.