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मृगनयनी में कौन सा समास है? मृगनयनी का समास-विग्रह क्या है?

Mrignayni mein kaun sa samas hai? Mrignayni ka samas-vigrah kya hota hai?

मृगनयनी में कौन सा समास है?

बहुब्रीहि समास – मृगनयनी शब्द में बहुब्रीहि समास है।
मृगनयनी में समास का उपभेद ब्याधिकरण बहुब्रीहि समास है
Mrignayni mein kaun sa Samas hota hai?
Bahuvrihi Samas  – Mrignayni shabd mein Bahuvrihi Samas  hai.

मृगनयनी का समास-विग्रह क्या है? Mrignayni ka Samas-Vigrah kya hai?

मृगनयनी शब्द का समास-विग्रह निम्नानुसार होगा :

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समास (समस्त पद) समास-विग्रह
मृगनयनी : मृग के नयनों के समान है नयन जिसके अर्थात् रूपवती स्त्री
Mrignayni : Mrig ke nayno ke saman hai nayan jikse arthath roopvati istri

क्योंकि मृगनयनी में बहुब्रीहि समास है इसलिए हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए बहुब्रीहि समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण को यहाँ पर संक्षेप में समझाया है। अगर विद्यार्थी बहुब्रीहि समास को विस्तार से पढ़ना चाहें तो नीचे दिये गए लिंक (बहुब्रीहि समास की परिभाषा – ) पर जा कर पढ़ सकते हैं।

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बहुब्रीहि समास की परिभाषा –

बहुब्रीहि समास [ सूत्र-अनेकमन्य पदार्थे ]-जिस समास में दोनों पद प्रधान न होकर कोई अन्य पद की प्रधानता होती है। उसे बहुब्रीहि समास कहते है। जैसे-दशानन-दस है मुख जिसके अर्थात् रावण

बहुब्रीहि समास के उदाहरण –

ब्याधिकरण बहुब्रीहि समास के उदाहरण नीचे दिये गए हैं। विद्यार्थियों को इनका लिख लिख कर अभ्यास करना चाहिए।

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समास (समस्त पद) – समास-विग्रह
शूलपाणि – शूल है हाथ में जिसके अर्थात् शंकर
मृगनयनी – मृग के नयनों के समान है नयन जिसके अर्थात् रूपवती स्त्री
वीणापाणि – वीणा है हाथ में जिसके अर्थात् सरस्वती
कुसुमाकर – वह जिसके कुसुम के शर है-कामदेव
हिमतनया – वह जो हिम की तनया है-पार्वती
सूर्यपुत्र – वह जो सूर्य का पुत्र है-कर्ण
नकटा – कट गई है नाक जिसकी
कुसुमायुध – कुसुम का आयुध जिसका-कामदेव
शाखामृग – शाखा का है मृग जो-बंदर
रावनारि – रावण का है शत्रु जो-राम

समास की परिभाषा :

समास का तात्पर्य होता है-‘संक्षिप्तीकरण’ और इसका शाब्दिक अर्थ होता है छोटा रूप। अथार्त जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को समास (Samas) कहते हैं। समास रचना में दो पद होते हैं। प्रथम पद को ‘पूर्वपद ‘ कहा जाता है और द्वितीय पद को ‘उत्तरपद ‘ कहा जाता है। इन दोनों से जो नया शब्द बनता है वो”समस्त पद” या” सामासिक शब्द” कहलाता है।

समास-विग्रह क्या होता है?

जब समस्त पद के सभी पद अलग-अलग किये जाते हैं उसे समास-विग्रह (Samas Vigrah) कहते हैं। समास-विग्रह सामासिक पद के शब्दों के मध्य संबंध को स्पष्ट करने के लिए किया जाता है।

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परीक्षा में मृगनयनी समस्त पद को लेकर कई प्रकार से प्रश्न पूछा जा सकता है जैसे कि मृगनयनी में कौन सा समास है? मृगनयनी शब्द में कौन सा समास होगा? मृगनयनी में कौन सा समास होता है? मृगनयनी में कौन सा समास है बताइये मृगनयनी का समास विग्रह बताइए मृगनयनी का समास विग्रह क्या है? मृगनयनी का समास विग्रह क्या होगा? आदि।

समास – परिभाषा, भेद, उदाहरण, समास-विग्रह

समास अभ्यास प्रश्न (Samas Worksheet)

चौराहा में कौन सा समास है
महादेव में कौन सा समास है
कन्यादान में कौन सा समास है
यथाक्रम में कौन-सा समास है ?
पंचवटी में कौन सा समास है
पराश्रित में कौन सा समास है?
देवासुर में कौन सा समास है
लोकप्रिय में कौन सा समास है
देवासुर का समास विग्रह कीजिए
मृगनयनी में कौन सा समास है
समास विग्रह से क्या तात्पर्य है
हिमालय का समास विग्रह
मृगनयन में कौन सा समास है
जितेंद्रिय का समास विग्रह
चक्रपाणि में कौन सा समास है
वनवास में कौन-सा समास है

25 Important परीक्षा में पूछे जाने वाले सामासिक शब्द के उदाहरण:

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में समास संबंधी प्रश्न पूछे जाते हैं जिनमें मार्क्स लाना आसान होता है किन्तु सही जानकारी और अभ्यास के अभाव में अक्सर विद्यार्थी समास के प्रश्न में अंक लाने में कठिनाई अनुभव करते हैं। हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले समास के उदाहरण और समास-विग्रह के महत्वपूर्ण सामासिक पदों का संकलन किया है जिनका अभ्यास करके आप पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं।

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