भर गया जी हनीफ़ जी जी कर, थक गए दिल के चाक सी सी कर। में कौन सा अलंकार है?
bhar gaya jee haneef jee jee kar thak gaye dil ke chak see see kar mein kaun sa alankar haiभर गया जी हनीफ़ जी जी कर, थक गए दिल के चाक सी सी कर। यों जिये जिस तरह उगे सब्ज़, रेग जारों में ओस पी पी कर।।
प्रस्तुत पंक्ति में यमक अलंकार है क्योंकि इस में जी जी की आवृति हुई है और उसका अलग अलग अर्थ निकल कर आ रहा है। एक जी का अर्थ जीने से है तो दूसरे जीने का अर्थ मन से है।
प्रस्तुत पंक्ति में यमक अलंकार का भेद:
यमक अलंकार के उदाहरण :
यमक अलंकार का अन्य उदाहरण:
आप यमक अलंकार को अच्छी तरह से समझ सकें इसलिए यमक अलंकार के कुछ अन्य उदाहरण निम्नलिखित हैं:
यमक अलंकार का अन्य उदाहरण है – रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सुन। पानी गए न उबरे बिन पानी सब सून। इस पंक्ति में पानी शब्द का प्रयोग दो बार हुआ है, लेकिन अर्थ दोनों ही बार अलग अलग है।
“ कनक कनक तें सो गुना मादकता अधिकाई “ इसमें कनक के दो अर्थ हैं – धतूरा और स्वर्ण। अतः; इसमें यमक अलंकार है।
काव्य पंक्ति में अन्य अलंकार –
अलंकार के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर जाएँ:
Advertisement
अलंकार – परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
- रूपक अलंकार की परिभाषा, अंग (भेद) एवं उदाहरण Roopak Alankar in Hindi
- “या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी। ” में कौन सा अलंकार है?
- ” पास ही रे हीरे की खान ,खोजता कहां और नादान? में कौन सा अलंकार है?
- ऊंचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊंचे घोर मन्दर ले अन्दर रहाती है। में कौन सा अलंकार है?
- ऊधौ जोग जोग हम नाही। अबला सारज्ञान कह जानै, कैसै ध्यान धराही। में कौन सा अलंकार है?