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प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों से आग्रह किया कि जनवरी से दिसंबर तक वित्तीय वर्ष पर विचार करें

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नीती कार्यक्रम की गवर्निंग काउंसिल की तीसरी बैठक को संबोधित करते हुए, रविवार को कहा कि राज्यों को जनवरी-दिसंबर में वित्तीय वर्ष की वृद्धि पर विचार करना चाहिए। प्रधानमंत्री के मुताबिक, भारत एक ऐसा देश है जहां कृषि की आय बेहद महत्वपूर्ण है| वर्ष के लिए प्राप्त होने के तुरंत बाद बजट तैयार किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने राज्यों को इस संबंध में पहल करने का आग्रह किया। कई अच्छे पहल और योजनाओं की विफलता के लिए प्रधान मंत्री ने खराब समय प्रबंधन का दोषी ठहराया।

प्रधानमंत्री मोदी ने 2022 को सपनो का भारत बनाने पर दिया जोर

मोदी ने राज्य सरकारों से कहा कि 2022 तक “स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का भारत” बनाना है| स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ के निर्माण के लिए केंद्र के साथ काम करना होगा। सभी राज्यों और केंद्र सरकार को मिलकर स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगाँठ पर हमें भारत की विश्व के सामने एक अलग ही छवि प्रस्तुत करनी है| उन्होंने राज्यों, स्थानीय सरकारों और सभी सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों से 2022 के लिए लक्ष्य तय करने का आग्रह किया| साथ ही उन्हें प्राप्त करने के लिए मिशन मोड में काम करने के लिए कहा।

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प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों से आग्रह किया कि जनवरी से दिसंबर तक वित्तीय वर्ष पर विचार करें

उन्होंने एक साथ संसदीय और राज्य विधानसभा चुनावों के आयोजन का विचार भी दोहराया| जिसमें कहा गया कि देश अब तक आर्थिक और राजनीतिक कुप्रबंधन से पीड़ित है| इस विषय पर रचनात्मक चर्चा पहले ही शुरू हो चुकी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि चुनाव एक साथ किए जाते हैं| तो राजनीतिक पार्टियां सिर्फ पांच साल में एक बार उन पर ध्यान केंद्रित कर सकती हैं और फिर गंभीर कार्य करने के लिए बाकी की अवधि का इस्तेमाल कर सकती हैं।

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बैठक के बाद एनआईटीआई के वाइस चेयरमैन अरविंद पानागारिया ने संवाददाताओं से कहा-प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि बीएचआईएम और आधार जैसे प्रौद्योगिकियों के उपयोग से राज्यों के लिए महत्वपूर्ण बचत होगी। उन्होंने राज्यों को भ्रष्टाचार को कम करने और सरकार की खरीद में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए जीएम (सरकारी ई-बाज़ार) मंच का उपयोग करने के लिए कहा।

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