छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सीआरपीएफ के जवानों पर एक नृशंस हमले में उनकी कथित सहभागिता के लिए सीआरपीएफ ने नक्सल विरोधी अभियान में 10 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। 10 नक्सलियों में गिरफ्तार किए गए है,जिनमे एक किशोर है|
इस वर्ष सुरक्षा बलों के नक्सलियों द्वारा घातक हमले में कम से कम 25 सीआरपीएफ जवान मारे गए और सात घायल हुए। पिछले महीने छत्तीसगढ़ के जंगल में एक नयी सड़क के दौरान सीआरपीएफ के एक दल पर लगभग 300 भारी सशस्त्र माओवादियों ने हमला किया था। यह हमला सीआरपीएफ के 74 वें बटालियन के कर्मियों पर हुआ| वे स्थानीय लोगों की सड़क निर्माण और जिले में समाशोधन गतिविधियों की सहायता कर रहे थे। इस घटना की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अत्यधिक निंदा की थी| उन्होंने सुकमा में ‘ठंडे खूनी हत्या’ के अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया था।
सुकमा हमले में 25 सीआरपीएफ जवान हुए थे शहीद
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि केन्द्रीय और राज्य सरकार एक साथ काम करने के लिए यह सुनिश्चित करेगी कि अपराधियों को सूची में लाया जाये। सिंह ने रायपुर में एक पुष्पहार समारोह के दौरान जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि यह कायर और दुर्भाग्यपूर्ण कार्य निराशा और हताशा से अवगत कराता है। माओवादियों द्वारा यह कायराना हरकत केंद्र सरकार बिलकुल नहीं सहेगी| हम शांत नहीं बैठने वाले| हम इसका मुहतोड़ जवाब देंगे|
2010 से छत्तीसगढ़ में माओवादियों का यह सबसे बड़ा हमला था| जब 76 सीआरपीएफ के जवानों की मौत हो गई थी। 11 मार्च को सुक्मा में एक समान माओवादी हमले में बारह सीआरपीएफ जवानो की मौत हो गई थी। यह घटना उस समय आती है जब देश की सबसे बड़ी अर्धसैनिक बल पूर्णकालिक प्रमुख के बिना है| ज्ञात हो कि दुर्गा प्रसाद 28 फ़रवरी को रिटायर हुए थे, जिनके बाद अभी तक कोई भी उस पद पर पोस्ट नहीं हुआ है|