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पुण्डरीकाक्ष में कौन सा समास है? पुण्डरीकाक्ष का समास-विग्रह क्या है?

Pundrikakash mein kaun sa samas hai? Pundrikakash ka samas-vigrah kya hota hai?

पुण्डरीकाक्ष में कौन सा समास है?

बहुब्रीहि समास – पुण्डरीकाक्ष शब्द में बहुब्रीहि समास है।
पुण्डरीकाक्ष में समास का उपभेद बहुब्रीहि समास है
Pundrikakash mein kaun sa Samas hota hai?
Bahuvrihi Samas  – Pundrikakash shabd mein Bahuvrihi Samas  hai.

पुण्डरीकाक्ष का समास-विग्रह क्या है? Pundrikakash ka Samas-Vigrah kya hai?

पुण्डरीकाक्ष शब्द का समास-विग्रह निम्नानुसार होगा :

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समास (समस्त पद) समास-विग्रह
पुण्डरीकाक्ष : पुण्डरीक (कमल) के समान अक्षि (आँखें) है जिसकी -विष्णु
Pundrikakash : Pundrek (kamal) ke saman akshi (aankhen) hai jiski -Vishnu

क्योंकि पुण्डरीकाक्ष में बहुब्रीहि समास है इसलिए हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए बहुब्रीहि समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण को यहाँ पर संक्षेप में समझाया है। अगर विद्यार्थी बहुब्रीहि समास को विस्तार से पढ़ना चाहें तो नीचे दिये गए लिंक (बहुब्रीहि समास की परिभाषा – ) पर जा कर पढ़ सकते हैं।

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बहुब्रीहि समास की परिभाषा –

बहुब्रीहि समास [ सूत्र-अनेकमन्य पदार्थे ]-जिस समास में दोनों पद प्रधान न होकर कोई अन्य पद की प्रधानता होती है। उसे बहुब्रीहि समास कहते है। जैसे-दशानन-दस है मुख जिसके अर्थात् रावण

बहुब्रीहि समास के उदाहरण –

बहुब्रीहि समास के उदाहरण नीचे दिये गए हैं। विद्यार्थियों को इनका लिख लिख कर अभ्यास करना चाहिए।

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समास (समस्त पद) – समास-विग्रह
वज्रांग – वज्र के समान अंग है जिसके -शिव
वक्रतुण्ड – वक्र है तुण्ड जिसकी -गणेश
रेवतीरमरण – वह जो रेवती के साथ रमण करते हैं -बलराम
राजरोग – रोगों में राजा -असाध्य रोग, यक्ष्मा
रत्नगर्भा – वह जिसके गर्भ में रत्न हैं -पृथ्वी
रतिकांत – वह जो रति का कांत (पति) है -कामदेव
रघुपति – वह जो रघु के पति हैं -राम
रघुनन्दन – “रघु का नन्दन है जो -राम”
महेश्वर – महान है जो ईश्वर -शिव
मयूरवाहन – वह जिनके मयूर का वाहन है -कार्तिकेय

समास की परिभाषा :

समास का तात्पर्य होता है-‘संक्षिप्तीकरण’ और इसका शाब्दिक अर्थ होता है छोटा रूप। अथार्त जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को समास (Samas) कहते हैं। समास रचना में दो पद होते हैं। प्रथम पद को ‘पूर्वपद ‘ कहा जाता है और द्वितीय पद को ‘उत्तरपद ‘ कहा जाता है। इन दोनों से जो नया शब्द बनता है वो”समस्त पद” या” सामासिक शब्द” कहलाता है।

समास-विग्रह क्या होता है?

जब समस्त पद के सभी पद अलग-अलग किये जाते हैं उसे समास-विग्रह (Samas Vigrah) कहते हैं। समास-विग्रह सामासिक पद के शब्दों के मध्य संबंध को स्पष्ट करने के लिए किया जाता है।

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परीक्षा में पुण्डरीकाक्ष समस्त पद को लेकर कई प्रकार से प्रश्न पूछा जा सकता है जैसे कि पुण्डरीकाक्ष में कौन सा समास है? पुण्डरीकाक्ष शब्द में कौन सा समास होगा? पुण्डरीकाक्ष में कौन सा समास होता है? पुण्डरीकाक्ष में कौन सा समास है बताइये पुण्डरीकाक्ष का समास विग्रह बताइए पुण्डरीकाक्ष का समास विग्रह क्या है? पुण्डरीकाक्ष का समास विग्रह क्या होगा? आदि।

समास – परिभाषा, भेद, उदाहरण, समास-विग्रह

समास अभ्यास प्रश्न (Samas Worksheet)

महादेव में कौन सा समास है
घुड़सवार में कौन सा समास है
राज मर्यादा में कौन सा समास है
मित्र मंडली सामाजिक पद में कौन सा समास है
भूखंड में कौन सा समास है
चंद्रशेखर का समास विग्रह कीजिए
पराधीन’ समस्तपद में कौन-सा समास है?
आज जन्म में कौन सा समास है
चंद्रशेखर का समास विग्रह कीजिए
चंद्रशेखर में कौन सा समास है
घुड़सवार में कौन सा समास है
सचिवालय का सही समास विग्रह क्या है?
महादेव में कौन सा समास है
राज मर्यादा में कौन सा समास है
भूखंड में कौन सा समास है
पूर्व पद संख्यावाची वाला समास क्या कहलाता है

25 Important परीक्षा में पूछे जाने वाले सामासिक शब्द के उदाहरण:

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में समास संबंधी प्रश्न पूछे जाते हैं जिनमें मार्क्स लाना आसान होता है किन्तु सही जानकारी और अभ्यास के अभाव में अक्सर विद्यार्थी समास के प्रश्न में अंक लाने में कठिनाई अनुभव करते हैं। हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले समास के उदाहरण और समास-विग्रह के महत्वपूर्ण सामासिक पदों का संकलन किया है जिनका अभ्यास करके आप पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं।

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