रहीम के दोहे Rahim ji ke Dohe
रहिमन छोटे नरन सों, होत बड़ो नहिं काम।
मढ़ो दमामो ना बने, सौ चूहे के चाम।।
Rahiman chhote naran soun, hot badon nahin kam
Madho damaamo na banai, sou choohe ke cham
अर्थात (Meaning in Hindi): छोटी प्रवृत्ति वालों से बड़ा काम नहीं हो सकता और न ही छोटे पदार्थों से बड़े काम संवारे जा सकते हैं।
रहीम कहते हैं, छोटे नरों से बड़े काम नहीं हो सकते। छोटों से यह आशा रखना नितांत व्यर्थ है कि वे किसी काम में सहायक सिद्ध होंगे। यदि नगाड़े का चमड़ा फट जाए तो उसे मढ़ने के लिए बड़े पशु का चाम (चमड़ा) ही काम आएगा जबकि सौ चूहों का चाम भी किसी काम का साबित नहीं होता।
रहिमन मोहि न सुहाय, अमी पियावै मान बिनु।
बरू बिष देय बलाय, मान सहित मरिबो भलो।।
Rahiman mohi na suhay, ami piyavat man binu
Baru bish dey balay, maan sahit maribo bhalo
अर्थात (Meaning in Hindi): रहीम ने मान-सम्मान के महत्व को अनेक दोहों में स्वीकारा है। वह बिना मान के जीवित रहने के बजाय मानसहित मरने को ही प्रमुखता देना श्रेयस्कर मानते हैं।
रहीम कहते है, मान-सम्मान के बिना बहुमूल्य विधियां भी मिल जाएं तो स्वीकार्य नहीं। मुझे यह बिल्कुल नहीं सुहाता कि कोई बिना मान के अमृत पीने को दें। ऐसे अमृत को पीना अपमानजनक है। इसके बजाय कोई बुलाकर मानसहित विष पिलाए तो उसे पीकर मरना भला है।
सब को सब कोऊ करै, कै सलाम कै राम।
हित रहीम तब जानिए, जब कछु अटकै काम।।
Sab ko san kou karai, kai salaam kai ram
Hit rahim tab janiye, jab kuchh atkai kam
अर्थात (Meaning in Hindi): यूं तो सब एक दूसरे से दुआ सलाम व अभिवादन करते हैं, सम्मान दर्शाते हैं, किंतु कौन किसके प्रति सदय है, इसका अनुमान नहीं लग पाता। हां, यदि कठिन दौर में कोई सहायता करे तो उसे निस्संदेह सदय मानना चाहिए, वरना अभिवादन अथवा सम्मान दिखावे के अतिरिक्त और कुछ नहीं होते।
रहीम कहते हैं, सब लोग आदर सहित सबका अभिवादन करते हैं। कोई सलाम करता है, कोई राम राम कहता है। किंतु मन में किसी के प्रति कैसी भावनाएं हैं, इसे जानने का कोई जरिया नहीं होता। हितकारी उसे मानना चाहिए जो अटके हुए काम को संवार दे।
रहिमन प्रीति न कीजिए, जस खीरा ने कीन।
ऊपर से तो दिल मिला, भीतर फांकें तीन।।
Rahiman preeti na kihjiye, jas kheera ne keen
Upar se to dil mila, bheetar fanken teen
अर्थात (Meaning in Hindi): प्र्रेम आधे अधूरे मन से नहीं किया जा सकता। प्रेम पूरी संपूर्णता से करना चाहिए। इसमें एकाग्रता व समर्पण के भाव का होना अनिवार्य है। दिखावे के प्रेम को धराशायी होते तनिक भी विलंब नहीं होता। प्रेम से एक दूसरे से एकाकार होने पर ही सच्चे प्रेम की अनुभूति होती है। सच्चे प्रेम में दो प्राण होते हुए भी एक दूसरे में विलीनता की अनुभूति होती है।
रहीम प्रेम का वर्णन इस प्रकार करते हैं कि प्रेम हदय से करना चाहिए। ऐसा प्रेम करने का क्या तुक, जैसा खीरा करता है। खीरे को ऊपर से देखने पर लगता है उसका हदय एक है, मिला हुआ है। किंतु काटो तो भीतर से स्पष्ट तीन फांकें नजर आती हैं।
बसि कुसंग चाहै कुसल, यह रहीम जिय सोस।
महिमा घटी समुद्र की, रावन बस्यो परोस।।
Basi kusang chahai kusal, yah rahim jiy sos
Mahima ghati samudra ki, rawan basyo paros
अर्थात (Meaning in Hindi): कुसंग में बैठने वाली की खैर नहीं। अत्यंत चरित्रवान व्यक्ति भी ओछे के सान्निध्य में ओछा मान लिया जाता है। अतएव सदैव कुसंग से बचने का प्रयास करना चाहिए।
रहीम कहते हैं, ओछे के साथ अथवा कुसंगत में बैठकर कुशलता की कामना करना सर्वथा निरर्थक है। रहीम के मन में एक यही अफसोस है कि ओछे की संगत में ओछे का कुछ नहीं बिगड़ता जबकि चरित्रवान के मान की हानि होती है। समुद्र की महिमा से कौन अनभिज्ञ है। किंतु उसके पड़ोस में रावण ने लंका बसाई तो बदनामी समुद्र को झेलनी पड़ी। रावण के पड़ोस में उपस्थिति से उसकी महिमा ही घट गई।
25 Important परीक्षा में पूछे जाने वाले रहीम के दोहे :
अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं और विद्यालयी परीक्षाओं में रहीम के दोहे संबन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं जिनमें मार्क्स लाना आसान होता है किन्तु सही जानकारी और अभ्यास के अभाव में अक्सर विद्यार्थी रहीम के दोहों के प्रश्न में अंक लाने में कठिनाई अनुभव करते हैं। हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले रहीम के दोहों को अर्थ एवं व्याख्या सहित संग्रहीत किया है जिनका अभ्यास करके आप पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं।
- Rahim ke dohe रहिमन तब तक ठाहरय, मानः मान सम्मान
- Rahim ke dohe संसि की सीतल चादनी, सुंदर सबहिं सहाय
- Rahim ke dohe रहिमन कबहुं बड़ेन के, नाहि गर्व को लेस
- Rahim ke dohe बढ़त रहीम धनाढ्य घन, घनी घनी को जाइ।
- Rahim ke dohe रहिमन एक दिन वे रहे, बाच न सोहत हार।
- Rahim ke dohe रहिमन तीन प्रकार ते, हित अनहित पहिचानि।
- Rahim ke dohe राम नाम जान्यो नहीं, भइ पूजा में हानि।
- Rahim ke dohe समय दसा कुल देखि कै, सबै करत सनमान।
- Rahim ke dohe रहिमन अपने गोत को, सबै चहत उत्साह।
- Rahim ke dohe रहिमन खोजै ऊख में, जहां रसन की खानि।
- Rahim ke dohe समय पाय फल होत है, समय पाय झरि जाय।
- Rahim ke dohe बड़ माया को दोष यह, जो कबहूं घटि जाय।
- Rahim ke dohe बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय।
- Rahim ke dohe कदली, सीप, भुजंग-मुख, स्वाति एक गुन तीन।
- Rahim ke dohe रहिमन रीति सराहिए, जो घट गुन सम होय।
- Rahim ke dohe रहिमन यों सुख होत है, बढ़त देखि निज गोत।
- Rahim ke dohe रहिमन अब वे बिरछ कहं, जिनकी छांह गंभीर।
- Rahim ke dohe जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह।
- Rahim ke dohe रहिमन थोरे दिनन को, कौन करे मुंह स्याह।
- Rahim ke dohe रहिमन गली है सांकरी, दूजो ना ठहराहिं।
- Rahim ke dohe रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिए डारि।
- Rahim ke dohe रहिमन बहु भेषज करत, ब्याधि न छांड़त साथ।
- Rahim ke dohe रहिमन बहु भेषज करत, ब्याधि न छांड़त साथ।
- Rahim ke dohe बसि कुसंग चाहै कुसल, यह रहीम जिय सोस।
- Rahim ke dohe मान सहित विष खाय के, संभु भये जगदीस।