भगवान ने अपना खजाना प्राकृति के हाथों पृथ्वी पर लुटाया है। ऊँचा पहाड़, कल कल करती नदियाँ, सूर्य चन्द्र, सितारे, बर्फ और रेगिस्तान प्रत्येक वस्तु भगवान का गुणगान करती हुई लगती हैं। रंग बिरंगे फूल और खट्टे मीठे फल सभी के रंग रूप निराले हैं। सब्जियाँ हों या फल स्वाद और गुण सभी में भरपूर हैं। किसी में कुछ विशेष है तो किसी में कुर्छ। लेकिन जिसमें सब कुछ है वो ‘आम’ है।
सेब, केला, अमरूद, अंगूर, चीकू, मौसमी, संतरा सब फल स्वाद से भरपूर होते हैं। किन्तु फलों का राजा तो ‘आम’ ही है।
आम मेरा प्रिय फल है इसीलिये कि आम विशिष्टहै। आम की दर्जनों किस्में देश भर में उपलब्ध है। सफेदा, लंगड़ा, चौसा, तोतिया, दशहरी, हाफिज आमों की किस्मों में जितनी विविधता है उतनी ही उनके रूप रंग और स्वाद में भी है। सफेदा मिठास से लबालब भरा है तो चौसा कुछ अलग मीठापन लिये है, दशहरी में कुछ अलग मिठास है। हर व्यक्ति की अपनी अपनी पसंद होती है।
आम के उपयोग भी अनगिनत हैं। कच्चे आम का पनाह गर्मियों में लू से बचाता है। कच्चे आम की चटनी, मुरब्बा और अचार सभी को अच्छे लगते हैं। आम गर्मियों का फल है। ठंडे रसीले आमों को काट कर खायें, चूस कर खायें या उनको दूध में डालकर मेंगो शेक बनायें, स्वाद लाजवाब ही होगा। आम के रस से बने आम पापड़ और खटाई के लिये बना अमचूर भी बहुत उपयोगी होता है। मुम्बई में मिलने वाला आलफेंजा आम बहुत स्वादिष्ट किन्तु बहुत महँगा होता है।
आम के गुण ‘आम’ नहीं हैं। आजकल यह हमारे देश के लिये विदेशी मुद्रा भी कमा रहा है। आम के निर्यात से हमें विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है।
आम का नियमित सेवन खून बनाता है। लेकिन इसका बहुत अधिक खाना नुकासनदेह हो सकता है। इसकी तासीर गर्म होती है। पानी में रख कर, ठंडा करके खाने से आम नुकसान नहीं करता।