आवत जात कुंज की गलियन रूप सुधा नित पीजै गोपी पद-पंकज पावन की में कौनसा अलंकार है?
आवत जात कुंज की गलियन रूप सुधा नित पीजै गोपी पद-पंकज पावन की रज जामे भीजै में कौनसा अलंकार है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिये।
आवत जात कुंज की गलियन रूप सुधा नित पीजै गोपी पद-पंकज पावन की रज जामे भीजै में रूपक अलंकार है। इस काव्य पंक्तियों में यह बताया गया है कि कुंज की गलियों में आते जाते नित्य गोपिकाओं के रूप सुधा का पान होता है। गोपियों के पैरों को कमल मान लिया गया है जिसके पावन स्पर्श से सभी भींग रहे है।
यहाँ उपमेय गोपिकाओं के रूप सौन्दर्य पर उपमान सुधा आरोपित किया गया है इसलिए रुपक अलंकार है। पद उपमेय पर कमल उपमान आरोपित किया गया है इसलिए रुपक अलंकार है। पद पंकज और रूप सुधा में अभेद न होने के कारण रुपक अलंकार है।
इस उदाहरण में जहां जहां पर उपमेय और उपमान आए हैं, वो हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए नीचे लिख दिये हैं:-
उपमेय – उपमान
रूप सौन्दर्य – सुधा
पद- कमल
जहां किन्हीं दो व्यक्ति या वस्तुओं में इतनी समानता हो कि दोनों में अंतर करना मुश्किल हो जाए वहां रूपक अलंकार होता है।
अथवा जहां उपमेय उपमान का रूप धारण कर ले वहां रूपक अलंकार होता है। रूपक अलंकार अर्थालंकार का एक प्रकार है।
आवत जात कुंज की गलियन रूप सुधा नित पीजै गोपी पद-पंकज पावन की रज जामे भीजै में रूपक अलंकार से संबन्धित प्रश्न परीक्षा में कई प्रकार से पूछे जाते हैं। जैसे कि – यहाँ पर कौन सा अलंकार है? दी गई पंक्तियों में कौन सा अलंकार है? दिया गया पद्यान्श कौन से अलंकार का उदाहरण है? पद्यांश की पंक्ति में कौन-कौन सा अलंकार है, आदि।
आवत जात कुंज की गलियन रूप सुधा नित पीजै गोपी पद-पंकज पावन की रज जामे भीजै पंक्तियों में रूपक अलंकार के अलावा और कौन सा अलंकार उपस्थित है?
पद-पंकज पावन में अनुप्रास अलंकार।
Important Alankar in Hindi अलंकार के उदाहरण एवं हिन्दी अलंकार पर प्रश्न जो परीक्षा में पूछे जा सकते हैं।
- रूपक अलंकार की परिभाषा, अंग (भेद) एवं उदाहरण Roopak Alankar in Hindi
- “या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी। ” में कौन सा अलंकार है?
- ” पास ही रे हीरे की खान ,खोजता कहां और नादान? में कौन सा अलंकार है?
- ऊंचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊंचे घोर मन्दर ले अन्दर रहाती है। में कौन सा अलंकार है?
- ऊधौ जोग जोग हम नाही। अबला सारज्ञान कह जानै, कैसै ध्यान धराही। में कौन सा अलंकार है?
- ऐसे दुरादुरी ही सों सुरत जे करैं जीव, साँचो तिन जीवन को जीवन है जग में। में कौन सा अलंकार है?
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- कबीरा सोई पीर है, जो जानै पर पीर। में कौन सा अलंकार है?
- कहि ‘सुन्दर’ नंद कुमार लिए, तन को तनकौ नहिं चैन कहूँ। में कौन सा अलंकार है?
- काली घटा का घमंड घटा। में कौन सा अलंकार है?