Advertisement

Rahim ke dohe बढ़त रहीम धनाढ्य घन, घनी घनी को जाइ।

Rahim ke dohe in Hindi:

बढ़त रहीम धनाढ्य घन, घनी घनी को जाइ।
घटै बढे वाको कहा, भीख मांगि जो खाइ।।

Badhat Rahim dhanadhya ghan, ghani ghani ko jai,
ghatai badhe vaako kaha, bhikh mangi jo khai.

Advertisement

रहीम के दोहे का अर्थ:

कर्मठ व उद्योगी व्यक्ति अपने प्रयास से कुछ भी प्राप्त कर सकते हैं। कर्मठता से उसे धनोपलब्धि होती है। धन में घटत-बढ़त होती रहती है, किंतु वह कर्मठता से मुंह नहीं मोड़ता। कर्महीन व्यक्ति की यही दशा होती है कि वह आजीवन यथास्थिति में अपना जीवन गंवा देता है।

रहीम कहते हैं कि जो धनाढ्य होते हैं, उन्हीं के धन में वृद्धि होती है। उन्हीं के धन में उतार-चढ़ाव आता है। उसकी घटत-बढ़त क्या होगी-जो भीख मांगकर अपना जीवन यापन करता है।

Advertisement

Rahim ke dohe रहीम के 25 प्रसिद्ध दोहे अर्थ व्याख्या सहित

25 Important परीक्षा में पूछे जाने वाले रहीम के दोहे :

अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं और विद्यालयी परीक्षाओं में रहीम के दोहे संबन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं जिनमें मार्क्स लाना आसान होता है किन्तु सही जानकारी और अभ्यास के अभाव में अक्सर विद्यार्थी रहीम के दोहों के प्रश्न में अंक लाने में कठिनाई अनुभव करते हैं। हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले रहीम के दोहों को अर्थ एवं व्याख्या सहित संग्रहीत किया है जिनका अभ्यास करके आप पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं।

Advertisement

Leave a Reply