प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना पर निबंध – 200 शब्द Pradhanmantri Ujjavala Yojna Essay in Hindi for class 6/7/8
बी.पी.एल धारक महिलाओं के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना प्रारंभ की गई थी । इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब परिवार की महिलाओं को रियायती दर पर अथवा नि:शुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध कराना था ।
गरीब महिलाओं द्वारा चूल्हा जलाने के लिए लकड़ी अथवा गोबर के ऊपलों का प्रयोग किया जाता है । ये लकड़ी उन्हें वन से काट कर लानी पड़ती है जिससे पर्यावरण को भी हानि होती है गरीब महिलाओं द्वारा चूल्हा जलाने के लिए लकड़ी अथवा गोबर के ऊपलों का प्रयोग किया जाता है । इस प्रकार के चूल्हों से निकलते धुऐं के दुष्प्रभाव से महिलायें भी अछूती नहीं रहतीं गरीब महिलाओं द्वारा चूल्हा जलाने के लिए लकड़ी अथवा गोबर के ऊपलों का प्रयोग किया जाता है । उन्हें आँखों और फेफड़ों के अलावा और भी कई रोगों का सामना करना पड़ता है गरीब महिलाओं द्वारा चूल्हा जलाने के लिए लकड़ी अथवा गोबर के ऊपलों का प्रयोग किया जाता है । इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना आरम्भ की गई थी । इस योजना का लाभ उठाने के लिए गरीब परिवार की महिलाओं को बहुत मामुली से दस्तावेज़ दिखाने होते हैं ।
आशा की जा रही है कि निकट भविष्य में गरीब परिवारों की महिलाएं चूल्हे से होने वाले धुऐं के दुष्परिणामों से बचाव कर पायेंगी एवं पर्यावरण को भी इससे बहुत लाभ होगा ।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना पर निबंध – 300 शब्द Pradhanmantri Ujjavala Yojna Essay in Hindi for class 9/10
“स्वस्थ ईंधन बेहतर जीवन” नारे के साथ १ मई २०१६ को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गरीब परिवारों की महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत की गई । इस योजना की शुरुआत सर्वप्रथम उत्तर प्रदेश के बलिया नामक गाँव से की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गाँव एवं शहर के गरीब परिवारों की बी.पी.एल. धारक महिलाओं को धुआँ मुक्त चूल्हा उपलब्ध कराना था ।
आमतौर पर गरीब परिवारों की महिलाओं का चूल्हा लकड़ी अथवा कंडों से जलता है । इस प्रकार के चूल्हे से जब धुआँ एवं विषैली गैस निकलते हैं तो वे महिलाओं के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है। ऐसे में महिलाए विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रस्त हो जाती हैं। जिनमें आँखों और फेफड़ों की मुख्य बीमारियों के साथ-साथ अन्य भी कई बीमारियाँ होती हैं। महिलायें तो इन बिमारियों से ग्रसित होती ही हैं साथ ही इसका दुष्प्रभाव घर में रह रहे अन्य सदस्यों पर भी अ है । इसके अलावा घर में महिला के बीमार रहने के कारण पूरा परिवार भी डगमगा जाता है । चूल्हे जलाने की लकड़ी के लिए वृक्षों को भी नुक्सान होता है । जलावन इकट्ठा करने और चूल्हा तैयार करने में भी महिलाओं के समय की बहुत बर्बादी होती है ।
इन समस्याओं से निजात पाने के लिए ही प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को प्रारंभ किया गया । इस योजना के अंतर्गत गरीब परिवार की महिलाओं को बहुत ही मामूली से दस्तावेज़ दिखाने होते हैं जिससे अधिक से अधिक बी.पी.एल. धारक महिलायें इस योजना का लाभ उठा सकें । ये दस्तावेज दिखाकर महिलाओं को एल.पी.जी. गैस का कनेक्शन मिल जाता है । यह एल.पी.जी. गैस कनेक्शन बहुत ही रियायती दर पर अथवा नि:शुल्क दिया जाता है।
इस योजना से बहुत से बी.पी.एल. परिवारों को लाभ पहुँचा है एवं अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत सरकार निरंतर कार्यरत है जिससे महिलाएं स्वस्थ जीवन का लाभ उठा सकें।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना पर निबंध – 500 शब्द Pradhanmantri Ujjavala Yojna Essay in Hindi for class 11/12
प्रस्तावना
हमारे देश में अभी भी बहुत से स्थान ऐसे हैं जहाँ गरीब परिवारों की महिलायें लकड़ी और कंडे जलाकर खाना पकाती हैं और इसका उन पर, उनके आसपास तथा पर्यावरण में बहुत गलत प्रबाव पड़ता है। इस दिशा में प्रारंभ की गई कई योजनाओं में से एक बहुत ही लाभदायक योजना का नाम है “प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना”। इस योजना की शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर १ मई २०१६ को उत्तर प्रदेश के बलिया गाँव से की गई थी, जहाँ बी.पी.एल. परिवार की १० महिलाओं को नि:शुल्क एल.पी.जी. गैस का सिलेंडर दिया गया था। इस योजना के अंतर्गत भारत सरकार गाँव एवं शहर में रहने वाले गरीब वर्ग की महिलाओं को मुफ्त अथवा कम दर पर एल.पी.जी. गैस उपलब्ध कराती है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य भारत के नागरिकों को स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण एवं महिला स्वास्थ्य, जीवाश्म ईंधन से खाना पकाने से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को कम करना, अशुद्ध ईंधन के प्रयोग से होने वाली मौतों में कमी लाना है। इससे चूल्हे में जलावन के लिए लकड़ी का उपयोग नहीं होने से जहाँ पेड़ों की कटाई की समस्या का समाधान होगा वहीँ धुआँ न होने के कारण प्रदूषण में भी कमी आएगी। महिलाओं एवं घर में रह रहे बच्चों में ईंधन के जलने से होने वाली बिमारियों में भी कमी आएगी। यह एक ऐसी योजना है जो स्वच्छता को भी बढ़ावा देगी । इससे हमारे गाँव और शहर स्वच्छ बनेंगे और महिलायें अच्छी तरह से अपना जीवन जी सकेंगी।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की है। इस योजना का बजट ९००० करोड़ का है जो २०२२ तक पूरा कर लिया जायेगा। इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
कैसे उठाएं लाभ
इस योजना का लाभ उठाने के लिए महिला का नाम सामाजिक जाति जनगणना में होना आवश्यक है। लाभार्थी को एल.पी.जी. वितरण केंद्र से आवेदन पत्र लेकर, जो कि नि:शुल्क उपलब्ध हो जाता है, उसे भरकर एवं आवश्यक दस्तावेजों की प्रतिलिपि लगाकर नजदीकी एल.पी.जी. वितरण केंद्र में जमा करना होता है। यह आवेदन पत्र आप इन्टरनेट से भी डाउनलोड कर सकते हैं।
आवेदन पत्र में साधारण जानकारी जैसे नाम, पता, मोबाइल अथवा फ़ोन नम्बर, आधार कार्ड संख्या, बैंक खाता संख्या आदि भरने होते हैं। जरूरी दस्तावेजों में राशन कार्ड, एक फोटो आई.डी., जाती प्रमाण पत्र, एक पासपोर्ट साइज़ फोटो, बिजली या पानी के बिल की प्रतिलिपि आदि लगाए जाते हैं। महिला लाभार्थी का स्वयं का बैंक खाता नम्बर होना आवश्यक है एवं उसकी न्यूनतम आयु १८ वर्ष होनी चाहिए।
इस योजना से जहाँ स्वास्थ्य, प्रदुषण एवं पर्यावरण पर प्रभाव पड़ेगा वहीं इसका प्रभाव रोजगार सृजन पर भी पड़ेगा क्योंकि गैस सिलेंडर, गैस स्टब्स और नियामकों के निर्माता घरेलू ही हैं।
चुनौती
इस योजना में कुछ चुनौती भी हैं जैसे, बी.पी.एल. परिवारों के उचित और प्रमाणिक आँकड़ों का आभाव, योजना के लाभों की जानकारी न होना, गैस की महँगी भराई और सिलेंडर की काला बजारी जैसी समस्याएं।
उपसंहार
निश्चित रूप से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना समय की माँग है और इससे महिला स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, समाज के कमजोर वर्ग की मदद, पर्यावरण सुधार और स्वस्थ समाज के निर्माण में इससे अवश्य ही सहयोग मिलेगा। जिन गरीब परिवारों ने इस योजना का लाभ उठाया है वे आराम से जीवन जी रहे हैं।