भारतीय संस्कृति और परंपराएं अति प्राचीन बताई गई हैं। सभी परंपराएं किसी खास उद्देश्य के साथ हमारे धर्म से जोड़ी गई हैं। कुछ रीति रिवाज, शकुन अपशकुन से संबंधित हैं। सभी के घरों के आस पास सामान्यतः चूहा एवं बिल्ली अक्सर दिखाई देती हैं। चूहा वैसे तो सामान्य जीव है लेकिन इसके दिखाई देने के समय के अनुसार भी भविष्य में होने वानी घटनाओं की जानकारी प्राप्त हो जाती है। चूहे का भी शकुन और अपशकुन से गहरा संबंध है।
यदि आप किसी खास कार्य के लिए घर से निकल रहे हैं और ठीक उसी समय आपके सामने से चूहा या बिल्ली निकल जाए और आपका रास्ता काट दें तो इसे शुभ संकेत नहीं समझा जाता है।
चूहा अंधेरे और गंदगी में रहने वाला जीव है, इसी वजह से इसे अंधेरे का प्रतीक समझा जाता है। अंधेरे में नकारात्मक ऊर्जा अधिक सक्रिय रहती है। उसके साथ इस ऊर्जा का संचार भी होता है। जब यह हमारे आस पास होता है तो इस नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हम पर भी होता है।
किसी कार्य के लिये निकलते समय अंधेरे के प्रतीक चूहे का दिखना यही संकेत देता है कि कार्य में बाधाएं आ सकती हैं। अतः घर से निकलने पूर्व पानी पीएं और मीठा तथा दही खाकर ही निकलें। इसके साथ ही अपने इष्ट देव का स्मरण करें। इससे बुरा समय टल जाएगा। कार्य करते समय पूरी सावधानी रखें।