सौर ऊर्जा पर निबंध Essay on Solar Energy:
सूर्य किरणों से प्राप्त सौर ऊर्जा हैं. यह हमारे लिए ऊर्जा प्राप्ति का असीमित स्रोत हैं. भारत में सौर ऊर्जा गैर परम्परागत ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत हैं. सौर कुकरों, सौर हीटरों और सौर सेलों में सौर ऊर्जा इस्तेमाल होती हैं. सौर ऊर्जा को संग्रहित करके ताप और विद्युत् ऊर्जा में बदला जाता हैं, मानव निर्मित उपग्रहों तथा अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में सौर ऊर्जा का उपयोग प्रमुख ऊर्जा स्रोत के रूप में किया जाता हैं.
रेडियो अथवा बेतार संचार क्षेत्रों अथवा सुदूर क्षेत्रों के टीवी रिले केन्द्रों में भी सौर सेल पैनल उपयोग किये जाते हैं. ट्रैफिक सिग्न लों परिकलको तथा बहुत से खिलौनों में सौर सेल लगे होते हैं. सौर सेलों का रखरखाव सस्ता होता हैं. इन्हें सुदूर अगम्य और ऐसे छितरे बसे हुए क्षेत्रों में भी स्थापित किया जा सकता हैं, जहाँ शक्ति संचरण के लिए केबल बिछाना अत्यंत खर्चीला और व्यापारिक दृष्टि से व्यवहारिक नहीं होता हैं.
सौर सेल द्वारा सौर ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में रूपांतरित करते हैं. जब बहुत अधिक संख्या में सौर सेलों को संयोजित करते हैं तो यह व्यवस्था सौर पैनल कहलाती हैं. सौर सेल बनाने में सिलिकॉन का उपयोग किया जाता हैं जो प्रकृति में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं सौर सेलों को परस्पर संयोजित करके सौर पैनल बनाने में सिल्वर का उपयोग किया जाता हैं.
ज्यों ज्यों मानव सभ्यता प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर उन्नत स्वरूप बनाती गई त्यों त्यों ऊर्जा की खपत भी बढ़ती ही गई. आदिकाल में जहाँ व्यक्ति की आवश्यकताएं सिमित थी, लोग कम थे जिसके चलते कृत्रिम रूप से उत्पादित ऊर्जा की कभी आवश्यकता ही महसूस नहीं की गई. जैविक रूप से सुलभ ऊर्जा के भंडारों का उत्तरोतर दोहन इस द्रुतगती से हुआ कि आगामी एक सदी में ऊर्जा के समस्त परम्परागत स्रोत समाप्त हो जाएगे.
यदि इसी तरह ऊर्जा के परम्परागत साधनों का उपयोग बढ़ता गया, तो भविष्य में भयानक ऊर्जा संकट का सामना करना पड़ेगा. मानव ऊर्जा के परम्परागत स्रोतों में वृद्धि नहीं कर सकते, यह जैविक प्रक्रिया द्वारा लाखों करोड़ों वर्षों में बनते हैं अतः विकल्प के तौर पर पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा तथा बायोगैस के विकल्प तलाशे गये. सूर्य ऊर्जा जिन्हें सोलर एनर्जी कहा जाता हैं यह सस्ती, सर्वसुलभ, निरापद, निरंतर उपयोग लाई जाने वाली अक्षय ऊर्जा हैं.
सौर ऊर्जा का अर्थ है सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा या ऊष्मा. जिन्हें पृथ्वी के हर उस स्थान पर तैयार किया जा सकता है जहाँ सूर्य दिखाई देता हैं. भविष्य में इसकी प्राप्ति के पथ में कोई अवरोध भी प्रतीत नहीं होता हैं. अन्य ऊर्जा स्रोतों की तुलना में यह पूर्ण पर्यावरण मित्र हैं. जिनसे किसी तरह का प्रदूषण भी नहीं होता हैं.
हमारी पृथ्वी के लिए ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत सूर्य ही हैं, जिसके कारण हम देख पाते है प्रकाश की किरणों से रोशनी, उष्मा से ताप तथा जलवायु को संतुलित बनाने में सहायक हैं. इस तरह सूर्य की ऊष्मा का उपयोग विविध रूपों में किया जाता हैं. मगर सूर्य की ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा के रूप में रूपांतरित करने की तकनीक को सूर्य ऊर्जा संयंत्र कहा जाता हैं.
सौर ऊर्जा के असीमित अनुप्रयोग हैं. प्रकाश के लिए बल्ब आदि से लेकर घरेलू उपयोग के विद्युत् उपकरणों कुकर, फ्रिज, एस सी, छोटी औद्योगिक इकाईयों, पानी की मोटर चलाने तथा भोजन पकाने में सोलर यंत्र सहायक होता हैं. वैज्ञानिकों ने सोलर कुकिंग यंत्र बनाया हैं जो सूर्य की किरणों का उपयोग भोजन बनाने में करता हैं. सौर ऊर्जा के दैनिक जीवन में उपभोग करने के नयें नयें तरीके खोजे जा रहे हैं. भविष्य में यह आम आदमी के जीवन में महत्वपूर्ण साबित होगी.
यदि हम सौर ऊर्जा के लाभ/ फायदे की बात करें तो इन्हें मोटे तौर पर दो भागों में विभक्त कर सकते हैं पहला व्यक्तिगत लाभ तथा दूसरा पर्यावरणीय लाभ. अब तक हमने ऊर्जा के कई वैकल्पिक स्रोतों को पहचान लिया हैं जैसे परमाणु या पवन ऊर्जा आदि मगर ये उन्नत तकनीक, उच्च खर्च एवं प्रदूषण बढ़ाने वाले होते हैं. वहीँ सौर ऊर्जा इस मामले में सर्वसुलभ, सस्ती एवं पर्यावरण हितैषी हैं. इससे ऊर्जा निर्माण की प्रक्रिया में किसी तरह के रासायनिक उत्पाद या अवशिष्ट भी नहीं निकलते है जिससे पर्यावरण दूषित हो.
इसका दूसरा पहलू आसान पहुँच का हैं. विद्युत् ऊर्जा को देश के दूर दराज इलाकों तक पहुंचाना एक चुनौती भरा काम हैं इसमें अपार जन शक्ति एवं धन का अपव्यय होता हैं. वहीँ सौर ऊर्जा की उपलब्धता बेहद सरल है चाहे मरुसथल हो या पर्वत हो या कोई द्वीप समूह यह सर्वस्थानिक सुलभ हैं. सरकार के घर घर बिजली पहुचाने के लक्ष्य को सौर ऊर्जा संयंत्रों की मदद से पूर्ण किया जा सकता हैं. इससे अधिकाँश लोगों तक न केवल बिजली सुविधाएं पहुंचाई जा सकेगी बल्कि लागत में भी बचत होगी.
दुनियां के लगभग सभी देशों में व्यापक स्तर पर ऊर्जा के इस नवीकरणीय स्रोत को नई सम्भावनाओं के साथ अपनाया जा रहा हैं. इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह ऊर्जा निकट भविष्य में कभी भी समाप्त नहीं होगी. इस तरह कहा जा सकता हैं बदले हुए युग की आवश्यकताओं के अनुरूप सोलर एनर्जी ऊर्जा का अच्छा व सस्ता विकल्प हैं. जिसे प्रोत्साहित किये जाने की जरूरत हैं.
यदि हम सौर ऊर्जा से होने वाले नुकसान या हानियों की बात करें तो सम्भवतः कोई बड़ा नुकसान नहीं हैं. मगर इसकी अपनी कुछ सीमाएं हैं जो इसके उपयोग को सिमित करती हैं. पहली सीमा यह है कि इसका अधिकतम उपयोग सूर्य की रौशनी अर्थात दिन के समय ही किया जा सकता हैं जब सूरज की किरणें स्पष्ट रूप से धरती तक आ रही हो. इसके अतिरिक्त बड़े सौर पैनल को स्थापित करने में अधिक खर्च की आवश्यकता पड़ती हैं. साथ ही इन उपकरणों का रखरखाव भी सावधानी से करना होता हैं.
अधिक मात्रा में ऊर्जा के संचय क लिए पर्याप्त बड़े आकार के सौर पैनलों की जरूरत पड़ती हैं आमतौर पर ये घरों की छत को पूरा कवर कर लेते हैं. सर्दियों के मौसम या मानसून के दिनों में जब सूर्य बादलों के पीछे छिप जाता हैं ऐसी स्थिति में सौर पैनल से ऊर्जा प्राप्ति संभव नहीं होती हैं. ऐसी स्थिति में हमें ऊर्जा के अन्य स्रोतों पर निर्भर होना पड़ता हैं. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता हैं खुले मौसम के समय में खासकर दिन के समय सौर ऊर्जा का उपयोग अबाधित रूप से किया जा सकता हैं जबकि अन्य समय के लिए घरेलू विद्युत् का सहारा ले सकते हैं.
सौर ऊर्जा पर निबंध – उपयोग और तरीके – (750 शब्द)
SAUR URJA PAR NIBANDH
सौर ऊर्जा क्या है?
सौर ऊर्जा फोटॉन के रूप में सूर्य के प्रकाश में निहित ऊर्जा है। सौर ऊर्जा के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है। सभी सूक्ष्मजीव और एकल-कोशिका वाले जीव सौर ऊर्जा की मदद से अस्तित्व में आए।
पौधे शुरू से ही सौर ऊर्जा का उपयोग करते रहे हैं। पत्तियां सौर ऊर्जा को फंसाती हैं और भोजन तैयार करने के लिए प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में इसका उपयोग करती हैं। इस तरह, खाद्य पिरामिड के कामकाज में सौर ऊर्जा एक आवश्यक भूमिका निभाती है।
सौर ऊर्जा के उपयोग:
सौर ऊर्जा का उपयोग सभी जीवों द्वारा किया जाता है, जिसमें पौधे और जानवर दोनों शामिल हैं। और मनुष्य कोई अपवाद नहीं हैं। सबसे पहले, सौर ऊर्जा द्वारा लाया गया दिन का प्रकाश अंधेरे को दूर करता है और हमें सभी काम आसानी से पूरा करने में मदद करता है।
सौर ऊर्जा धुले हुए कपड़ों को सुखाने के लिए पर्याप्त गर्मी पैदा करती है। यह हमें सर्दियों में गर्म रखता है। सौर ऊर्जा भी नमी को कम करने और हानिकारक कीटाणुओं को मारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सुबह की धूप हमारी हड्डियों को मजबूत करने, हमारी प्रतिरक्षा में सुधार और त्वचा की कई बीमारियों को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए जानी जाती है।
बड़े स्तर पर, सौर ऊर्जा के कई अन्य उपयोग हैं। उदाहरण के लिए, केंद्रित सौर ऊर्जा हमें भोजन पकाने की अनुमति देती है। सूर्य की रोशनी को संचित सौर ऊर्जा में परिवर्तित करके, हम बिजली का उत्पादन भी कर सकते हैं और अपने विद्युत उपकरणों को चार्ज कर सकते हैं।
लेकिन जब हम ऊर्जा के अन्य स्रोत हैं तो सौर ऊर्जा को क्यों पसंद करते हैं? कारण वास्तव में काफी आश्वस्त हैं। शुरुआत करने के लिए, सूरज आग की एक गेंद है। यह आग संलयन प्रतिक्रिया का एक परिणाम है। इसका मतलब है, यह आने वाले लाखों वर्षों के लिए बाहर जला नहीं जा रहा है।
सौर ऊर्जा ऊर्जा का एक नवीकरणीय रूप है जो पुनः प्राप्त होता रहता है। इसलिए, यह कहना सुरक्षित है कि सौर ऊर्जा के आधार पर, अपने प्राकृतिक संसाधनों की पृथ्वी को नष्ट नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, सौर ऊर्जा का उपयोग हम सभी के लिए एक पर्यावरण के अनुकूल विकल्प है, क्योंकि यह किसी भी प्रकार के प्रदूषण का कारण नहीं है।
सौर ऊर्जा अन्य गैर-नवीकरणीय संसाधनों, जैसे कोयला, लकड़ी, खनिज तेल, जीवाश्म ईंधन, आदि के लिए एक बेहतरीन विकल्प के रूप में प्रदान करता है। यह विभिन्न तरीकों से ग्रह पृथ्वी पर कम भार डालता है। गैर-नवीकरणीय स्रोत पहले से ही तीव्र दर से समाप्त हो रहे हैं। वे प्रदूषण का कारण भी बनते हैं और सभी जीवों के जीवन में बाधा डालते हैं।
सबसे अधिक, सौर ऊर्जा के साथ जरूरतों को पूरा करने में भी कम खर्च होता है। ऊर्जा के अन्य पारंपरिक रूपों की तुलना में यह ऊर्जा का एक सस्ता और किफायती स्रोत है। यही कारण है कि कई विकसित देश आखिरकार सौर ऊर्जा पर आधारित जीवन शैली अपना रहे हैं।
सौर ऊर्जा का उपयोग करने के तरीके:
सौर ऊर्जा को कई तरह से फँसाया जा सकता है। सबसे प्रभावी प्रौद्योगिकी में से एक सौर ऊर्जा संयंत्रों का उपयोग है। ये बिजली संयंत्र विशेष रूप से बड़े स्तर पर बिजली उत्पादन के उद्देश्य से तैयार किए गए हैं। सौर ऊर्जा पर काम करने वाले अन्य उपकरण और प्रौद्योगिकियां सौर कुकर, सौर हीटर और सौर सेल हैं। इन तीनों प्रकार के सौर उपकरणों पर एक-एक करके चर्चा की जाएगी।
सोलर कुकर से शुरू, ये आजकल खाना पकाने के सबसे क्रांतिकारी तरीके हैं। गैस, मिट्टी के तेल, या लकड़ी जैसे पारंपरिक ईंधन का उपयोग करने के बजाय, सोलर कुकर सीधे धूप की मदद से काम करते हैं। इन कुकरों में एक कांच का ढक्कन होता है जो गर्मी और खाना बनाने के लिए सूर्य की सभी किरणों को पकड़ता है और उन्हें केंद्रित करता है। सोलर कुकर खाना पकाने के पर्यावरण के अनुकूल और किफायती साधन हैं।
सोलर हीटर वे उपकरण हैं जो सौर ऊर्जा से पानी को गर्म करने में मदद करते हैं। ये उपकरण द्रव-आधारित तकनीक पर काम करते हैं। इसका मतलब है, या तो हवा या एक एंटी-फ्रीजिंग तरल पदार्थ को कलेक्टर में डाला जाता है ताकि पानी को बिना बिजली के गर्म किया जा सके।
अंतिम और तीसरा रूप सौर सेल है। ये सौर सेल सीधे सौर प्रकाश को बिजली में परिवर्तित करते हैं। सौर सेल उन क्षेत्रों में विशेष रूप से लोकप्रिय हैं, जहां पावर ग्रिड से आपूर्ति कम उपलब्ध है। कई कैलकुलेटर, कलाई घड़ी और इसी तरह की प्रणाली इस तकनीक के साथ काम करती हैं। इतना ही नहीं, बल्कि सौर पैनलों द्वारा उत्पादित बिजली को रिचार्जेबल सौर बैटरी में भी संग्रहीत किया जा सकता है।
निष्कर्ष:
सौर ऊर्जा अगली पीढ़ी का भविष्य है। यह एक सुरक्षित, हरियाली और जीवन जीने का किफायती तरीका है। इसकी भरपाई की जा सकती है और यह ऊर्जा का एक अक्षय स्रोत है जो वायुमंडल में प्रदूषण का कारण नहीं है। सौर ऊर्जा गैर-नवीकरणीय संसाधनों के अन्य रूपों पर भी कम बोझ डालती है और पृथ्वी को विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों से बचाती है। जितना संभव हो, हम सभी को सौर ऊर्जा पर आधारित उपकरणों का उपयोग करने के लिए स्विच करना चाहिए और हमारी पृथ्वी को बचाना चाहिए।
जब हम सौर ऊर्जा और इसकी प्रौद्योगिकियों को विकसित करते हैं जो स्वच्छ, अटूट और सस्ती हैं, तो हम उन लाभों का आनंद लेने के लिए बाध्य हैं जो विशाल और दीर्घकालिक हैं। निर्बाध, स्वदेशी और बड़े पैमाने पर गैर-आयात संसाधन पर निर्भरता, प्रदूषण को कम करने, स्थिरता को बढ़ाने, जीवाश्म ईंधन की कीमतों को कम करने और कीमत और लागत को कम करने के परिणामस्वरूप देश की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने में सौर ऊर्जा बहुत लंबा रास्ता तय कर सकती है। ग्लोबल वार्मिंग पर अंकुश लगाना। सौर ऊर्जा के ये सभी फायदे वैश्विक हैं।
सौर ऊर्जा पर निबंध – लाभ और नुकसान – निबंध 7 (1000 शब्द)
परिचय:
सौर ऊर्जा मूल रूप से सूर्य से ऊर्जा है और पृथ्वी पर प्राप्त होती है और इसे ऊर्जा के अन्य रूपों में परिवर्तित किया जा सकता है। सौर ऊर्जा का उपयोग आमतौर पर बिजली या थर्मल ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। सूर्य ऊर्जा प्रदान करता है जो पृथ्वी पर जलवायु को प्रभावित करता है और जीवन के सभी रूपों के निर्वाह में सक्षम बनाता है। यह ऊर्जा का एक प्राकृतिक स्रोत है और स्वतंत्र रूप से उपलब्ध है। सौर ऊर्जा में अनुसंधान सूरज से कटाई ऊर्जा के तरीकों की खोज और इसके उपयोग के प्रयासों में किया गया है। ऊर्जा के कुछ रूप जो पहले से ही उपयोग में हैं, वे सूर्य के कारण अस्तित्व में हैं। एक उदाहरण पवन ऊर्जा है, जो प्रकृति में अभी तक हवा से प्राप्त होता है, हवा उच्च तापमान और तापमान में चढ़ाव के कारण विकसित होती है। सूर्य दुनिया में उपयोग की जा रही ऊर्जा के संदर्भ में एक केंद्रीय भूमिका निभाता है।
सौर ऊर्जा के अनुप्रयोग:
आधुनिक दुनिया में, सौर ऊर्जा के महत्वपूर्ण अनुप्रयोग हैं जिनका उपयोग किया जा रहा है। सौर ऊर्जा के अनुप्रयोग घरेलू और औद्योगिक दोनों हैं। सौर ऊर्जा के घरेलू उपयोगों में औद्योगिक उपयोगों की तुलना में बड़ी मात्रा में सौर ऊर्जा की कटाई की आवश्यकता नहीं होती है। घरेलू अनुप्रयोगों में सौर कुकर, सौर गर्म पानी की व्यवस्था और एयर कंडीशनर शामिल हैं जबकि सौर ऊर्जा के औद्योगिक अनुप्रयोगों में बिजली उत्पादन शामिल है।
सोलर कुकिंग उन अनुप्रयोगों में से एक है, जिसमें सोलर एनर्जी को काटा जाता है और इसे खाना पकाने के उद्देश्य से ऊष्मा ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए पुनर्निर्देशित किया जाता है। सोलर वॉटर हीटर आम एप्लिकेशन बन गए हैं जो हर जगह इस्तेमाल किए जा रहे हैं। जल तापन प्रणाली को इस तरह तैयार किया गया है कि वे सूर्य से ताप ऊर्जा की कटाई करें। एयर कंडीशनिंग, स्पेस कूलिंग और हीटिंग और सौर वाहनों में समान सिद्धांत लागू किए गए हैं। सौर ऊर्जा से बिजली का उत्पादन हुआ है जो प्रकाश और अन्य कार्यों को सक्षम बनाता है।
प्रौद्योगिकी और औद्योगीकरण में लगातार बढ़ती प्रगति के साथ, सौर ऊर्जा के अनुप्रयोगों में खोज बढ़ेगी। सौर ऊर्जा हर चीज में बहुत महत्वपूर्ण हो सकती है, बस यह है कि हम यह नहीं जानते कि इसे कैसे लागू किया जाए।
सौर ऊर्जा के लाभ:
दुनिया भर में सौर ऊर्जा का व्यापक रूप से उपयोग किया गया है और इसके महत्व को महसूस किया गया है। सौर ऊर्जा अटूट और नवीकरणीय है। सौर ऊर्जा जीवन में कभी भी समाप्त नहीं होगी और यही कारण है कि यह दुनिया में ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। सौर ऊर्जा के अनुप्रयोग लगातार ऊर्जा का उपयोग करते हैं जो बहुत संघर्ष के बिना अक्षय है।
सौर ऊर्जा खर्चों से मुक्त है क्योंकि यह स्वाभाविक रूप से अधिग्रहित है। केवल लागतें उन अनुप्रयोगों और संरचना से संबंधित हैं। हालांकि, ऊर्जा के अन्य स्रोतों का उपयोग करने की लागत की तुलना में इन उपकरणों की लागत कम है।
सौर ऊर्जा पर्यावरण प्रदूषण के किसी भी रूप का कारण नहीं है। सौर ऊर्जा उत्पन्न करने की प्रक्रिया में कोई भी रसायन या उत्पाद शामिल नहीं हैं जो पर्यावरण के प्रदूषण का कारण हो सकते हैं। यह ऊर्जा का एक साफ रूप है और इसका उपयोग पर्यावरण स्वच्छता को बढ़ावा देता है।
सौर ऊर्जा की उपलब्धता में आसानी के कारण, इसका उपयोग ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में, लोगों को आमतौर पर चुनौती दी जाती है क्योंकि बिजली की स्थापना एक समस्या है लेकिन सौर ऊर्जा के उपयोग के साथ, अधिकांश लोगों के पास बिजली की पहुंच है और लागत पर बचत होती है।
सौर ऊर्जा के नुकसान:
जितना सौर ऊर्जा महत्वपूर्ण और लाभप्रद है, कुछ कारक हैं जो इसे नुकसानदेह मानते हैं। उन कारकों में से एक दिन के उपयोग की सीमा है। सौर ऊर्जा को केवल दिन के दौरान अधिकतम किया जा सकता है क्योंकि दिन में सूरज चमकता है। साथ ही, सौर ऊर्जा की कटाई के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण महंगे और नाजुक हैं। उपकरण में पैनल, सौर कलेक्टर और सौर सेल शामिल हैं। ये सभी उपकरण बहुत नाजुक होते हैं और इन्हें नुकसान से बचने के लिए बहुत देखभाल की आवश्यकता होती है क्योंकि प्रतिस्थापन लागत अधिक होती है।
सौर ऊर्जा को विभिन्न सौर अनुप्रयोगों में उपयोग के लिए पर्याप्त ऊर्जा एकत्र करने के लिए बड़े स्थानों की आवश्यकता होती है। सौर ऊर्जा के संग्रह में बड़े सौर पैनलों, सौर कलेक्टरों और कोशिकाओं के उपयोग के माध्यम से एक बड़े क्षेत्र को कवर करना होता है ताकि अधिक पर्याप्त ऊर्जा एकत्र की जा सके।
सौर ऊर्जा सूर्य पर निर्भर है और वहां तैनात नहीं किया जा सकता है जहां कम से कम धूप हो। इसका अर्थ है कि सौर ऊर्जा पर्याप्त मात्रा में सूर्य ऊर्जा वाले क्षेत्रों तक सीमित है। सर्दियों जैसे मौसमों के दौरान, सौर ऊर्जा का उपयोग पूरी तरह से असंभव है और इसलिए ऊर्जा के अन्य रूपों की तलाश करनी होगी।
विश्व में सौर ऊर्जा कभी भी ऊर्जा का एक स्वतंत्र स्रोत नहीं हो सकती है। यह मूल रूप से सुविधा पर ऊर्जा का एक वैकल्पिक स्रोत है, अर्थात्, गर्मियों के दौरान, विशेष रूप से दिन के दौरान। अपने गर्मियों के घर में आप सौर ऊर्जा का उपयोग करने का विकल्प चुन सकते हैं और फिर बाकी मौसमों में बिजली का उपयोग कर सकते हैं। उन देशों के लिए जो जलवायु में मौसमी बदलावों का अनुभव नहीं करते हैं, यह बहुत सुविधाजनक है और यह उनके लिए ऊर्जा का एक स्वतंत्र स्रोत हो सकता है।
निष्कर्ष:
सौर ऊर्जा ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। प्रौद्योगिकी में प्रगति ने सौर ऊर्जा के अनुप्रयोगों के नवाचारों को जन्म दिया है जो मानव को बहुत मदद करते हैं। यह आधुनिक समाज का एक बड़ा युग रहा है जिसके तहत सौर ऊर्जा को इसके अनुप्रयोगों के माध्यम से सराहा गया है। सौर ऊर्जा के उपयोग ऊर्जा के अन्य स्रोतों के समान हैं। सब कुछ अपने पेशेवरों और विपक्ष है और सौर ऊर्जा अलग नहीं है। सौर ऊर्जा के पेशेवरों ने विपक्ष को पछाड़ दिया और यही कारण है कि इसका उपयोग वर्षों से बनाए रखा गया है। हालांकि, सौर ऊर्जा की सीमाओं को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। ये सीमाएं दुनिया में सौर ऊर्जा के उपयोग के विस्तार को बाधित कर रही हैं। यह महत्वपूर्ण है कि सौर ऊर्जा का उपयोग पर्यावरण के अनुकूल विशेषता के कारण व्यापक रूप से ऊर्जा के रूप में किया जाता है। ऊर्जा के अन्य रूप विशेष रूप से ईंधन पर्यावरण को अत्यधिक प्रदूषित करते हैं। न केवल पर्यावरण को सौर ऊर्जा का उपयोग करने में प्राथमिकता को बचाना है, बल्कि यह तथ्य भी है कि सौर ऊर्जा स्वतंत्र, नवीकरणीय और अटूट है। क्या खूब?
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Hindi Essay on Importance of Solar Energy सौर ऊर्जा (सोलर एनर्जी) का महत्व
भारत एक तेजी से उभरने वाली अर्थव्यवस्था हैं, जिसमें 100 करोड़ से भी ज्यादा लोग शामिल हैं और जिन्हें ऊर्जा की बड़ी मात्रा में आवश्यकता हैं. जिसकी पूर्ति भारत सरकार द्वारा विभिन्न नविनीकरणीय और अनविनीकरणीय संसाधनों का उपयोग करके की जा रही हैं. हमारा देश बिजली को उत्पन्न करने एवं उसकी खपत करने में विश्व में पांचवे स्थान पर हैं. हमारे देश में बिजली का उत्पादन हर साल बढ़ रहा हैं, पर हम इस बात से भी इंकार नहीं कर सकते कि जनसंख्या भी साथ में बढ़ रही हैं.
सौर ऊर्जा (सोलर एनर्जी) का महत्व Solar Energy (Saur urja) and its importance in hindi
देश में बिजली का 53% उत्पादन कोयले से किया जाता हैं और ऐसा अनुमान लगाया जाता हैं कि वर्ष 2040 – 2050 तक ये भी समाप्त हो जाएगा. भारत की 72% से अधिक जनता गाँवों में निवास करती हैं और इसमें से आधे गाँव बिना बिजली के ही अपना जीवन यापन कर रहे हैं. अब भारत ऐसी स्थिति में आ गया हैं कि अब हम ऊर्जा के अधिकाधिक उत्पादन के लिए, ऊर्जा के संरक्षण के क्षेत्र में, उसके नविनीकरण एवं बचाव के लिए कदम उठाए. इस मांग को पूर्ण करने हेतु सौर ऊर्जा का उपयोग सर्वोत्तम उपाय हैं, जिससे हम ऊर्जा की मांग एवं पूर्ति के बीच सामंजस्य स्थापित कर सकते हैं.
सौर उर्जा क्या है (What is solar energy) :
सामान्य भाषा में सौर ऊर्जा से तात्पर्य सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा से हैं. सूर्य की किरणों को एक बिंदु पर एकत्रित करके जब ऊर्जा उत्पन्न की जाती हैं, तो ये प्रक्रिया सौर ऊर्जा उत्पादन कहलाती हैं. सौर ऊर्जा अर्थात् सूर्य की किरणों को विद्युत में बदलना, चाहे वह पी. वी. [ Photovoltaic ] द्वारा प्रत्यक्ष रूप से हो या सी. एस. पी. [ Concentrated Solar Power ] द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से. सी. एस. पी. में सौर ऊर्जा उत्पन्न करने हेतु लेंस अथवा दर्पणों और ट्रेकिंग उपकरणों का उपयोग किया जाता हैं और सूर्य प्रकाश के एक बहुत बड़े भाग को एक छोटी सी किरण पर एकत्रित किया जाता हैं. सोलर पॉवर प्लांट इसी तरह कार्य करते हैं.
भारत एक उष्ण – कटिबंधीय देश हैं, जिसके अनेक लाभों में से एक लाभ हमे सूर्य प्रकाश के रूप में भी प्राप्त होता हैं. उष्ण – कटिबंधीय देश होने के कारण हमारे यहाँ वर्ष भर सौर विकिरण प्राप्त की जाती हैं, जिसमें सूर्य प्रकाश के लगभग 3000 घंटे शामिल हैं, जो कि 5000 ट्रिलियन kWh के बराबर हैं. भारत के लगभग सारे क्षेत्रों में 4 – 7 kWh प्रति वर्ग – मीटर के बराबर हैं, जो कि 2300 – 3200 सूर्य प्रकाश के घंटे प्रति वर्ष के बराबर हैं. चूँकि भारत की अधिकांश जनता ग्रामीण क्षेत्र में निवास करती हैं , अतः वहाँ सौर ऊर्जा की उपयोगिता बहुत हैं. साथ ही विकास की भी संभावनाएँ हैं और अगर सौर ऊर्जा का उपयोग प्रारंभ होता हैं, तो वहाँ घरेलू कामों में कंडों एवं लकड़ियों का प्रयोग होने में भी कमी आएगी. जिससे वायु प्रदुषण भी नहीं होगा.
भारत में सौर ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए विशाल कार्यक्षेत्र उपलब्ध हैं क्योकिं भारत की भूस्थली ऐसे स्थान पर हैं, जहाँ सूर्य प्रकाश पर्याप्त मात्रा में पहुँचता हैं. पृथ्वी की सतह पर प्रति वर्ष पहुँचने वाले सूर्य प्रकाश की मात्रा अत्याधिक हैं. पृथ्वी पर अनेक अनविनीकरणीय पदार्थों, जैसेः कोयले, तेल, प्राकृतिक गैस एवं अन्य खनन द्वारा प्राप्त यूरेनियम पदार्थों का एक वर्ष में जितना उपभोग होता हैं, उसके दोगुने से भी ज्यादा हर वर्ष सूर्य प्रकाश धरती पर पहुंचता हैं और व्यर्थ हो जाता हैं.
सौर ऊर्जा तकनीक (Solar energy technology )-: सौर ऊर्जा, सौर विकिरणों एवं सूर्य के ताप के प्रयोग द्वारा एक विकसित तकनीक हैं. इसके और भी रूप हैं, जैसे -: सौर ताप, सौर विकिरण और कृत्रिम प्रकाश संश्लेषण, आदि.
भारत में सौर ऊर्जा से होने वाले लाभ (Saur urja benefits in india) -:
सौर ऊर्जा से होने वाले फायदों के कारण यह और भी अधिक उचित प्रतीत होता हैं. इसमें से होने वाले कुछ लाभ निम्न – लिखित हैं -:
- सौर ऊर्जा कभी ख़त्म न होने वाला संसाधन हैं और यह अनविनीकरणीय संसाधनों का सर्वोत्तम प्रतिस्थापन हैं.
- सौर ऊर्जा वातावरण के लिए भी लाभकारी हैं. जब इसे उपयोग किया जाता है, तो यह वातावरण में कार्बन – डाई – ऑक्साइड और अन्य हानिकारक गैस नहीं छोड़ती, तो वातावरण प्रदूषित नहीं होता.
- सौर ऊर्जा अनेक उद्देश्यों हेतु प्रयोग की जाती हैं , जैसे -: उष्णता के लिए, सुखाने के लिए, भोजन पकाने में और बिजली के रूप में, आदि. सौर ऊर्जा का उपयोग कार में, हवाई जहाज में, बड़ी नावों में, उपग्रहों में, केल्कुलेटर में और अन्य उपकरणों में भी इसका प्रयोग किया जाना उपयुक्त हैं.
- चूँकि सौर ऊर्जा एक नविनीकरणीय ऊर्जा संसाधन हैं. अतः भारत जैसे देशों में जहाँ ऊर्जा का उत्पादन महँगा पड़ता हैं, तो वहाँ ये संसाधन इसका बेहतरीन विकल्प हैं.
- सौर ऊर्जा उपकरण किसी भी स्थान पर स्थापित किया जा सकता हैं. यहाँ तक कि ये घर में भी स्थापित किया जा सकता हैं, क्योंकिं यह ऊर्जा के अन्य संसाधनों की तुलना में यह सस्ता भी पड़ता हैं.
भारत में सौर ऊर्जा से होने वाली हानियाँ (Solar power disadvantages) -:
- हम रात को सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन का कार्य नहीं कर सकते हैं.
- साथ ही दिन में भी जब बारिश का मौसम हो या बादल हो तो सौर ऊर्जा के द्वारा बिजली उत्पादन का कार्य नहीं किया जा सकता. इस कारण हम सौर ऊर्जा पर पूरी तरह से भरोसा नहीं कर सकते.
- केवल वही क्षेत्र सौर ऊर्जा उत्पादन करने में सक्षम हो सकते हैं, जहाँ पर्याप्त मात्रा सूर्य प्रकाश आता हो.
- सौर ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए हमे सौर उपकरणों के अलावा इन्वर्टर तथा इसके संग्रहण के लिए बैटरी की आवश्यकता होती हैं. वैसे तो सौर उपकरण सस्ते होते हैं, परन्तु साथ में उपयोगी इन्वर्टर और बैटरी इसे महंगा बना देते हैं.
- सौर उपकरण आकार में बड़े होते हैं, अतः इन्हें स्थापित करने हेतु बड़े क्षेत्रफल की भूमि की जरुरत होती हैं और एक बार यदि ये उपकरण लग जाये तो वह भू – भाग लम्बे समय के लिए इसी उद्देश्य में काम में लिया जाता हैं और इसका उपयोग किसी और कार्य में नहीं किया जा सकता.
- इस प्रकार उत्पन्न होने वाली ऊर्जा की मात्रा अन्य संसाधनों की तुलना में बहुत ही कम होती हैं, जो हमारी आवश्यकताओ को पूरा करने में असमर्थ हैं.
- सौर उपकरण नाज़ुक होते हैं, जिनके रख – रखाव का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता हैं, जिससे इनके बीमा आदि पर व्यय होने से अतिरिक्त लागत भी होती हैं, जिससे खर्च बढ़ जाता हैं.