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मोदी सरकार ने जारी की 20 स्मार्ट शहरों की लिस्ट, बिहार यूपी और बंगाल को दिखाया ठेंगा

नई दिल्ली. आखिर केंद्र की नरेंद्र मोदी नीत भाजपा सरकार केंद्र सरकार ने पहले 20 स्मार्ट सिटीज वाली लिस्ट घोषित कर ही दी. वेंकैय्या नायडू द्वारा आज जारी इस लिस्ट में सबसे ज्यादा 3 शहर मध्य प्रदेश से चुने गए हैं . वहीँ यूपी, बिहार और प. बंगाल जैसे बड़े और प्रमुख राज्यों से एक भी शहर को इस 20 स्मार्ट सिटीज की लिस्ट में स्थान बनाने में सफलता नहीं मिली है .

modi government announces 20 smart cities listफर्स्ट फेज में 20 और अगले हर दो साल में 40-40 शहरों को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए सिलेक्ट किया जाएगा। इन शहरों को पहले साल 200- 200 करोड रुपए और बाद में तीन साल तक 100-100 करोड़ दिए जाएंगे। अरबन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री के कॉन्सेप्ट नोट के मुताबिक, देश में अभी शहरी आबादी 31 फीसदी है, लेकिन इसकी भारत के जीडीपी में हिस्सेदारी 60 पर्सेंट से ज्यादा है। 100 स्मार्ट सिटीज बनाने का टारगेट रखा गया है जिसके लिए 48000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

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यूपी, बिहार और बंगाल से कोई भी शहर क्यों नहीं चुना गया?

सबसे मुख्य कारण जो साफ़ नजर आता है वह यह कि यूपी में इस साल इलेक्शन नहीं है वहीँ बिहार में पिछले साल बीजेपी पहले ही चुनाव हार चुकी है। इसलिए बिहार से किसी भी शहर को चुने जाने से उसके चुनावी प्रॉस्पेक्ट्स पर असर नहीं पड़ने वाला . पश्चिम बंगाल में इस साल इलेक्शन होने के बाद भी वहां भाजपा को अपना भविष्य अधिक नहीं नजर आ रहा .

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वैसे सरकार का कहना है कि 1.52 करोड़ लोगों ने स्मॉर्ट सिटीज के सिलेक्शन प्रॉसेस में हिस्सा लिया जिसके नतीजों के आधार पर इन 20 सिटीज को सबसे पहले स्मार्ट सिटी बनाया जायेगा :
1. भुवनेश्वर 2. पुणे 3. जयपुर 4. सूरत 5. कोच्चि 6. अहमदाबाद 7. जबलपुर 8. विशाखापट्टनम 9. सोलापुर 10. दावणगेरे 11. काकीनाड़ा 12. नई दिल्ली, 13 इंदौर, 14. कोयम्बटूर,15. बेलगाम, 16. उदयपुर, 17. गुवाहाटी, 18. लुधियाना 19. चेन्नई 20. भोपाल

स्मार्ट सिटी में ट्रांसपोर्ट, रेजिडेंशियल, बिजली-पानी, हेल्थ और एजुकेशन की सुविधाएं देने के लिए कुछ मानक तय किए गए हैं।
1. ट्रांसपोर्ट
– स्मार्ट सिटी के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान जाने का ट्रैवल टाइम 45 मिनट से ज्यादा न हो।
– कम से कम 2 मीटर चौड़े फुटपाथ हों।
– रिहाइशी इलाकों से 800 मीटर की दूरी या 10 मिनट वॉक पर बस या मेट्रो की सुविधा हो।
2. रिहाइश
– 95 फीसदी रिहाइशी इलाके ऐसे हों जहां 400 मीटर से भी कम दूरी पर स्कूल, पार्क और रीक्रिएशन पार्क मौजूद हों।
– 20 फीसदी मकान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए हों।
– कम से कम 30 फीसदी रिहाइशी और कमर्शियल इलाके बस या मेट्रो स्टेशन से 800 मीटर की दूरी के दायरे में ही हों।
3. बिजली और पानी
– स्मार्ट सिटी में 24*7 पानी और बिजली सप्लाई हो।
– 100 फीसदी घरों में बिजली कनेक्शन हों। सारे कनेक्शनों में मीटर लगा हो।
– लागत में नुकसान न हो। यानी कोई बिजली-पानी चोरी न कर पाए।
– प्रति व्यक्ति कम से कम 135 लीटर पानी दिया जाए।
4. वाईफाई कनेक्टिविटी
– 100 फीसदी घरों तक वाईफाई कनेक्टिविटी हो।
– 100 एमबीपीसी की स्पीड पर वाईफाई पर मिले।
5. हेल्थ
– स्मार्ट सिटी में इमरजेंसी रिस्पॉन्स टाइम 30 मिनट से ज्यादा न हो।
– हर 15 हजार लोगों पर एक डिस्पेंसरी हो।
– एक लाख की आबादी पर 30 बिस्तरों वाला छोटा अस्पताल, 80 बिस्तरों वाला मीडियम अस्पताल और 200 बिस्तरों वाला बड़ा अस्पताल हो।
– हर 50 हजार लोगों पर एक डायग्नोस्टिक सेंटर हो।
5. एजुकेशन
– 15 फीसदी इलाका एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के लिए हो।
– हर 2500 लाेगों पर एक प्री-प्राइमरी, हर 5000 लोगों पर एक प्राइमरी, हर 7500 लोगों पर एक सीनियर सेकंडरी और हर एक लाख की आबादी पर पहली से 12वीं क्लास तक का एक इंटिग्रेटेड स्कूल हो।
– सवा लाख की आबादी पर एक कॉलेज हो।
– 10 लाख की आबादी पर एक यूनिवर्सिटी, एक इंजीनियरिंग कॉलेज, एक मेडिकल कॉलेज, एक प्रोफेशनल कॉलेज और एक पैरामेडिकल कॉलेज हाे।

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