अहमदाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सितम्बर महीने में कम से कम दो बार अपने गृहप्रदेश गुजरात की यात्रा करेंगे. इन यात्राओं का उद्देश्य कुछ महत्वाकांक्षी विकास परियोजनाओं के शिलान्यास के बहाने हाल ही में राज्य सभा चुनाव में पटखनी खाई भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई में फिर से संजीवनी फूंकना है ताकि आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा फिर से सत्ता का स्वाद चख सके.
इन महत्वाकांक्षी योजनाओं में बुलेट ट्रेन का शिलान्यास और सरदार सरोवर बाँध को राष्ट्र को समर्पित करना शामिल हैं. इन के पीछे पार्टी की सोच गुजरात की जनता के सामने भाजपा को विकासोन्मुख पार्टी दिखाना है जिसके साथ गुजरात का स्वर्णिम भविष्य निर्माण किया जा सकेगा.
दरअसल अगस्त में हुए राज्यसभा चुनावों में भाजपा की राज्य इकाई भरपूर जोर लगा कर भी सोनिया गाँधी के करीबी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को राज्य सभा के लिए चुने जाने से नहीं रोक पाई. इस मुद्दे पर भाजपा की जबरदस्त किरकिरी भी हुई. यह चुनाव भाजपा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेतृत्व के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया था जिसमें जीत कांग्रेस के हाथ लगी.
नरेंद्र मोदी की पहली यात्रा 13-14 सितम्बर को जापानी प्रधान मंत्री शिंजो-आबे के साथ होगी जब वे साबरमती रेलवे स्टेशन पर बुलेट ट्रेन का शिलान्याश करेंगे. इस यात्रा के दौरान जापान और भारत के बीच 10 से अधिक आपसी सहयोग और पारस्परिक व्यापार के मसौदों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है.
इसके बाद नरेंद्र मोदी १७ सितम्बर को दुबारा गुजरात जायेंगे जब वे नर्मदा महोत्सव में शिरकत करेंगे. भाजपा ने सरदार सरोवर बाँध के लोकार्पण के अवसर पर राज्य भर में अनेकों समारोहों का आयोजन किया है. दिसंबर में होने वाले चुनावों को देखते हुए प्रधानमंत्री की इन गुजरात यात्राओं को खासा महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
नर्मदा महोत्सव को गुजरात के विकास मॉडल को रेखांकित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. ध्यान रहे कि नर्मदा पर सरदार सरोवर बाँध की विभिन्न पर्यावरणीय संस्थाओं ने कड़ी आलोचना भी की है. मेधा पाटेकर वर्षों से इस बाँध के खिलाफ एक आंदोलन चलाती आ रही हैं.
राजनीतिक मामलों के विशेषज्ञ विद्युत् जोशी के अनुसार जैसे जैसे दिसंबर के गुजरात विधानसभा चुनाव नजदीक आएंगे, मोदी की गुजरात यात्रायें बढ़ती जाएंगी. भाजपा निश्चित ही नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और विकास पुरुष की उनकी इमेज को चुनाव में भुनाना चाहेगी.
हालांकि भाजपा द्वारा कांग्रेस को विकास के मुद्दे पर घेरने को कुछ राजनीतिक विद्वान् भाजपा के गुजरात को लेकर नर्वस्नेस को दिखाता है क्योंकि गुजरात में भाजपा लगभग बीस सालों से सत्ता में है और ऐसे में विकास के मुद्दे पर कांग्रेस पर सवाल उठाना खुद भाजपा को कटघरे में खड़ा कर सकता है.
कांग्रेस पार्टी के एक प्रवक्ता के अनुसार जिस प्रकार हाल ही में कांग्रेस के खिलाफ कुछ पोस्टर कैंपेन चलाये गए हैं वह भाजपा के अंदर बेचैनी को दिखाता है.