अनहोनी और पुनर्जन्म के कई किस्से आपने सुने होंगे. लेकिन क्या कभी देखा है कि चिता पर लेटा हुआ मृत शख्स उठ बैठता है. अगर ऐसा होता है तो शायद ही आपको अपने आँखों पर विश्वास होगा या ऐसा भी हो सकता है कि आप इस दृश को देख बेहोश हो जाएं.
ऐसी ही एक अविश्वसनीय घटना कर्णाटक के गाँव में घटी है. जहाँ 17 वर्षीय युवक को उसके मौत के बाद जब श्मशान ले जाया जा रहा था कि उसने अचानक से अपनी आँखे खोल दी. कर्णाटक के एक छोटे से गाँव में रहने वाला कुमार मारवाड नाम का ये युवक एक बेहद ही गरीब परिवार से है. कुमार को करीब एक महीने पहले एक कुत्ते ने काट लिया था. जिसके बाद उसकी स्थिति बेहद गंभीर हो गई थी. अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक युवक को एक कुत्ते ने काट लिया था. जिसके बाद वो तेज बुखार से पीड़ित था. कुमार को जब उसके परिवार वाले अस्पताल ले गए तो डॉक्टर ने कहा कि इन्फेक्शन उसके पुरे शरीर में फ़ैल गया है. जिसके कारण उसे बचाना मुश्किल है. अब उसे वेंटीलेटर के सहारे ही जिन्दा रखा जा सकता है. ये सुन कर परिवार वालों ने उसे घर ले जाना ही बेहतर समझा.
युवक के जीजा ने मीडिया को बताया कि, “डॉक्टर ने जब उसे वेंटीलेटर पर रखने की बात कही तो हम लोग उसे घर ले आये. घर आने के बाद कुमार के शरीर ने हरकत करना बंद कर दिया. जिसके बाद उसे मृत मान लिया गया. जिसके बाद रिश्तेदारों ने उसके अंतिम संस्कार की तैयारी कर ली और उसके मृत शरीर को लेकर पास ही दुसरे गाँव के श्मशान की ओर चल पड़े. लेकिन शवयात्रा के दौरान कुछ ऐसा हुवा. जीसे देख कर सभी हैरान रह गए.
शवयात्रा श्मशान से कुछ दो किलोमीटर पीछे ही थी कि अचानक कुमार ने अपनी आँखे खोल दी और तेजी से सांस लेते हुए अपने हाथ-पैर हिलाने लगा. जिसे देख लोग उसे आनन फानन में अस्पताल ले गए. जहाँ उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. कुमार को अभी वेंटीलेटर पर रखा गया है.
कुमार अभी डॉक्टरों की निगरानी में है. उसका इलाज कर रहे डॉक्टर महेश नीलखंटनवार ने अपने रिपोर्ट में बताया है कि, “कुमार अभी वेंटिलेटर पर है. हमें शक है कि वह मेनिंगोइंसेफलाइटिस नाम के इंफेक्शन से ग्रस्त है. जो कुत्ते के काटने से होने वाला एक प्रकार का इंफेक्शन है.”
कुमार एक दिहाड़ी मजदूर है. गरीबी के कारण उसने 9वीं कक्षा में ही पढ़ाई छोड़ दी थी. उसके बाद वो परिवार की आर्थिक मदद के लिए मजदूरी करने लगा था. कुमार के पीता ने बताया कि उनके दो बेटे हैं कुमार छोटा बेटा है उनका बड़ा बेटा विकलांग है. इस वक्त उन्हें कुमार के इलाज के लिए आर्थिक मदद की जरुरत है.