अंबर-पनघट में डुबो रही तारा-घट उषा-नागरी में कौनसा अलंकार है?
अंबर-पनघट में डुबो रही तारा-घट उषा-नागरी में कौनसा अलंकार है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिये।
अंबर-पनघट में डुबो रही तारा-घट उषा-नागरी में रूपक अलंकार है। ‘अंबर-पनघट में डुबो रही तारा-घट उषा-नागरी’ इस काव्य पंक्ति में आकाश रूपी पनघट में उषा रूपी स्त्री तारा रूपी घड़े डुबो रही है। इसमें आकाश पर पनघट का और उषा पर स्त्री का तथा तारा पर घड़े का आरोप है, इसलिए यहाँ ‘रूपक अलंकार’है।
दूसरे शब्दों में कहें तो अंबर, तारा और उषा से क्रमशः पनघट, घड़ा एवं नागरी (स्त्री) का संबंध ऐसे वर्णित किया गया है कि इनके मध्य कोई भेद ही नहीं रह गया है। इसी को उपमेय में उपमान का आरोप कहते हैं।
इस उदाहरण में जहां जहां पर उपमेय और उपमान आए हैं, वो हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए नीचे लिख दिये हैं:-
उपमेय–उपमान
अम्बर – पनघट
तारा – घट
ऊषा – नागरी
जहां किन्हीं दो व्यक्ति या वस्तुओं में इतनी समानता हो कि दोनों में अंतर करना मुश्किल हो जाए वहां रूपक अलंकार होता है।
अथवा जहां उपमेय उपमान का रूप धारण कर ले वहां रूपक अलंकार होता है। रूपक अलंकार अर्थालंकार का एक प्रकार है।
अंबर-पनघट में डुबो रही तारा-घट उषा-नागरी में रूपक अलंकार से संबन्धित प्रश्न परीक्षा में कई प्रकार से पूछे जाते हैं। जैसे कि – यहाँ पर कौन सा अलंकार है? दी गई पंक्तियों में कौन सा अलंकार है? दिया गया पद्यान्श कौन से अलंकार का उदाहरण है? पद्यांश की पंक्ति में कौन-कौन सा अलंकार है, आदि।
अंबर-पनघट में डुबो रही तारा-घट उषा-नागरी पंक्तियों में रूपक अलंकार के अलावा और कौन सा अलंकार उपस्थित है?
यहाँ पर प्रकृति का मानवीकरण अलंकार (उषा रूपी स्त्री) भी है।
Important Alankar in Hindi अलंकार के उदाहरण एवं हिन्दी अलंकार पर प्रश्न जो परीक्षा में पूछे जा सकते हैं।
- रूपक अलंकार की परिभाषा, अंग (भेद) एवं उदाहरण Roopak Alankar in Hindi
- “या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी। ” में कौन सा अलंकार है?
- ” पास ही रे हीरे की खान ,खोजता कहां और नादान? में कौन सा अलंकार है?
- ऊंचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊंचे घोर मन्दर ले अन्दर रहाती है। में कौन सा अलंकार है?
- ऊधौ जोग जोग हम नाही। अबला सारज्ञान कह जानै, कैसै ध्यान धराही। में कौन सा अलंकार है?
- ऐसे दुरादुरी ही सों सुरत जे करैं जीव, साँचो तिन जीवन को जीवन है जग में। में कौन सा अलंकार है?
- कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौरात नर या पा बौराय।। में कौन सा अलंकार है?
- कबीरा सोई पीर है, जो जानै पर पीर। में कौन सा अलंकार है?
- कहि ‘सुन्दर’ नंद कुमार लिए, तन को तनकौ नहिं चैन कहूँ। में कौन सा अलंकार है?
- कहै कवि बेनी बेनी ब्याल की चुराई लीनी में कौन सा अलंकार है?