लखनऊ: सीबीआई हिरासत में चल रहे यादव सिंह का एक सनसनीखेज कनेक्शन सामने आया है. आज उनके घर से बरामद एक डायरी में समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव से रिश्तों का खुलासा हुआ है. नोएडा अथॉरिटी से निलंबित चल रहे यादव सिंह के घर से बासठ पन्नों के दस्तावेज बरामद हुए हैं. इन्हीं पन्नों में राम गोपाल यादव का नाम आया है.
बता दें कि रामगोपाल यादव सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के भाई और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा है. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है किस तरह यादव सिंह का भ्रष्ट प्रशासन नोएडा अथॉरिटी में सरकारों के बदलने के बावजूद जारी रहा.
यादव सिंह फिलहाल सीबीआई के सामने आय से अधिक संपत्ति मामले का सामना कर रहे हैं. बताया जाता है कि यादव सिंह की सम्पति करोड़ों में है और उनका इस मामले से बच पाना आसान नहीं होगा. लेकिन जिस तरह के कनेक्शन यादव सिंह के राजनेताओं के साथ सामने आ रहे हैं उसे देखते हुए लगता है कि परदे के पीछे उन्हें बचाने का खेल खेलने से ये राजनीतिज्ञ पीछे नहीं रहेंगे. यादव सिंह के सपा से संबंधों के ताजा खुलासे से पहले ही उनके बसपा अध्यक्ष मायावती से करीबी सम्बन्ध जगजाहिर हैं.
उधर प्रो. राम गोपाल यादव ने साफ इंकार करते हुए इन आरोपों को राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया है. उन्होंने कहा कि इन सब आरोपों का कोई आधार नहीं है और सीबीआई की जांच में सब साफ हो जायेगा. सपा के राष्ट्रीय सचिव और राज्यसभा एमपी रामगोपाल यदाव और उनके बेटे अक्षय यादव पर यादव सिंह के एक करीबी व्यक्ति की कंपनी में 9000 से ज्यादा शेयर थे हालांकि रामगोपाल यादव ने इससे इंकार किया था.
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यह आरोप रामगोपाल यादव पर तब लगे थे बसपा सरकार जाने और सपा के सत्ता में आने के कुछ समय बाद यादव सिंह की नोएडा अथॉरिटी में फिर से “ताजपोशी” हुई थी जिसके पीछे इन्हीं शेयरों के लेनदेन को बताया गया था.