भारतीय मुद्रा के बुरे दिनों का दौर लगातार बरक़रार है! हाल ही में लिए गए विमुद्रीकरण के फैसले के बाद रूपए की स्थिति और बदतर हुई है, रिपोर्ट के मुताबिक अगर हालात यही रहे तो दिसम्बर में रुपया डॉलर के मुकाबले 70 पार कर सकता है!
रुपये की विनिमय दर आने वाले दिनों में और गिरकर दिसंबर तक यह 70 के स्तर पर पहुंच सकता है। एक अनुमान के अनुसार 2017 के अंत तक डॉलर-रुपया विनिमय दर 72.50 तक जा सकती है।
ड्यूश्च बैंक की एक शोध रिपोर्ट में यह कहा गया है कि भुगतान संतुलन की अच्छी स्थिति के बावजूद रुपये की विनिमय दर में गिरावट का मामला बना हुआ है। वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी का अनुमान है कि 2017-18 में देश का चालू खाते का घाटा बढ़कर 1.1 पर्सेंट हो जाएगा, जबकि 2016-17 में इसके 0.5 प्रतिशत रहने की संभावना है।
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यदि ऐसा होता है तो यह रूपए के इतिहास में अबतक की सबसे बड़ी गिरावट होगी. इससे पहले अगस्त 18, 2013 को भारतीय मुद्रा ने सबसे निम्नतम स्तर को छुआ था तब रूपए की कीमत 68.85 तक पहुच गयी थी!
अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद सरकार रूपए में होती इस गिरावट को काबू में करने में नाकाम रही है!