सामान्य तौर पर इन्सान का दिल उसके सीने में होता है. दिल के धड़कने की आवाज को हम सीने पर कान लगा कर महसूस कर सकते हैं. डॉक्टर इलाज के दौरान दिल के धड़कनों को सुनने के लिए सेटिस्कोप का प्रयोग करते हैं.
लेकिन रूस में एक ऐसी बच्ची है जिसका दिल उसके सीने के बीचो-बीच है. यहाँ तक कि आप उसके दिल को अपने आँखों से धड़कते हुवे देख भी सकते हैं. रूस में रहने वाली विरसाव्या की उम्र सात साल है. उसका दिल उसके सीने के बीचो-बीच नीचे की ओर है. हालाँकि ये स्थिति विरसाव्या को दूसरे बच्चों से अलग तो बनती है लेकिन वो दुसरे बच्चों के तरह बिलकुल ही सामान्य है. ये बच्ची दूसरे बच्चों के तरह खेलती है, डांस प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेती है. इसके अलावा भी वो हर काम करती है जो उसके उम्र के दुसरे बच्चे करते हैं.
यूट्यूब पर अपलो़ड एक विडियो में विरसाव्या अपने दिल की ओर ऊँगली से इशारा करते हुवे कहती है कि ये मेरा दिल है और मैं ऐसी इकलौती हूँ जिसका दिल इस जगह पर है. डॉक्टर कहते हैं कि यह बच्ची ‘थोरैको एब्डोमिनल सिंड्रोम या पेंटालॉजी ऑफ कैंट्रेल’ नाम की बीमारी से ग्रसित है. यह स्थिति 10 लाख में से एक बच्चे में देखा जाता है.
आप तस्वीर में देख सकते हैं कि विरसाव्या का दिल उसके सीने के नीचे है. यह एक उभार के रूप में दिखता है. उसका दिल एक बेहद पतली त्वचा से ढका हुवा है. इस कारण वह बाहर से साफ तौर से दिखता है. उसके दिल को आंखो से भी देखा जा सकता है कि वो कैसे धड़क रहा है. बच्ची कहती है कि वो हमेशा हल्के और मुलायम कपडे पहनती है ताकि उसका दिल सुरक्षित रहे. वो कहती है कि मैं पैदल चलना, उछलना, उड़ना चाहती हूं. लेकिन डॉक्टर ने फिलहाल मुझे तेज चलने से मना किया है.
रूस में जन्मी विरसव्या के जन्म के वक़्त उसके दिल की ऐसी हालत को देखकर डॉक्टर काफी चिंतिंत थे. यहाँ तक कि बच्ची का बचना भी डॉक्टरों को मुश्किल लग रहा था. उन्होंने उसकी माँ डारी ब्रोन को बुरी खबर सुनने के लिए तैयार रहने को कहा था.
डारी ब्रोन कहती हैं कि, ‘डॉक्टरों ने मुझसे कहा कि विरसाव्या की स्थिति बेहद नाजुक है. जब मैंने पहली बार इसके दिल को धड़कते देखा तो यह मेरे लिए नया अनुभव था. ये देखकर मुझे अंदर से लगा कि विरसाव्या की हालत ठीक है और वह बच जाएगी.’
ब्रोन अपनी बेटी को लेकर अमेरिका में डॉक्टरों से मिली चुकी हैं. उन्हें उम्मीद थी कि शायद यहां के डॉक्टर सर्जरी से विरसाव्या का दिल सामान्य स्थिति में पहुंचा देंगे. लेकिन हाई ब्लडप्रेशर के खतरे को देखते हुए डॉक्टरों ने सर्जरी करने से मना कर दिया.
दुखद है कि अपने दिल की वजह से विरसाव्या स्कूल नहीं जा पाती है, लेकिन वह अपने घर पर ही पढ़ाई करती है. वह नृत्य, खेल आदि में बेहद सावधानी से हिस्सा लेकर अपने शौक को पूरा करती है. हालांकि इस दौरान उसकी मां उसका पूरा ख्याल रखती है.