शहर में बस सेवा की सुविधा प्रदान करने वाला मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड जबरदस्त घाटे में चल रहा है. RTI से हुए खुलासे में यह बात सामने आयी है कि मेरठ बस सर्विस को पिछले 5 सालों में 600 करोड़ का नुकसान हुआ है. और यह नुकसान हर साल 100 करोड़ की दर से बढ़ता जा रहा है. MCTSL को सबसे बड़ा घाटा साल 2012 में हुआ जब इसका वार्षिक नुकसान 278 करोड़ था. बसों में भीड़ होने के बावजूद हर साल 100 करोड़ से अधिक का नुकसान चिंताजनक है.
आपको बता दें कि MCTSL के अंतर्गत कुल 120 बसें चलती हैं जो 16 अलग अलग रूट्स पर सेवा प्रदान करती हैं. परन्तु आजतक MCTSL कभी लाभ में नहीं आ पाया. जिसकी मुख्य वजह है बसों का घटिया रख रखाव एवं भ्रष्ट सञ्चालन व्यवस्था.
एक सूत्र के मुताबिक़, न तो किसी बस का इन्सुरेंस है और न ही इनके रख रखाव पर विशेष ध्यान दिया जाता है. ऐसे में बसें आये दिन खराब होती रहती हैं जिनके बनवाने का खर्च संस्था को उठाना पड़ता है. इतना ही नहीं, प्रदेश के हिंसक आन्दोलनों में जब भीड़ बसें फूंक देती है तब भी इन्सुरेंस न होने का नुक्सान MCTSLको उठाना पड़ता है.
बसों में कंडक्टर का आभाव है जिससे यात्री बिना टिकट यात्रा करते हैं. बसों के रख रखाव पर ध्यान नहीं देने से इनकी क्षमता भी घाट जाती है जिसका असर माइलेज पर दिखता है जिससे संचालन खर्च बढ़ता है.
हालाँकि जब इस सम्बन्ध में MCTSL के अधिकारीयों से बात की गयी तब उन्होंने इन सभी आरोपों को नकार दिया. MCTSL के MD संदीप लाहा के मुताबिक, बसों के सञ्चालन में कोई कोताही नहीं बरती जाती तथा इनके रख रखाव में ढीलेपन की खबरें भी आधारहीन हैं.
उनके अनुसार घाटे का मुख्य कारण है बसों का काम किराया. टिकटों का दर इतना कम है कि हम चाह कर भी मुनाफा नहीं कमा सकते.