दिल्ली/जेएनयू: पिछली नौ फरवरी को जेएनयू में अफज़ल गुरु की बरसी पर देशविरोधी नारे लगने के बाद हुए हंगामे का पहला चैप्टर आज जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गुपचुप रिहाई के साथ समाप्त हो गया. कन्हैया कुमार को कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत मिलने के बाद बड़े गुपचुप तरीके से दिल्ली पुलिस ने उसे जेएनयू कैंपस पहुंचा दिया और मीडिया को इसकी कानोकान खबर नहीं लगने दी गई.
जेएनयू पहुँचने के बाद कन्हैया कुमार ने जेएनयू को बचाने की लड़ाई लड़ने वालों का शुक्रिया अदा करते हुए जोरदार भाषण दिया जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि “हमें भारत से नहीं, भारत में आजादी चाहिए।” अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कन्हैया की स्पीच को शानदार करार दिया. कन्हैया ने कहा- फर्जी ट्वीट करने वाले संघियों से आजादी चाहिए. कन्हैया की वापसी के बाद जेएनयू कैम्पस में ‘जय भीम’ और ‘लाल सलाम’ के नारे लगे।कन्हैया ने आजादी के नारे लगाते हुए कहा कि देश को आरएसएस, असमानता, सामंतवाद, जातिवाद और शोषण से आजादी चाहिए। ये समस्याओं से ध्यान भटकाने की साजिश है। हम समस्या से आजादी चाहते हैं।’ हमें फर्जी ट्वीट करने वाले संघियों से भी आजादी चाहिए। जेएनयू को भुलाना आसान नहीं।”
कन्हैया ने देश की सरकार को जनविरोधी बताया कन्हैया ने आरएसएस, ABVP और भाजपा किसी को नहीं बक्शा और उन्होंने कहा कि “वो नकली इंकलाबी हैं, हम असली।” जेएनयू को बचाने की जरुरत पर जोर देते हुए कन्हैया ने कहा कि “यहां चपरासी और राष्ट्रपति के बेटे एक साथ पढ़ सकते हैं। लेकिन सरकार शिक्षा को भी बेचना चाहती है।” उन्होंने सरकार के जेएनयू विरोधी रुख के पीछे की वजह का खुलासा किया और कहा कि “इस देश की सत्ता ने जब-जब अत्याचार किया है, जेएनयू से बुलंद आवाज आई है। सरकार इसीलिए जेएनयू में दमन करना चाहती है और जेएनयू को बंद करना चाहती है .
कोर्ट के फैसले पर कन्हैया ने कहा कि “मुझे देश के संविधान पर भरोसा है।”
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर बोलते हुए कन्हैया ने कहा कि “दिन में मोदीजी भाषण दे रहे थे। उन्होंने स्टालिन का जिक्र किया। तब लगा कि टीवी में घुस जाऊं और उनका सूट पकड़ कर कहूं कि हिटलर पर भी बोलिए। मोदी जी मन की बात करते हैं, मोदी जी से मेरी मां ने कहा था कि कभी मां की भी बात करें। वो भी किसी मां के बेटे हैं।” इसके बाद उन्होंने प्रधान मंत्री के ट्वीट पर करारा टौन्ट कैसा और कहा कि “हम भी कहते हैं सत्यमेव जयते।”
जेएनयू में स्पीच के बाद सोशल मीडिया पर भी रिएक्शन दिखा। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कन्हैया के भाषण को शानदार बताया। सुबह केजरीवाल ने एक और ट्वीट करते हुए लिखा, “मैंने कई बार बोला था कि मोदी जी, स्टूडेंट्स से पंगे मत लो। मोदी जी नहीं माने।” कुमार विश्वास ने भी ट्वीट कर लिखा- “साहब, ये छोटा रिचार्ज नेटवर्क न उड़ा दे?”
इंदिरा जय सिंह ने कहा कि “कन्हैया पॉलिटिशियन नहीं, क्रांति है।” वहीँ मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट किया “इंडियन पॉलिटिक्स का लेटेस्ट स्टार्टअप।” सबसे ज्यादा चुटकी भरा कॉमेंट नरेंद्र नाथ का आया जब उन्होंने कहा – “दिन में मोदी ने नए नेता की बात की, शाम को कन्हैया एप्लिकेशन ले आया।” – नरेंद्र नाथ
देशद्रोह मामले में जेल से छूटने के बाद कन्हैया ने कहा कि वह अपनी कहानी एक किताब लिख कर सभी देशवासियों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने लाएंगे. कन्हैया ने कहा कि उन्हें मीडिया ट्रायल का शिकार बनाया गया है. “मैं अपनी कहानी खुद लिखूंगा। इसकी शुरुआत मैंने जेल में ही कर दी है। मैंने कभी भी भारत के खिलाफ कुछ नहीं बोला। मुझे भरोसा है कि सच कायम रहेगा। सही बातें धीरे-धीरे सामने आ रही हैं। मैं लंबी लड़ाई के लिए तैयार हूं।”
कन्हैया की रिहाई के बाद उसके गांव में जश्न का माहौल है। उसकी मां ने कहा- “मैं उसकी मां हूं और मुझे अपनी परवरिश पर पूरा भरोसा है। मैं पहले से ही कहती रही हूं कि वह एंटी-नेशनल नहीं है। उसे सभी आरोपों से बरी किया जाना चाहिए।”
इससे पहले, गुरुवार को जेएनयू देश विरोधी नारेबाजी मामले में दो वीडियो के साथ छेड़छाड़ की बात सामने आई। दिल्ली सरकार के ऑर्डर पर हैदराबाद की लैब में इसकी फोरेंसिक जांच की गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दो वीडियो में जो शख्स दिखाई नहीं दे रहे, उनकी आवाज जोड़ी गई है।