भारत के प्रथम प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू के कुछ प्रसिद्द अनमोल एवं प्रेरक विचार आपके लिए प्रस्तुत है:
आप तस्वीरों के चेहरे दीवार की तरफ मोड़ के इतिहास का रुख नहीं बदल सकते.
अगर मैं आश्वस्त हूँ कि मैं सही कदम उठा रहा हूँ, तो वह कदम ही मुझे संतुष्टि प्रदान करता है.
अच्छी नैतिक स्थिति में होना कम से कम उतना ही अभ्यास मांगता है जितना कि अच्छी शारीरिक स्थिति में होना.
अज्ञानता बदलाव से हमेशा डरती है.
असफलता तब मिलती है जब हम अपने आदर्श, उद्देश्य और सिद्धांत भूल जाते हैं.
एक नेता और एक कर्मशील पुरुष संकट के समय लगभग हमेशा ही पहले अपने अंतस की आवाज के अनुसार काम करते हैं फिर बाद में उस काम को करने के कारण खोजते हैं.
एक सिद्धांत का वास्तविकता के साथ संतुलन बहुत जरुरी है.
खतरा देख कर भागने का प्रयास करने वाला व्यक्ति अपने आप को ज्यादा खतरे में डाल लेता है.
जाहिर है, दक्षता का सबसे अच्छा प्रकार वह है जो मौजूदा सामग्री का अधिकतम लाभ उठा सके.
जरुरत से ज्यादा सतर्क रहने की नीति सभी खतरों में सबसे बड़ा खतरा है.
जीवन ताश के पत्तों के खेल की तरह है. आपके हाथ में जो है वह नियति है, जिस तरह से आप खेलते हैं वह स्वतंत्र इच्छा है.
Nehru Prerak Vichar
जो सच्चाई है, वह है, आपके नापसंद करने से वह बदल नहीं जायेगी !
नागरिकता देश की सेवा में निहित है.
जो व्यक्ति अधिकतर अपने ही गुणों का बखान करता रहता है वो अक्सर सबसे कम गुणी होता है.
पूर्ण रूप से आन्दोलनकारी रवैया किसी विषय की गहन विवेचना के लिए ठीक नहीं है.
महान कार्य और छोटे लोग साथ नहीं चल सकते.
मैं पूर्व और पश्चिम का अनूठा मिश्रण बन गया हूँ, हर जगह बेमेल सा, कहीं पर भी घर जैसा महसूस नहीं करता.
यदि पूंजीवादी समाज की शक्तियों को अनियंत्रित छोड़ दिया जाए तो वो अमीर को और अमीर और गरीब को और गरीब बना देंगी.
लोकतंत्र और समाजवाद लक्ष्य पाने के साधन मात्र हैं, अपने आप में लक्ष्य नहीं.
लोकतंत्र अच्छा है . मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि बाकी व्यवस्थाएं और भी बुरी हैं.
लोगों की कला उनके दिमाग का सत्य प्रतिबिम्ब है.
वह व्यक्ति जो सब कुछ पा चुका है, वह चाहता है कि हर बात शांति और व्यवस्था के पक्ष में हो.
शांति राष्ट्रों का सम्बन्ध नहीं है. शांति सिर्फ युद्ध का अभाव नहीं है. यह मन की एक अवस्था है.
शांति के अभाव में बाकी सारे सपने विलुप्त हो जाते हैं और राख में मिल जाते हैं.
जीवन में भय से बुरा और खतरनाक कुछ भी नहीं है.
संकट और गतिरोध से सामना होने का एक फायदा यह होता है कि वे हमें सोचने पर मजबूर करते हैं.
संकट के समय हर छोटी चीज मायने रखती है.
संस्कृति मन और आत्मा का विस्तार है.
समय सालों के बीतने से नहीं मापा जाता बल्कि किसी ने क्या किया, क्या महसूस किया , और क्या हांसिल किया, इससे मापा जाता है.
समाजवाद…ना केवल जीने का एक तरीका है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक समस्याओं के निदान का एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण है.
सह- अस्तित्व का केवल एक विकल्प है सह- विनाश.
सुझाव देना और बाद में उसके नतीजे से बचने की कोशिश करना, बेहद आसान है
स्वामिभक्त और योग्य पुरुष सदैव महान उद्देश्य के लिए कार्य करते हैं. यह महान उद्देश्य भले ही तुरंत न पहचाना जाये किन्तु अंतत: इस का फल मिलता है.
दुनिया सौंदर्य, आकर्षण और रोमांच से भरी हुई है. यदि हम खुली आँखों से खोजे तो यहाँ रोमांच का कोई अंत नहीं है.
हम वास्तविकता में क्या हैं यह इस बात से कहीं अधिक मायने रखता है कि और लोग हमारे बारे में क्या सोचते हैं .
हमारे अन्दर सबसे बड़ी कमी यह है कि हम चीजों के बारे में बात ज्यादा करते हैं और काम कम.
हमें थोडा विनम्र रहना चाहिए; हमें सोचना चाहिए कि शायद सत्य पूर्ण रूप से हमारे साथ ना हो.
हर एक हमलावर राष्ट्र की यह दावा करने की आदत होती है कि वह अपनी रक्षा के लिए हमला कर रहा है.