छत्तीसगढ़ की अदालत में एक विशेष मामले पर कार्यवाही रात भर चली. दरअसल यह मामला नाबालिग आदिवासी लड़कियों को देह व्यापार के दलदल में धकेलने और उनके साथ दुष्कर्म करने से जुड़ा था. मामले पर सुनवाई शुरू होने के बाद फैसला सुनाने वाले जज समेत अदालत के कर्मचारी और पुलिस के जवान भी अदालत में ही रुके रहे.
कार्रवाई के बाद मामले से जुड़ा फैसला सुबह में आया. जिसमेंविशेष लोक अभियोजक रंजना दत्ता के अनुसार कोरबा जिले की विशेष अदालत ने इस मामले में 212 पन्ने का फैसला सुनाया है। इसमें 7 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। जबकि एक को 14 साल और एक को 10 साल की सजा सुनाई गई है. दोषियों में तीन महिलाएं भी शामिल हैं.
पुलिस के अनुसार, कोरबा जिले के उरगा इलाके में 9जून, 2015 को नाबालिग आदिवासी लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने और उनसे देह व्यापार करवाने वाले गिरोह के 11 लोगों को पकड़ा गया था. यह गिरोह आदिवासी लड़कियों को काम के बहाने गांव से बाहर ले जाता था और उनसे देह व्यापार करवाता था.