किसी ने सही ही कहा है कि ताकत के गूरूर में लोग पागल हो जाते हैं. उस वक़्त लोग सही और गलत में अंतर ही भूल जाते हैं. खुद को जो सही लगे वही करने लगते हैं. इसका जीता जगता उदाहरण कही और नहीं बल्कि अपने देश भारत में ही देखने को मिला है.
खबर आ रही है कि कोरिया के पुलिस ने एक बकरी पर कार्यवाई की है. जिससे बकरी और उसका मालिक बेहद नाराज है. ये कोरिया कोई देश नहीं है बल्कि छत्तीसगढ़ का छोटा सा जिला है. जी हां एक छोटा सा कोरिया भारत में भी पड़ता है. कोरिया जिले के जनकपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानने के बाद आप समझ ही नहीं पायेंगे कि अनाज कौन खता है और घांस कौन.
कोरिया जिला के न्यायिक मजिस्ट्रेट ने एक ऐसा फैसला सुना दिया है जो काफी चर्चे में है. कमाल की बात ये है कि मजिस्ट्रेट ने ये फैसला एक बकरी के लिए सुनाया है. दिलचस्प बात ये है कि बुलंदशहर की डीएम बी चन्द्रकला के जरिए बिना इजाजत सेल्फी खींचने वाले युवक को जेल भेजने का मामला अभी ठंडा भी नही पड़ा था कि, ये वाक्या सामने आ गया है.
दरअसल आरोपी बकरी पर ये इलज़ाम है कि उसने मजिस्ट्रेट के बंगले में मौजूद बगीचे को नुक्सान पहूंचाया है. बकरी की ढिठई तो देखिये ऐसा वो रोज-रोज करती थी. अब उस नासमझ को क्या मालूम था कि जिस बगीचे की फूल पत्तियों का स्वाद वो चख रही है वो किसी आम आदमी का नहीं बल्कि एक न्यायिक मजिस्ट्रेट का बगीचा है.
बकरी के इस आदत से परेशान मजिस्ट्रेट के आदेश पर बंगले के चपरासी ने पुलिस थाने में एक लिखित शिकायत दर्ज करा दी. अब जबकि मामला जज से जुड़ा हुवा था तो पुलिस को भी तत्काल हरकत में आना पड़ा. इसलिए पुलिस ने आव देखा ना ताव, उसने बकरी और उसके मालिक को तुरंत हिरासत में ले लिया. पुलिस ने बकरी और उसके मालिक पर बकायदा धारा 427 और 447 के तहत मुकदमा भी दर्ज किया.
अब पुलिस कह रही है कि बकरी और उसके मालिक को कोर्ट में हाजिर किया जायेगा. इसके बाद कोर्ट जो आदेश देगी उसी अनुसार आगे की कार्यवाई की जाएगी. अब बकरी और उसके मालिक की किस्मत तो जज साहब के हाथों में ही है. इस घटना से एक बात तो यही समझ में आ रही है कि, कमाल का लोकतंत्र है अपना यहाँ एक बलात्कारी, एक खुनी खुले आम घूमते रहते है लेकिन एक बकरी और उसके मालिक पर तत्काल कार्यवाई हो जाती है.