आपको बतादें कि ये कछुआ चेलोनोएडिस नस्ल का है. एक ऐसा वक़्त था जब इस नस्ल के केवल 2 नर और 12 मादा कछुवे ही बचे थें. लेकिन डिएगो के इस खासियत के कारण इनकी संख्या अब 800 पहुँच चुकी है. डिएगो को 20वीं शताब्दी के मध्य में अमेरिका लाया गया था. जिसके बाद कछुवों के इस नस्ल को बचाने में काफी मदद मिली है.
आपको बता दें कि ऐसे कई सारे जीव हैं जो कि धरती से विलुप्त होते जा रहे हैं. ऐसे में कछुए के इस नस्ल को बचाना अपने आप में एक बड़ी कमयाबी है. डॉक्टरों के मुताबिक डिएगो इस नस्ल के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. इस नस्ल के कछुवों को बचाने के लिए डॉक्टरों की एक टीम लगातार अध्ययन कर रही है.
डिएगो 82 किलो और 35 इंच के कदकाठी वाला एक स्वस्थ नर है. डॉक्टरों का कहना है कि डिएगो के सेहत का खास ध्यान रखा जाता है. साथ ही उसे हर वक्त विशेषज्ञों के नजर में रखा जाता है.