भारतीय रिजर्व बैंक ने आज सोमवार को घोषणा की कर किसानों को बीज खरीदने के लिए पुराने 500 के नोट इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है. किसान यह बीज सरकारी (केंद्रीय अथवा राज्य सरकार), कृषि विश्वविद्यालय, राज्य बीज निगम आदि बीज विक्रय केंद्रों से अपना पहचान पत्र दिखा कर खरीद सकते हैं.
रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि करेंट, ओवरड्राफ्ट और कॅश क्रेडिट एकाउंट्स (जिनमें पिछले तीन महीनों के अंदर लेन देन हुआ हो) में 50000 तक की निकासी एक सप्ताह में की जा सकती है.
आरबीआई ने यह भी कहा कि कॅश निकलने की यह बड़ी हुई लिमिट व्यक्तिगत ओवरड्राफ्ट एकाउंट्स पर लागू नहीं होगी. आरबीआई ने सूचित किया कि इस तरह की निकासी मुख्य रूप से 2000 के नोटों में की जा सकेगी.
एटीएम से निकासी की सीमा पहले ही 2000 से बढ़ कर 2500 की जा चुकी है. बैंकों में एक्सचेंज लिमिट को 4000 से बढ़ कर 4500 किया गया था जिसके दुरुपयोग की सुचना मिलने पर इसे घटा कर 2000 रुपये कर दिया गया था. आरबीआई ने जनता से यह भी अपील की कि करेंसी को जमा ना करें क्योंकि सर्कुलेशन के लिए पर्याप्त मात्रा में करेंसी उपलब्ध कराई जा रही है.
एक अलग घटनाक्रम में अखिल भारतीय बैंक अधिकारी कन्फेडरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दी थॉमस फ्रांको ने आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल पर आरोप लगाते हुए कहा उर्जित पटेल को डेमोनेटाइजेशन के बाद अनेकों मौतों की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इन मौतों में 11 बैंक अधिकारियों को भी मौत हुई है.
केंद्र सरकार और आरबीआई पर विपक्ष भी डेमोनेटाइजेशन के मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाये हुए है. विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि विमुद्रीकरण की गलत प्रक्रिया के कारण आम जनता को भारी तकलीफ हुई है जिसके फलस्वरूप अनेकों मौतें भी हुई हैं.
आपको बता दें कि संसद में लगातार विमुद्रीकरण को लेकर गतिरोध जारी है.