चंडीगढ़: कुछ अख़बारों और मीडिया में आई जाट आंदोलन कारियों द्वारा आरक्षण आंदोलन के दौरान सोनीपत के मुरथल में सुखदेव ढाबे के पास 22 फरवरी की सुबह कुछ महिलाओं के साथ रेप किये जाने की घटना को आर्मी ने पूरी तरह से नकार दिया है . आर्मी ने कहा है कि 20 फरवरी को आर्मी की तैनाती होने के बाद से एरिया में एक-दो चैन स्नैचिंग की घटनाएं तो जानकारी में आयीं लेकिन इन्हें छोड़कर महिलाओं के साथ किसी भी तरह की अभद्रता किये जाने की कोई घटना नहीं घटी है .
25 फरवरी को प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ़ इंडिया की टीम ने सोनीपत का दौरा किया और आर्मी ऑफिसर्स से बात की जिन्होंने 20 फरवरी से ही इस एरिया की सुरक्षा का जिम्मा संभल लिया था.
महिलाओं के साथ हुई अभद्रता या रेप के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कर्नल बीके पांडा ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि ऐसी कोई घटना सोनीपत में मुरथल के पास हाईवे पर नहीं हुई है . उन्होंने कहा कि इक्का-दुक्का चैन छीनने कि घटना हुईं हैं लेकिन सोनीपत में महिलाओं के साथ मिसबिहेव किये जाने की खबर गलत हैं.
आर्मी का यह बयान एक अखबार में छपी उन ख़बरों को खंडन करता है जिनमें बताया गया था की २२ फरवरी कि सुबह करीब १ बजे मुरथल के समीप सोनीपत में हाईवे पर आंदोलनकारियों ने कुछ महिलाओं के साथ बेअदबी की थी. इस रिपोर्ट में जिला प्रशासन पर भी यह इलज़ाम लगाया गया था की उन्होंने पीड़ितों को इस मामले को दबाने का दबाव डाला था .
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के संवाददाताओं ने अमरीक सुखदेव ढाबा के संचालकों से पूछताछ की ताकि इस घटना की सत्यता का परीक्षण किया जा सके. लेकिन उन्होंने भी ऐसी किसी घटना के होने इंकार किया. यहाँ तक की ढाबा के मालिक अमरीक सिंह ने खुद एक आई जी स्तर के अधिकारी के सामने बयान देकर ऐसी घटना से साफ़ इंकार किया. बता दें की जहाँ यह घटना हुई बताई जा रही है वह जगह अमरीक-सुखदेव ढाबे से मात्र कुछ कदम की दूरी पर है .
पंजाब पुलिस ने भी ऐसी किसी घटना से इंकार किया है. वहीँ पास के गाँव हसनपुर-कुराड़ के सरपंच ने भी ऐसी किसी भी महिलाओं से बदसलूकी की बात से इंकार किया है.
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फिलहाल ने पंजाब हाई कोर्ट ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.