रहीम के दोहे Rahim ke dohe in hindi
बिपति भए धन ना रहे, होय जो लाख करोर।
नभ तारे छिपि जात हैं, ज्यों रहीम भए भोर ।।
Bipati bhaye dhan na rahe, hoy jo lakh karor
Nabh tare chip jaat hain, jyon Rahim bhaye bhor
अर्थात (Meaning in Hindi): संसार में सबकुछ नष्वर है, यह जानते हुए भी मूढ़जन मोह माया में फंसकर धन संचय में लगे रहते हैं। धन संपत्ति का कोई भरोसा नहीं, वह कभी भी हाथ से निकल सकती है। लोग विपत्ति का सामना करने के लिए धन संचय करते हैं, जबकि विपत्ति से बचने के लिए पुण्य संचय करना अधिक आवश्यक है। क्योंकि धन संपत्ति विपत्ति के समय साथ छोड़ देती है।
रहीम कहते हैं, जब विपत्ति आती है तो धन भी नहीं रहता। भले ही लाखों करोड़ों क्यों न हों, सब विपत्ति की भेंट चढ़ जाते हैं। जिस घर में कभी खुशियों से सबके चेहरे दमकते थे, वे उसी प्रकार बुझ जाते हैं, जिस प्रकार सुबह होते ही आकाश के समस्त दमकते तारे विलुप्त हो जाते हैं।
कुटिलन संग रहीम कहि, साधू बचते नाहिं।
ज्यों नैना सैना करें, उरज उमेठे जाहिं।।
Kutilan sang rahim kahi, sadhu bachte naahin
Jyon naina saina Karen, uraj umethe jaahin
अर्थात (Meaning in Hindi): बुरे व्यक्ति की संगति से बचना बहुत कठिन होता है। उनका साथ होने पर उनका प्रभाव अवश्य पड़ता है।
रहीम कहते हैं कि जब कोई स्त्री किसी पुरूष की ओर कामुकता से देखती है, तब उस पुरूष के मन में उस स्त्री का स्तन मर्दन करते की कामुक भावना जागती है।
यहां स्त्री के इस प्रकार संकेतों को कुचेष्य ही माना जाएगा, तभी तो पुरूष के मन में कामुक भावनाओं का जन्म हुआ। इसी प्रकार बुरे व्यक्तियों की संगति में कोई भी बुरे कर्मों में संलग्न हो सकता है। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जिससे बचा नहीं जा सकता।
रहिमन जा डर निसि परै, ता दिन डर सिय कोय।
पल पल करके लागते, देख् कहां धौं होय।।
Rahiman ja dar nisi parai, ta din dar siy koy
Pal pal karke laagte, dekh kahan dhoun hoy
अर्थात (Meaning in Hindi): रात में जिन कारणों से डर लगता है, वही भय सीता को दिन में क्यों लगा? क्षण क्षण करके समय बीता जा रहा है। देखते हैं इस प्रकार कहां तक चलेगा।
भाव यह है कि रात में आदमी अनेक कारणों से कार्य करते हुए डरता है। लेकिन दिन में वही कार्य किसी और करते हुए देखकर भयभीत नहीं होता। रात के अंधकार में व्यक्ति को भय होता है अर्थात् भगवान भक्त ऐसे कार्यों से हमेशा भयभीत होता है। प्रत्येक बीता हुआ कल मृत्यु की ओर ले जा रहा है। यह सोचकर भगवान के प्रति सच्ची लगन लगानी चाहिए।
रहिमन बात अगम्य की, कहन सुनन का नाहिं।
जे जानत ते कहत नाहिं, कहत ते जानत नाहिं।।
Rahiman bat agamy kee, kahan sunan ka nahin
Je jaanat te kahat nahin, kahat te jaanat nahin
अर्थात (Meaning in Hindi): रहीम कहते हैं कि गंभीर, गहन, न समझ में आने वाली बातें व्यवहार में कहने और सुनने के लिए नहीं होतीं, जो इस तथ्य को समझते हैं, वे ऐसी अबोधगम्य बातों को सभी के सामने नहीं करते और जो न जानने योग्य बात को भी बोल देते हैं, वे इस तथ्य को नहीं समझते।
भाव यह है कि गंभीर और गहन बात हर किसी के सामने नहीं करनी चाहिए। ऐसी बात तो व्यवहार की न हो, उसे कहना और सुनना नहीं चाहिए, जो व्यक्ति इस बात को जानते हैं, वे ऐसी बात का कभी खुलासा नहीं करते, किंतु जो मूढ़ हैं, वे इस बात को बढ़ा चढ़ाकर कह देते हैं, जो सबके सामने नहीं कहना चाहिए। ऐसे नासमझ लोगों से सदैव बचकर रहना चाहिए।
25 Important परीक्षा में पूछे जाने वाले रहीम के दोहे :
अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं और विद्यालयी परीक्षाओं में रहीम के दोहे संबन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं जिनमें मार्क्स लाना आसान होता है किन्तु सही जानकारी और अभ्यास के अभाव में अक्सर विद्यार्थी रहीम के दोहों के प्रश्न में अंक लाने में कठिनाई अनुभव करते हैं। हमने प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले रहीम के दोहों को अर्थ एवं व्याख्या सहित संग्रहीत किया है जिनका अभ्यास करके आप पूर्ण अंक प्राप्त कर सकते हैं।
- Rahim ke dohe रहिमन तब तक ठाहरय, मानः मान सम्मान
- Rahim ke dohe संसि की सीतल चादनी, सुंदर सबहिं सहाय
- Rahim ke dohe रहिमन कबहुं बड़ेन के, नाहि गर्व को लेस
- Rahim ke dohe बढ़त रहीम धनाढ्य घन, घनी घनी को जाइ।
- Rahim ke dohe रहिमन एक दिन वे रहे, बाच न सोहत हार।
- Rahim ke dohe रहिमन तीन प्रकार ते, हित अनहित पहिचानि।
- Rahim ke dohe राम नाम जान्यो नहीं, भइ पूजा में हानि।
- Rahim ke dohe समय दसा कुल देखि कै, सबै करत सनमान।
- Rahim ke dohe रहिमन अपने गोत को, सबै चहत उत्साह।
- Rahim ke dohe रहिमन खोजै ऊख में, जहां रसन की खानि।
- Rahim ke dohe समय पाय फल होत है, समय पाय झरि जाय।
- Rahim ke dohe बड़ माया को दोष यह, जो कबहूं घटि जाय।
- Rahim ke dohe बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय।
- Rahim ke dohe कदली, सीप, भुजंग-मुख, स्वाति एक गुन तीन।
- Rahim ke dohe रहिमन रीति सराहिए, जो घट गुन सम होय।
- Rahim ke dohe रहिमन यों सुख होत है, बढ़त देखि निज गोत।
- Rahim ke dohe रहिमन अब वे बिरछ कहं, जिनकी छांह गंभीर।
- Rahim ke dohe जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह।
- Rahim ke dohe रहिमन थोरे दिनन को, कौन करे मुंह स्याह।
- Rahim ke dohe रहिमन गली है सांकरी, दूजो ना ठहराहिं।
- Rahim ke dohe रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिए डारि।
- Rahim ke dohe रहिमन बहु भेषज करत, ब्याधि न छांड़त साथ।
- Rahim ke dohe रहिमन बहु भेषज करत, ब्याधि न छांड़त साथ।
- Rahim ke dohe बसि कुसंग चाहै कुसल, यह रहीम जिय सोस।
- Rahim ke dohe मान सहित विष खाय के, संभु भये जगदीस।