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प्रकृति का अनुराग-अंचल हिल रहा है में कौनसा अलंकार है?

प्रकृति का अनुराग-अंचल हिल रहा है में कौनसा अलंकार है?

प्रकृति का अनुराग-अंचल हिल रहा है में कौनसा अलंकार है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिये।

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प्रकृति का अनुराग-अंचल हिल रहा है में रूपक अलंकार है। इस काव्य पंक्ति में यह कहा गया है कि प्रकृति का अनुराग रूपी अञ्चल उमग से हिल रहा है। इस पंक्ति में प्रकृति के प्रेम पर आँचल का आरोप किया गया है इसलिए यहाँ रुपक अलंकार है।

दूसरे शब्दों में कहे तो प्रकृति के प्रेम और आँचल में कोई भेद नहीं किया गया है। इसे उपमेय पर उपमान का आरोप कहतें है।

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इस उदाहरण में जहां जहां पर उपमेय और उपमान आए हैं, वो हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए नीचे लिख दिये हैं:-

उपमेय – उपमान

अनुराग – अञ्चल

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जहां किन्हीं दो व्यक्ति या वस्तुओं में इतनी समानता हो कि दोनों में अंतर करना मुश्किल हो जाए वहां रूपक अलंकार होता है।

अथवा जहां उपमेय उपमान का रूप धारण कर ले वहां रूपक अलंकार होता है। रूपक अलंकार अर्थालंकार का एक प्रकार है।

प्रकृति का अनुराग-अंचल हिल रहा है में रूपक अलंकार से संबन्धित प्रश्न परीक्षा में कई प्रकार से पूछे जाते हैं। जैसे कि – यहाँ पर कौन सा अलंकार है? दी गई पंक्तियों में कौन सा अलंकार है? दिया गया पद्यान्श कौन से अलंकार का उदाहरण है? पद्यांश की पंक्ति में कौन-कौन सा अलंकार है, आदि।

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प्रकृति का अनुराग-अंचल हिल रहा है पंक्तियों में रूपक अलंकार के अलावा और कौन सा अलंकार उपस्थित है?

प्रकृति को स्त्री के रूप में वर्णन के कारण मानवी करण अलंकार , अ वर्ण की आवृति के कारण अनुराग- अञ्चल में अनुप्रास अलंकार, ल वर्ण की आवृति के कारन अनुपास अलंकार

Important Alankar in Hindi अलंकार के उदाहरण एवं हिन्दी अलंकार पर प्रश्न जो परीक्षा में पूछे जा सकते हैं।

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