कश्मीर: बांदीपोरा (कश्मीर) में सेना के जवानो ने शिविर पर हमला करने वाले चार आतंकवादी को मार गिराया| केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने सोमवार को जम्मू और कश्मीर के बांदीपोर जिले में अपने एक शिविर में सुबह आत्मघाती हमले को नाकाम कर दिया। आतंकवादियों ने उत्तर कश्मीर के एसम्बल क्षेत्र में 3:45 बजे सीआरपीएफ के 45 बटालियन शिविर में हथगोले फेंके थे। उसके बाद दोनों तरफ से भारी गोलीबारी हुई।
सीआरपीएफ ने चारो आतंकवादी को मौत के घाट उतरा
सीआरपीएफ के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल एम दिनकरन ने आईएएनएस से कहा, फिदायीन उग्रवादियों ने गोलीबारी की, क्योंकि वे शिविर में घुसने की कोशिश कर रहे थे। सीआरपीएफ संतरी और सुब्बल पुलिस ने यह हमला नाकाम कर दिया। सौभाग्य से सीआरपीएफ की ओर से कोई नुकसान नहीं हुआ। दीनाकरन ने कहा कि चार आतंकवादियों के शवों के साथ कई हथियार बरामद किए गए हैं, जिनकी पहचान अभी तक स्थापित नहीं हुई है। अधिकारी ने कहा कि चार एके -47 राइफलें, एक दर्जन से अधिक ग्रेनेड और गोला बारूद साथ में बड़ा कैश भी जब्त कर लिया गया है।
सीआरपीएफ के एसम्बल शिविर 45 वें बटालियन का मुख्यालय है| जिसका नेतृत्व चेतन कुमार चीता करते हैं| जो 2016 में बांदीपोर में आतंकवादियों से लड़ते हुए नौ गोलियों के बावजूद बच गए थे। घटना की पुष्टि करते हुए जम्मू कश्मीर के डीजीपी शेश पॉल वेद ने ट्वीट किया, “सीआरपीएफ शिविर पर आत्मघाती हमले करने का प्रयास कर रहे 4 आतंकियों मार गिराया गया है। # जय हिन्द|
45 Bn @crpfindia / @JmuKmrPolice killed 4 terrorists at Sumbal #Bandipore who were attempting suicidal attack on CRPF camp. #JaiHind ??
— Shesh Paul Vaid (@spvaid) June 5, 2017
सेना ने 28 मई को पुंछ के कृष्णागटी सेक्टर में एक घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया था| जबकि उसने एक घुसपैठ की गोली मारकर हत्या कर दी थी। 17 मई को राजौरी जिले के बालाकोटे सेक्टर में एलओसी पर पाकिस्तान सेना ने आगे पोस्टो पर गोलीबारी की थी। पाकिस्तानी सेना ने 15 और 16 मई के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा पर अग्निकृत क्षेत्रों और नागरिक इलाकों को निशाना बनाया था। इस साल मई में पाकिस्तान की सेना ने गोलीबारी की, जिससे 12,000 से अधिक लोगों को प्रभावित किया है।
पाकिस्तानी सेना ने 13 मई को नाशेरा इलाके में नियंत्रण रेखा के साथ सीमांत क्षेत्रों और मोर्टेरों के साथ पोस्टो पर गोलीबारी की| जिसमे दो नागरिकों की मौत हो गई और तीन घायल हो गए| गृह मंत्रालय ने आरटीआई के जवाब में कहा था कि पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम के उल्लंघन की कम से कम एक घटना 2015 और 2016 में जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर दैनिक हुई. जिसमें 23 सुरक्षा कर्मियों ने अपने प्राण खो दिया। 2012 और 2016 के बीच प्रदेश में 1,142 आतंकवादी घटनाएं हुईं थीं| जिसमें 236 सुरक्षाकर्मी और 90 नागरिक मारे गए थे| यह एक पीटीआई भाषा संवाददाता ने दायर आरटीआई के एक उत्तर के जवाब में कहा।