रहीम के दोहे Rahim ke dohe in English
रहिमन बिपदा हू भली, जो थोरे दिन होय।
हित अनहित या जगत में, जानि परत सब कोय।।
Rahiman bipda hu bhali, jo thore din hoy
hit anhit ya jagat mein, jaani parat sab koy
अर्थात (Meaning in Hindi): सुख के दिनों में यह जान पाना अत्यंत दुष्कर है कि कौन हितकारी है और कौन अहितकारी। जो मिलता है यार (मित्र) होने का दावा करता है। किंतु दुख के दिन आने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि किसकी यारी में दम है और कौन यारी का खोखला दावा करता है।
रहीम कहते हैं, विपत्ति आए तो दुखी नहीं होना चाहिए। वस्तुतः विपत्ति ही भली है, इसे झेलते हुए सुदिनों की प्रतीक्षा करनी चाहिए। विपत्ति हमेशा के लिए तो रहेगी नहीं, यह थोड़े दिन की ही मेहमान होती है। किंतु तब तक यह तो सबको पता चल जाता है कि जगत में कौन कौन हितकारी अथवा अहितकारी है।
रहिमन यों सुख होत है, बढ़त देखि निज गोत।
ज्यों बड़री अंखियां निरखि, आंखिन को सुख होत।।
Rahiman yon such hot hai, badhat dekhi nij got,
Jyon badari ankhiyan nirakhi, aankhin ko such hot
अर्थात (Meaning in Hindi): अपने वंश की वृद्धि से कौन प्रसन्न नहीं होता? सुख संपन्नता से परिपूर्ण वंश की अभिवृद्धि से निस्संदेह संतोष में भी वृद्धि होती है।
रहीम कहते हैं, वंश को बढ़ते देखकर अपार हर्ष होता है। यह सुख ऐसा है, जिस प्रकार बड़ी आंखें निहार कर आंखों को सुख मिलता है।
रहिमन थोरे दिनन को, कौन करे मुंह स्याह।
नहीं छलन को पर तिया, नहीं करन को ब्याह।।
Rahiman thore dinan ko, kaoun kare munh syaah
Nahin chhalan ko par tiya, nahin karan ko byaah
अर्थात (Meaning in Hindi): प्रौढ़ावस्था में रहीम जब विधुर हो गए थे तो मित्र उन्हें दूसरा विवाह करने की सलाह देते थे, जिसे वह कभी स्वीकार नहीं कर सके। उनका विचार था, सारे कामों का एक सुनिश्चित समय होता है, अतः उम्र के अनुकूल ही कोई भी कार्य करना चाहिए।
रहीम कहते हैं, अब जीवन के थोड़े से दिन शेष रह गए हैं, ऐसा कौन है जो अपने मुंह को स्याह करे। वृद्धावस्था में अकरणीय कर्म करके कौन अपकीर्ति का भागीदार बनना चाहेगा। अतः न परनारी को छलना चाहिए और न ही वृद्धावस्था में ब्याह करने की भूल करना उचित है।
बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय।
रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय।।
Bigri bat banai nahin, lakh karou kitan koy
Rahiman fate doodh ko, mathe na maakhan hoy
अर्थात (Meaning in Hindi): यदि बात बिगड़ जाए तो उस पर मुंह लटकाकर बैठने का कोई लाभ नहीं, बल्कि नए सिरे से नया उद्योग शुरू करना चाहिए। फटे दूध पर नासमझ रोता है। समझदार शीघ्र ताजा दूध लाता है। इसी प्रकार सब्जी जल जाए तो दुखी होने के बजाय दोबारा सब्जी बनानी चाहिए।
रहीम कहते हैं, बिगड़ी बात कभी नहीं बनती, भले ही लाख जतन कर लो। मक्खन ताजे दूध से निकल सकता है। फटे दूध को चाहे जितना मथ लो, उससे मक्खन नहीं निकाला जा सकता।
जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह।
रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छांड़त छोह।।
Jat pare jal jaat bahi, taji meenan ko moh,
Rahiman machhari neer ko, tau na chhadat chhoh
अर्थात (Meaning in Hindi): पतंगा जानता है कि दीपषिखा का स्पर्श करते ही वह प्राण त्याग देगा, किंतु दीपषिखा के प्रबल मोह में वह अपनी जान की भी परवाह नहीं करता और उस पर न्योछावर हो जाता है। मोह से वशीभूत होने वाला जान देने में कभी नहीं हिचकिचाता।
इस तथ्य को मछली की मिसाल से सिद्ध करते हुए रहीम कहते हैं, जाल में मछलियां फंसते ही जब उसे उठाया जाता है, तो जल मछलियों का मोह त्यागकर बह जाता है। जल की यह निष्ठुरता देखने के बावजूद मछलियां जल का साथ नहीं छोड़तीं।
25 Important परीक्षा में पूछे जाने वाले रहीम के दोहे :
अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं और विद्यालयी परीक्षाओं में रहीम के दोहे संबन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं जिनमें मार्क्स लाना आसान होता है किन्तु सही जानकारी और अभ्यास के अभाव में अक्सर विद्यार्थी रहीम के दोहों के प्रश्न में अंक लाने में कठिनाई अनुभव करते हैं। हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले रहीम के दोहों को अर्थ एवं व्याख्या सहित संग्रहीत किया है जिनका अभ्यास करके आप पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं।
- Rahim ke dohe रहिमन तब तक ठाहरय, मानः मान सम्मान
- Rahim ke dohe संसि की सीतल चादनी, सुंदर सबहिं सहाय
- Rahim ke dohe रहिमन कबहुं बड़ेन के, नाहि गर्व को लेस
- Rahim ke dohe बढ़त रहीम धनाढ्य घन, घनी घनी को जाइ।
- Rahim ke dohe रहिमन एक दिन वे रहे, बाच न सोहत हार।
- Rahim ke dohe रहिमन तीन प्रकार ते, हित अनहित पहिचानि।
- Rahim ke dohe राम नाम जान्यो नहीं, भइ पूजा में हानि।
- Rahim ke dohe समय दसा कुल देखि कै, सबै करत सनमान।
- Rahim ke dohe रहिमन अपने गोत को, सबै चहत उत्साह।
- Rahim ke dohe रहिमन खोजै ऊख में, जहां रसन की खानि।
- Rahim ke dohe समय पाय फल होत है, समय पाय झरि जाय।
- Rahim ke dohe बड़ माया को दोष यह, जो कबहूं घटि जाय।
- Rahim ke dohe बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय।
- Rahim ke dohe कदली, सीप, भुजंग-मुख, स्वाति एक गुन तीन।
- Rahim ke dohe रहिमन रीति सराहिए, जो घट गुन सम होय।
- Rahim ke dohe रहिमन यों सुख होत है, बढ़त देखि निज गोत।
- Rahim ke dohe रहिमन अब वे बिरछ कहं, जिनकी छांह गंभीर।
- Rahim ke dohe जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह।
- Rahim ke dohe रहिमन थोरे दिनन को, कौन करे मुंह स्याह।
- Rahim ke dohe रहिमन गली है सांकरी, दूजो ना ठहराहिं।
- Rahim ke dohe रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिए डारि।
- Rahim ke dohe रहिमन बहु भेषज करत, ब्याधि न छांड़त साथ।
- Rahim ke dohe रहिमन बहु भेषज करत, ब्याधि न छांड़त साथ।
- Rahim ke dohe बसि कुसंग चाहै कुसल, यह रहीम जिय सोस।
- Rahim ke dohe मान सहित विष खाय के, संभु भये जगदीस।