अच्छा पड़ोस मिलने का अर्थ है- स्वर्ग का टिकट मिलना। अच्छे पड़ोसी भाग्य से मिलते हैं। हमारे दैनिक जीवन का सुख एवं शान्ति पड़ोसियों पर ही निर्भर करती है। पड़ोसी अच्छे होंगे तो वातावरण और परिवेष में मैत्री और स्नेह के फूल खिलेंगे। आपकी जीवनशैली और जीवन स्तर में सुधार होगा। पड़ोस में बुरे लोग रहते हों तो मानो नरक के द्वार खुल गये। हर समय गाली गलौच, मार पीट और कलह क्लेष का सामना करना पड़ेगा।
इस विषय में मैं सौभाग्यशाली हूँ। मेरा पड़ोस अच्छा है।
मेरे घर के सामने श्रीमान बसन्त अरोड़ा का परिवार रहता है। वे बहुत अच्छे लोग हैं। डा. अरोड़ा हड्डियों के डाक्टर हैं। उनके परिवार के सभी सदस्य बहुत सभ्य एवं सुशिक्षित हैं।
उनका बेटा मेरे से बड़ा है। अक्सर वह मुझे अपने कालज की बातें बताता है। उनकी पत्नी एक धार्मिक महिला हैं जो सदैव दूसरों की मदद करने को तत्पर रहती हैं। हमारे परिवार का उनके साथ रोज का उठना बैठना है। मेरे घर के बिल्कुल साथ वाले घर में श्रीमान अमन शर्मा रहते हैं। वह एक विद्यालय में अध्यापक हैं। उनकी पत्नी, जिन्हें हम चाची जी कह कर पुकारते हैं, वह एक नर्स हैं। दोनों पति पत्नी बहुत हँसमुख स्वभाव के हैं। उनके बच्चे विदेश में रहते हैं। वह हमें अपने बच्चों की तरह समझते हैं।
भगवान बड़ा कृपालु है मगर वह सदैव संतुलन बना कर रखता है। इतने अच्छे पड़ोस के साथ उसने हमें एक ऐसे पड़ोसी भी दिये हैं जो पूरा परिवार हर समय झगड़ा करता रहता है और गाली दिये बगैर उसके बच्चे बात नहीं करते। यूँ तो मुहल्ले में सबसे अधिक पूजा पाठ उन्हीं के यहाँ होती है। मगर बड़ों की इज्जत यह छोटों को प्यार जैसी बातों से वह बिल्कुल अनभिज्ञ हैं। भगवान उन्हें सुमति दें।
कलोनी के बाकी सभी परिवार भी अच्छे हैं। हम सब आपस में मिलते जुलते रहते हैं- और जरूरत पड़ने पर एक दूसरे की मदद करते हैं। पड़ोसी जरूरत के समय संबंधियों से पहले काम आते हैं। मुझे अपने अच्छे पड़ोस पर गर्व है।