‘काई पो चे’, ‘सिटी लाइट्स’, ‘क्वीन’, ‘शाहिद’ जैसी सफल फ़िल्में बनाने वाले राजकुमार राव इन दिनों विनोद बच्चन निर्मित तथा रत्ना सिन्हा निर्देशित फिल्म ‘शादी में जरुर आना’ को लेकर चर्चा में हैं. लेकिन इस बार उन्हें उम्मीद है कि मायूसी नहीं मिलेगी. ‘शादी में ज़रूर आना’ 10 नवंबर को देश भर में रिलीज हो रही है.
क्यूंकि 2015 में उनकी फिल्म ‘डॉली की डोली’ और ‘हमारी अधूरी कहानी’ ने उन्हें निराश कर दिया था लेकिन 2016 में ‘अलीगढ़’ ने उन्हें एक बार फिर उत्कृष्ट अभिनेता साबित कर दिया. यानी २०१७ भी उनके लिए बेहतर होगा क्यूंकि उनकी फिल्म ‘न्यूटन’ को ऑस्कर मे भेजा गया है.
हाल ही में एक मैगज़ीन को दिए इंटरव्यू में राजकुमार राव ने कहा कि मुझे हर प्रतिभाशाली निर्देशक के साथ काम करने का मौका मिला. कलाकार के तौर पर मुझे बहुत प्रयोगात्मक काम करने का मौका मिला.मुझे तो इस यात्रा में बहुत मजा आया.
मुझे लगता है कि मैंने बॉलीवुड में बहुत सही समय पर कदम रखा,जब सिनेमा बदल रहा था,नए नए फिल्मकार आ रहे थे. मुझे लगता है कि मैंने अपनी एक जगह ढूंढ़ ली है. इस साल मेरी फिल्म ‘न्यूटन’ ऑस्कर मे भेजी गयी है.
हालाँकि उनकी फिल्म’न्यूटन’को ऑस्कर’’ में भेजने को लेकर कुछ विवाद भी हुए हैं. इस बारे में राज कुमार का कहना है कि हमने तो पूरी ईमानदारी से फिल्म बनाई है और फिल्म में राजकुमार का काम भी बेहतर है.अभी मैं शिकागो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल से वापस आया हूं.
वहां पर ‘न्यूटन’को काफी पसंद किया गया.वहां पर तमाम अमरीकन फिल्मकार भी थे.उनका मानना था कि लंबे समय बाद भारत से ऐसी फिल्म आयी है.
फिल्म ‘शादी में जरुर आना’ के बारे में राजकुमार ने अपने इंटरयु में बताया कि यह एक ड्रामा लव स्टोरी है, साथ में कॉमेडी भी है.कहानी कानपुर व इलाहाबाद मे स्थित है.रोचक कहानी है.बतौर निर्देशक रत्ना सिन्हा की यह पहली फिल्म है.निर्माता विनोद बच्चन से सभी वाकिफ हैं.
हमारे साथ पहली बार इस फिल्म में कृति खरबंदा हैं.एक लंबे समय बाद ऐसी प्रेम कहानी आ रही है,जिसमें शादी वाले दिन ही किरदार बदल जाते हैं.‘
जब से फिल्म ‘शादी में जरुर आना’ का नाम सुना है लोगों में चर्चाएं हो रही हैं ये कैसा नाम है. इस बारे में राजकुमार का कहना है कि फिल्म में शादी बहुत महत्वपूर्ण है.शादी मुख्य आकर्षण का केंद्र है,पर शादी में आया जाता है या नही,यही देखने वाली बात है.
मेरे किरदार का नाम सत्येंद्र मिश्रा उर्फ सत्तू है,जो कि सरकारी दफ्तर में काम करता है.मध्यम वर्गीय जिंदगी जी रहा है.नौकरी लगते ही उसकी शादी की बात चलती है. शादी की बात चलने पर पिता के कहने पर वह लड़की आरती से मिलता है और दोनो में प्यार हो जाता है.
आरती के भी अपने कुछ अरमान है.पर शादी तय होती है. शादी के दिन सत्तू का दिल टूट जाता है.उसके बाद वह आईएएस आफसर बन जाता है.फिर जिंदगी के पड़ाव में वह दुबारा उस लड़की से मिलता है.